लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) यूपी पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को मजबूत करने के लिए कई अहम और बड़े फैसले ले रहे हैं. हाल ही में सीएम योगी ने आतंकवादियों और धर्मांतरण गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करने वाली एजेंसी यूपी एटीएस को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) (Federal Bureau of Investigation) और होमलैंड सेक्युरिटी जैसी विदेशी एजेंसियों से ट्रेनिंग दिलाने का निर्देश दिया था.
ऐसे में अब यूपी पुलिस की ट्रेनिंग में बदलाव के साथ ही इसकी कार्यशैली में भी बड़ा बदलाव होता दिखाई देगा. साथ ही इसका सीधा असर आम लोगों की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा जो पहले से और भी मजबूत होती दिखाई देगी. यूपी सरकार के इस नए ब्लू प्रिंट के तहत प्रथम फेज में यूपी एटीएस और एसटीएफ को शामिल किया गया है. यूपी एटीएस को विदेशी एजेंसी से 'क्राइसिस रिस्पांस टाइम', 'उच्च जोखिम वाले आतंकवंदियों से टकराव', 'ब्लास्ट के बाद इन्वेस्टिगेशन', जैसे मुख्य बिंदुओं पर एफबीआई से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी.
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क्या होंगे लाभ : यूरोपीय देश और अमेरिका में जिस तरह आतंकवादियों व स्लीपर सेल्स को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, उसी तर्ज पर अब यूपी में विदेश की एजेंसियों से ट्रेनिंग दिलाने के बाद देश के सुरक्षा को भी कई लाभ होंगे. उच्च अधिकारियों के अनुसार विदेशों से ट्रेनिंग लेने के बाद यूपी एटीएस को स्लीपर सेल्स को पूरी तरह खत्म करने में सहायता मिलेगी. इस दौरान आतंकवादियों से जुड़ी हर जानकारी को समय पर जुटाने समेत उनका सफाया आदि करने से संबंधित विदेशी एजेंसियों की तरह की कार्यशैली यूपी एटीएस सीखेगी और उसे यहां क्रियान्वित भी करेगी.
एटीएस के अधिकारी बताते हैं कि यूपी एटीएस को मजबूत करने के लिए जल्द ही स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) की नई टीम बनाई जाएगी. इसके लिए अगले 100 दिनों में ऊर्जावान, दक्ष व कर्मठ जवानों को जगह दी जाएगी.
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