लखनऊ : राजधानी के बाबू जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी (Babu Jagjivan Ram Railway Protection Force Academy) में मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल स्थापना दिवस (Railway Protection Force Raising Day) मनाया गया. इस मौके पर भव्य परेड का आयोजन किया गया. रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक संजय चन्दर ने परेड की सलामी ली. मुख्य अतिथि रेल राज्यमंत्री दर्शना विक्रम जरदोश ने परेड का निरीक्षण किया. इस मौके पर रेल राज्य मंत्री ने रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को स्थापना दिवस की बधाई दी और कई बड़े एलान भी किए. रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के प्रशिक्षण उन्नयन को लेकर और महिला रेलवे सुरक्षा बल की जवानों के स्टेशनों पर रुकने की व्यवस्था जैसी घोषणाएं शामिल हैं. लखनऊ में तीन करोड़ की लागत से बनने वाले स्किल अपग्रेडेशन सेंटर को भी स्थापित करने की रेल राज्यमंत्री ने घोषणा की. रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को सम्मानित भी किया.
रेल राज्यमंत्री दर्शना विक्रम जरदोश ने कहा कि आरपीएफ के स्थापना दिवस के अवसर पर मैं रेलवे सुरक्षा बल को बधाई देती हूं. आज के दिन ही इस दल को मान्यता प्रदान की गई थी. आज के दिन सुरक्षा रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के लिए महत्वपूर्ण है जो उनके उद्देश्य के बारे में उन्हें याद दिलाता है. भारतीय रेल आधुनिकीकरण के मार्ग पर अग्रसर है. हमारा उद्देश्य यात्रियों को न केवल उच्च स्तरीय सेवा एवं सुविधा प्रदान करना है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि उनकी यात्रा पूर्ण तरीके से सुरक्षित हो. संवेदनशीलता और बदलते मानवीय परिवेश में रेलवे सुरक्षा बल को इस दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. रेल संपत्ति की सुरक्षा के साथ-साथ रेलवे सुरक्षा बल यात्री सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है. हमें प्रत्येक यात्री की सेवा के लिए तत्परता से आगे आना पड़ेगा. यात्रियों के पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित भाव से कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस के अवसर पर जिन 27 अधिकारियों और सदस्यों को पुलिस पदक, राष्ट्रपति पुलिस पदक व जीवन रक्षा पदक मिला है, उन्हें सम्मानित किया जा रहा है. मैं इन सभी सदस्यों और उनके परिवारों के लोगों को हृदय से बधाई देती हूं. रेल की सुरक्षा और निर्बाध संचालन के लिए पूरी निष्ठा और तत्परता से आप 24 घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. मुझे हर्ष का अनुभव हो रहा है कि आपने प्रदर्शन को एक दिशा प्रदान करने के लिए हाल ही में कई अभ्यास प्रारंभ किए हैं, जो रेलवे सुरक्षा यात्रियों के लिए जरूरी हैं.
रेल राज्यमंत्री ने की ये घोषणाएं : प्रशिक्षण उन्नयन के लिए ₹55 करोड़ की घोषणा भी रेल राज्य मंत्री ने की. इसके तहत रेलवे सुरक्षा के प्रशिक्षण संस्थानों में मूलभूत संरचना का उचित विकास हो सकेगा. इसी के अंतर्गत जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी एवं क्षेत्रीय रेलवे सुरक्षा बल प्रशिक्षण संस्थान में स्मार्ट क्लासरूम, साइबर लाइव लर्निंग स्टूडियो, फॉरेंसिक लैब, इंडोर फायरिंग रेंज, आधुनिक उपकरणों के प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं, विस्फोटक एवं बम निरोधक उपकरणों के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा रेलवे सुरक्षा बल के जवानों की पत्नियों और बच्चों के कल्याण के लिए लखनऊ में तीन करोड़ की लागत से बनने वाले स्किल अपग्रेडेशन सेंटर को भी स्थापित करने की घोषणा रेल राज्यमंत्री ने की. उन्होंने कहा कि स्कॉट ड्यूटी में जाने वाली महिला जवानों को रुकने की समस्या मेरे ध्यान में आई है. हम ऐसी समस्या का आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में निराकरण भी करेंगे. आज मैं घोषणा करती हूं कि भारत के प्रमुख 75 स्टेशनों पर महिला जवानों को रुकने की व्यवस्था की जाएगी.
रेलवे मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की सराहना : रेलवे मिशन के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जितनी भी सराहना की जाए कम है. इस वर्ष में अब तक आपने 15,000 से ज्यादा मामलों में यात्रियों को ट्रेन में छूटे लगभग 28 करोड़ की लागत से सामान को अपनी कस्टडी में लेकर सभी यात्रियों को वापस लौटाने का काम किया है, जो सराहनीय कार्य है. रेलवे सुरक्षा बल में महिला बल कर्मियों की संख्या में वृद्धि हो रही है. अब नौ प्रतिशत से ज्यादा महिला कर्मी अपनी सेवाएं दे रही हैं. अब आगे आने वाले दिनों में महिलाएं भी अगली पंक्ति में खड़ी होंगी. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक बनाना है. मुझे लगता है कि महिला यात्री अगर सफर कर रही है तो महिला पुलिस उसके पास आएगी तो वह काफी कंफर्टेबल महसूस करेगी. ट्रेन में अकेले या छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रही महिला की संपूर्ण यात्रा में सुरक्षा महसूस करवाने की सराहनीय पहल है. रेल राज्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी हमारी क्षमता, हमारी पहुंच, हमारे प्रयास में कई गुना वृद्धि करता है. हमें अवगत कराया गया है कि नई टेक्नोलॉजी पर लगातार काम हो रहा है. रेलवे सुरक्षा बल अपने को लगातार सुधार कर रहा है.
मानव तस्करों से दिलाई मुक्ति : उन्होंने कहा कि मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है. रेलवे सुरक्षा बल के स्टेशनों पर तैनाती और पूरे देश में पहुंच होने के कारण यह बल मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराध को रोकने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मुझे पता चला है कि मानव तस्करी के विरुद्ध रेलवे सुरक्षा बल ने जो ऑपरेशन आहट प्रारंभ किया है और अगस्त 2022 तक 71 नाबालिग लड़कियां और 12 औरतों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है. मैं उनको बधाई देता हूं.
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बता दें कि 20 सितम्बर 1985 को ही रेलवे सुरक्षा बल को संघ के सशस्त्र बल का दर्जा दिया गया था. 22 मई 2006 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने भव्य परेड और समारोह में रेलवे सुरक्षा बल को ध्वज प्रदान किया था.
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