लखनऊ: कांग्रेस पार्टी के 135वें स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी राजधानी पहुंची थीं. इस दौरान प्रियंका ने "संविधान बचाओ, देश बचाओ" मार्च निकाला. इसके बाद वह सीएए के खिलाफ यूपी में हुई हिंसा के आरोप में गिरफ्तार रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थीं. प्रियंका का कहना है कि इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकना का प्रयास किया और उनके साथ अभद्रता की.
सीओ अर्चना सिंह ने क्या कहा
प्रियंका गांधी के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता नहीं की गई है. मैं उनकी फ्लीट प्रभारी थी और मुझे करीब 4:30 बजे सूचना मिली कि मैडम पार्टी कार्यालय से अपने आवास कॉल हाउस जाएंगी. उनकी फ्लीट तदानुसार रवाना की गई और फ्लीट का अगला हिस्सा कॉल हाउस के लिए मुड़ भी गया था, लेकिन मैडम फ्लीट के साथ न मुड़कर सीधे जाने लगीं.
अग्रिम व्यवस्था अनिवार्य
अर्चना सिंह ने कहा कि मैंने यह जानकारी करनी चाही कि मैडम कहां जाना चाहती हैं, ताकि उसी प्रकार उनकी सुरक्षा की अग्रिम व्यवस्था की जा सके. मैडम कैटेगराइज प्रोटेक्टी हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा की अग्रिम व्यवस्था किया जाना अनिवार्य है. लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने किसी भी प्रकार की जानकारी देने से इनकार कर दिया. मैडम गाड़ी से उतरकर पैदल मार्च करने लगीं. इस बीच मेरे साथ भी धक्का-मुक्की की गई. एक बार मैं गिर भी गई थी.
पॉलिटेक्निक चौराहे पर रुकीं प्रियंका
इसके बाद मैडम बिना हेलमेट लगाए स्कूटी से जाने लगीं. स्कूटी चालक कार्यकर्ता ने भी हेलमेट नहीं लगाया था. मैडम पॉलिटेक्निक चौराहे पर रुकीं तो मैंने उनको बताया कि आपने हेलमेट नहीं लगाया है, जो आपकी सुरक्षा के लिए उचित भी नहीं है. इसके बाद मैडम स्कूटी से उतरकर पैदल ही एसआर दारापुरी के आवास तक गईं. इस बीच उनके साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं किया गया. उनकी सुरक्षा के मद्देनजर यह जानने की कोशिश की गई कि वह कहां जाना चाहती हैं और मैंने सिर्फ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है.
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प्रियंका ने कहा
वहीं प्रियंका का कहना है कि रास्ते में अचानक से पुलिस की गाड़ी सामने आई और मेरी गाड़ी के आगे रोक ली और मुझे कहा कि आप नहीं जा सकतीं. इस पर मैं गाड़ी से उतरकर पैदल जाने लगी तो महिला पुलिसकर्मी ने मुझे घेरा और मेरा गला दबाया और मेरे साथ धक्का-मुक्की की.