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तीन बार जेल जा चुका सीएम का फर्जी ओएसडी फिर से हुआ गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने सीएम का फर्जी ओएसडी बनकर 100 से अधिक अफसरों को चूना लगाने वाले ठग अजय कुमार मिश्रा उर्फ अरविंद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. वो इसके पहले तीन बार सीएम का ओएसडी बनकर ठगी करने के मामलों में जेल भेजा गया था.

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fake osd to cm arrested 3rd time for duping people in lucknow
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Published : Jan 28, 2022, 10:06 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) ने मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर 100 से ज्यादा अधिकारियों को ठगने वाले अजय कुमार मिश्रा उर्फ अरविंद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. अजय इसके पहले भी तीन बार सीएम का ओएसडी बनकर ठगी करने के मामलों में जेल जा चुका है. अजय मिश्रा का असली नाम अरविन्द मिश्रा है. उसके पिता का नाम शिवमूरत मिश्र है. मूल रूप से वो अमेठी जिले के रायदेपुर का रहने वाला है.

सीएम का ओएसडी बनकर अधिकारियों से पैसे ऐंठने की एसटीएफ को कई शिकायतें मिली थीं. झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से कोई व्यक्ति खुद को सीएम ओएसडी बता कर अधिकारियों पर धौंस जमाकर रुपयों की मांग कर रहा था. एसटीएफ ने अरविन्द मिश्रा को उड़ीसा के कालाहाण्डी से गिरफ्तार किया.


एसटीएफ के मुताबिक आरोपी अजय उर्फ अरविंद मिश्रा साल 2015 से फर्जीवाड़े में शामिल है. वह खुद को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ओएसडी बताकर अधिकारियों को कॉल करता था. उन पर रौब जमाकर रुपये ऐंठता था. इस मामले में बहराइच पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इसके बाद एक बार फिर वो जेल से बाहर आया और 2018 में सीएम योगी आदित्यनाथ का फर्जी ओएसडी बनकर अधिकारियों और कर्मचारियों को ठगने लगा. वह साल 2021 में कौशांबी पुलिस के हत्थे चढ़ा और जेल भेजा गया. जेल से छूटने के बाद अजय ने फिर से अधिकारियों को कॉल करनी शुरू कर दीं. इस बार एसटीएफ ने उसे धर दबोचा.
ये भी पढ़ें- बैंक से व्यापारी के 15 लाख रुपए ऐसे ले उड़ा टप्पेबाज...पढ़िए पूरी खबर

फर्जी ओएसडी अजय कुमार उर्फ अरविंद मिश्रा ने एसटीएफ को बताया कि वो सूचना डायरी से अधिकारियों के नम्बर निकलता था. इसके बाद वह मुख्यमंत्री कोष और जांच दबाने के नाम पर पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करवाता था. यही नहीं राम मंदिर निर्माण के नाम पर भी अधिकारियों से पैसों की डिमांड की थी. आरोपी अजय उर्फ अरविंद के खिलाफ बहराइच, लखनऊ, औरिया, कौशांबी, हरदोई, देवरिया, बलरामपुर, जालौन और पीलीभीत में मुकदमे दर्ज हैं.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश एसटीएफ (UP STF) ने मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर 100 से ज्यादा अधिकारियों को ठगने वाले अजय कुमार मिश्रा उर्फ अरविंद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. अजय इसके पहले भी तीन बार सीएम का ओएसडी बनकर ठगी करने के मामलों में जेल जा चुका है. अजय मिश्रा का असली नाम अरविन्द मिश्रा है. उसके पिता का नाम शिवमूरत मिश्र है. मूल रूप से वो अमेठी जिले के रायदेपुर का रहने वाला है.

सीएम का ओएसडी बनकर अधिकारियों से पैसे ऐंठने की एसटीएफ को कई शिकायतें मिली थीं. झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा से कोई व्यक्ति खुद को सीएम ओएसडी बता कर अधिकारियों पर धौंस जमाकर रुपयों की मांग कर रहा था. एसटीएफ ने अरविन्द मिश्रा को उड़ीसा के कालाहाण्डी से गिरफ्तार किया.


एसटीएफ के मुताबिक आरोपी अजय उर्फ अरविंद मिश्रा साल 2015 से फर्जीवाड़े में शामिल है. वह खुद को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ओएसडी बताकर अधिकारियों को कॉल करता था. उन पर रौब जमाकर रुपये ऐंठता था. इस मामले में बहराइच पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इसके बाद एक बार फिर वो जेल से बाहर आया और 2018 में सीएम योगी आदित्यनाथ का फर्जी ओएसडी बनकर अधिकारियों और कर्मचारियों को ठगने लगा. वह साल 2021 में कौशांबी पुलिस के हत्थे चढ़ा और जेल भेजा गया. जेल से छूटने के बाद अजय ने फिर से अधिकारियों को कॉल करनी शुरू कर दीं. इस बार एसटीएफ ने उसे धर दबोचा.
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फर्जी ओएसडी अजय कुमार उर्फ अरविंद मिश्रा ने एसटीएफ को बताया कि वो सूचना डायरी से अधिकारियों के नम्बर निकलता था. इसके बाद वह मुख्यमंत्री कोष और जांच दबाने के नाम पर पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर करवाता था. यही नहीं राम मंदिर निर्माण के नाम पर भी अधिकारियों से पैसों की डिमांड की थी. आरोपी अजय उर्फ अरविंद के खिलाफ बहराइच, लखनऊ, औरिया, कौशांबी, हरदोई, देवरिया, बलरामपुर, जालौन और पीलीभीत में मुकदमे दर्ज हैं.
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