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गरीबों को आवास देने के लिए केंद्र सरकार से यूपी ने मांगे 13 लाख घर, पांच महीने से हो रहा इंतजार - प्रधानमंत्री आवास योजना

उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) की तरफ से अप्रैल महीने में 13 लाख आवास (13 lakh houses) स्वीकृत किए जाने के लिए अनुरोध करते हुए एक पत्र केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Union Ministry of Rural Development) को भेजा गया था, लेकिन चार-पांच महीने का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी अभी इस पर पत्राचार आगे नहीं बढ़ा है.

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Published : Sep 5, 2022, 7:09 PM IST

लखनऊ : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को घर मुहैया कराए जाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से डिमांड की है. उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से 13 लाख पीएम आवास स्वीकृत किए जाने की मांग की गई है. पिछले पांच महीने से मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक 13 लाख आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं. जिससे गरीबों को आवास दिए जाने में ब्रेक लग गया है.

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) में घर लेने के लिए 24 लाख 67 हजार से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया था और केंद्र सरकार ने 2020-21 व 2021-22 में उत्तर प्रदेश को कुल 11 लाख 66000 आवास स्वीकृत किए थे. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 13 लाख प्रधानमंत्री आवास केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृत किए जाने की प्रक्रिया तो कई बार चली, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से आवास मंजूर नहीं किए गए. जिससे पंजीकरण के बावजूद लोगों को आवास नहीं मिल सके. उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से अप्रैल महीने में 13 लाख आवास स्वीकृत किए जाने के लिए अनुरोध करते हुए एक पत्र केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन चार-पांच महीने का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी अभी इस पर पत्राचार आगे नहीं बढ़ा है. यानी कि अभी भी केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से उत्तर प्रदेश में 13 लाख परिवारों को मिलने वाले घर देने की योजना में फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है.

ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार 13 लाख आवास देने के मूड में नहीं है. केंद्र सरकार का फोकस चुनावी राज्यों की तरफ है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में वर्ष अगले साल 2023 में 13 लाख आवास स्वीकृत किए जाने के संकेत मिल रहे हैं. यही कारण है कि केंद्र सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश के खाते में पंजीकरण के बावजूद 13 लाख आवास नहीं दिए जा सकते हैं और इन घरों को पाने के लिए संबंधित परिवार अभी भी इंतजार कर रहे हैं.

ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम केंद्र सरकार से अनुरोध कर चुके हैं आने वाले कुछ दिनों में एक बार और अनुरोध करते हुए एक पत्र भेजकर डिमांड की जाएगी. केंद्र सरकार के स्तर पर आवास स्वीकृत करते हुए धनराशि की व्यवस्था किए जाने का फैसला ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों को करना है.

यह भी पढ़ें : दीपोत्सव पर इस बार 18 लाख दीयों से जगमग होगी अयोध्या, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

'ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त गौरीशंकर प्रियदर्शी ने बताया कि हमने केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 13 लाख आवास मंजूर करने की मांग की है. सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इस दिशा में काम आगे बढ़ पाएगा.'

यह भी पढ़ें : होटल लेवाना अग्निकांड: सीएम योगी आदित्यनाथ ने सिविल अस्पताल में भर्ती घायलों का लिया हालचाल

लखनऊ : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को घर मुहैया कराए जाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से डिमांड की है. उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से 13 लाख पीएम आवास स्वीकृत किए जाने की मांग की गई है. पिछले पांच महीने से मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक 13 लाख आवास स्वीकृत नहीं हुए हैं. जिससे गरीबों को आवास दिए जाने में ब्रेक लग गया है.

उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) में घर लेने के लिए 24 लाख 67 हजार से अधिक परिवारों ने पंजीकरण कराया था और केंद्र सरकार ने 2020-21 व 2021-22 में उत्तर प्रदेश को कुल 11 लाख 66000 आवास स्वीकृत किए थे. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 13 लाख प्रधानमंत्री आवास केंद्र सरकार की तरफ से स्वीकृत किए जाने की प्रक्रिया तो कई बार चली, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से आवास मंजूर नहीं किए गए. जिससे पंजीकरण के बावजूद लोगों को आवास नहीं मिल सके. उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास विभाग की तरफ से अप्रैल महीने में 13 लाख आवास स्वीकृत किए जाने के लिए अनुरोध करते हुए एक पत्र केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन चार-पांच महीने का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी अभी इस पर पत्राचार आगे नहीं बढ़ा है. यानी कि अभी भी केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से उत्तर प्रदेश में 13 लाख परिवारों को मिलने वाले घर देने की योजना में फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है.

ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार 13 लाख आवास देने के मूड में नहीं है. केंद्र सरकार का फोकस चुनावी राज्यों की तरफ है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में वर्ष अगले साल 2023 में 13 लाख आवास स्वीकृत किए जाने के संकेत मिल रहे हैं. यही कारण है कि केंद्र सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश के खाते में पंजीकरण के बावजूद 13 लाख आवास नहीं दिए जा सकते हैं और इन घरों को पाने के लिए संबंधित परिवार अभी भी इंतजार कर रहे हैं.

ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम केंद्र सरकार से अनुरोध कर चुके हैं आने वाले कुछ दिनों में एक बार और अनुरोध करते हुए एक पत्र भेजकर डिमांड की जाएगी. केंद्र सरकार के स्तर पर आवास स्वीकृत करते हुए धनराशि की व्यवस्था किए जाने का फैसला ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों को करना है.

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'ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त गौरीशंकर प्रियदर्शी ने बताया कि हमने केंद्र सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 13 लाख आवास मंजूर करने की मांग की है. सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद इस दिशा में काम आगे बढ़ पाएगा.'

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