लखनऊ: ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारी अब और भी ज्यादा सख्त हो गए हैं. ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में अब परमानेंट लाइसेंस बिना टेस्ट दिए हासिल कर पाना असंभव हो गया है. अक्सर आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों पर बिना वाहन चलाए ही आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस मिलने का आरोप लगता है. जिससे वाहन संचालन के दौरान सड़क हादसे बड़ा कारण बनते हैं. इसी को ध्यान में रखकर अब आरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई प्रशांत श्रीवास्तव ने कड़ा रुख अपनाया है. उनका कहना है कि परमानेंट लाइसेंस हासिल करने के लिए हरहाल में आवेदक को वाहन चलाकर टेस्ट देना ही पड़ेगा. बिना टेस्ट में पास हुए ड्राइविंग लाइसेंस पाने का सपना आवेदक छोड़ दें.
परिवहन विभाग ने पहले ही आवेदकों के लिए लर्नर लाइसेंस की सेवा पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी है. फेसलेस व्यवस्था के तहत अब आरटीओ कार्यालय में लर्नर लाइसेंस के लिए आने की जरूरत नहीं है. वहीं, टेस्टिंग ट्रैक पर दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाकर पास होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाने का प्रावधान है. यह प्रक्रिया लगातार जारी है. अक्सर शिकायतें सामने आती रही हैं कि सेटिंग की बदौलत लोग बिना टेस्ट दिए ही चार पहिया वाहन तक का लाइसेंस बनवा लेते हैं.
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आरआई प्रशांत कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए वाहन चालकों को नियमों की जानकारी होना अनिवार्य है. टेस्ट देते समय दो पहिया वाहन चालक को हरहाल में हेलमेट पहनना और चार पहिया वाहन चालक को सीट बेल्ट लगाकर ही वाहन चलाने का नियम है. इसका कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. टेस्टिंग ट्रैक पर जरा सी चूक होने पर लाइसेंस किसी हाल में भी जारी नहीं किया जा रहा है. वाहन संचालन में पारंगत होने के बाद ही आवेदक को दोबारा टेस्ट देने के लिए बुलाया जा रहा है. परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस तभी जारी किया जा रहा है, जब पूरी तरह से वाहन संचालन में ड्राइवर कुशल हो और टेस्ट में पास हो सके.
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