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यूपी में लगेंगे 40 लाख स्मार्ट मीटर

यूपी के लखनऊ में विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाले साझा उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया. एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार और आंध्र प्रदेश में 5 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाने की घोषणा की.

यूपी में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
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Published : Aug 14, 2019, 8:26 AM IST

लखनऊ: भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाले साझा उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने भारत सरकार के राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार और आंध्र प्रदेश में 5 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाने की घोषणा की. इस अवसर पर ईईएसएल के अधिकारियों ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया.

यूपी में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य.

यूपी में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य

  • ईईएसएल के महाप्रबंधक राजीव कुमार ने कहा कि बिजली आवश्यकताओं में शामिल हो चुकी है.
  • बिजली की उपस्थिति आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता का स्तर बनाए रखने के लिए जरूरी हो गई है.
  • प्रदेश सरकार की कोशिश है कि बिजली सभी को उपलब्ध हो.
  • बिजली सस्ती हो और लोगों का उस पर भरोसा हो.
  • देश में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए स्मार्ट मीटर की तकनीक बहुत जरूरी है.
  • राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत देशभर में 25 करोड़, जबकि यूपी में 40 लाख पारंपरिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
  • योजना के पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ सहित 13 शहरों में चार लाख मीटर लगने के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.

लखनऊ: भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाले साझा उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने भारत सरकार के राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार और आंध्र प्रदेश में 5 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाने की घोषणा की. इस अवसर पर ईईएसएल के अधिकारियों ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया.

यूपी में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य.

यूपी में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य

  • ईईएसएल के महाप्रबंधक राजीव कुमार ने कहा कि बिजली आवश्यकताओं में शामिल हो चुकी है.
  • बिजली की उपस्थिति आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता का स्तर बनाए रखने के लिए जरूरी हो गई है.
  • प्रदेश सरकार की कोशिश है कि बिजली सभी को उपलब्ध हो.
  • बिजली सस्ती हो और लोगों का उस पर भरोसा हो.
  • देश में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए स्मार्ट मीटर की तकनीक बहुत जरूरी है.
  • राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत देशभर में 25 करोड़, जबकि यूपी में 40 लाख पारंपरिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
  • योजना के पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ सहित 13 शहरों में चार लाख मीटर लगने के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है.
Intro:लखनऊ। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाले साझा उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड ने भारत सरकार के राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत आज उत्तर प्रदेश दिल्ली, बिहार और आंध्र प्रदेश में 5 लाख स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक लगाने की घोषणा की। इस अवसर पर ईईएसएल के अधिकारियों ने एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया।


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प्रेस वार्ता के दौरान ईईएसएल के महाप्रबंधक राजीव कुमार ने कहा कि बिजली ऐसी आवश्यकताओं में शामिल हो चुकी है। जिसकी उपस्थिति आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता का स्तर बनाए रखने के लिए जरूरी हो गया है। ऐसे में प्रदेश सरकार की कोशिश है कि बिजली सभी को उपलब्ध हो। साथ ही सस्ती हो और लोगों का उस पर भरोसा हो।
उन्होंने बताया कि देश में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए स्मार्ट मीटर की तकनीक बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत देशभर में 25 करोड़ जबकि यूपी में 40 लाख पारंपरिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि योजना के पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी इलाहाबाद, गोरखपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, झांसी, मथुरा, बरेली और फैजाबाद जैसे 13 जिलों में करीबन चार लाख मीटर लगने के साथ उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है


Conclusion:राजीव कुमार के अनुसार स्मार्ट मीटर बाजार मूल्य से सिर्फ एक तिहाई लागत पर ही विश्व स्तरीय गुणवत्ता को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर में 2जी और 3जी तकनीक मौजूद है। मीटर से प्रतिदिन 7 किलोवाट डाटा तक बिलिंग के लिए सॉफ्टवेयर एक बार में ले सकता है इसलिए स्मार्ट मीटर के मौजूदा स्पीड पर्याप्त है।

बाइट- राजीव कुमार महाप्रबंधक ईईएसएल

रामांशी मिश्रा
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