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यूपी पुलिस अत्याधुनिक संसाधनों से होगी लैस, दोगुना बढ़ा बजट - सेफ सिटी परियोजना

राजधानी लखनऊ के लोकभवन स्थित गृह विभाग के कमान्ड सेन्टर में उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस विभाग के लिए प्रस्तावित बजट को लेकर चर्चा हुई. बैठक में जानकारी दी गई कि योगी सरकार के कार्यकाल में पुलिस विभाग के कुल बजट में लगभग 2 गुनी वृद्धि हुई है.

यूपी पुलिस.
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Published : Oct 26, 2021, 10:22 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाने एवं अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किये जाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को आगामी वित्तीय वर्ष-2022-23 में यूपी पुलिस के प्रस्तावित व्यय के विश्लेषण पर उच्चस्तरीय बैठक में विचार-विमर्श किया गया.


अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के समक्ष मंगलवार को लोकभवन स्थित गृह विभाग के कमान्ड सेन्टर में अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू, बीपी जोगदण्ड द्वारा पुलिस विभाग के लिए विभिन्न मदों में प्रस्तावित बजट की धनराशि एवं उसके औचित्य का विस्तृत प्रस्तुतिकरण किया गया. बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पुलिस विभाग के कुल बजट में लगभग 2 गुनी वृद्धि हुई है. वर्ष 2017-18 में जहां कुल बजट की धनराशि 16239.92 करोड़ रुपये था, वह बढ़कर 2021-22 में 30105.98 करोड़ रुपये हो गई है.

योगी सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने के कारण निर्माण कार्यों के बजट में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. निर्माण कार्यों के मद में वर्ष 2017-18 में जहां 708.62 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया था, वह वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2968.74 करोड़ रुपये हो गया है.


प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की नई भर्ती की गयी है, जिसके कारण वेतन व भत्तों के मद में भी इसी के अनुपात में वृद्धि हुई है. वर्ष 2017-18 में वेतन के मद में जहां यह धनराशि 13560.8 करोड़ थी, वह 2021-22 में बढ़कर 23156.6 करोड़ रुपये हो गई है. आगामी वित्तीय वर्ष-2022-23 में पुलिस विभाग के अनुदान संख्या-26 अन्तर्गत 41236 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का व्यय प्रस्तावित किया गया है, जो वर्ष-2021-22 के सापेक्ष 36.97 प्रतिशत अधिक है.

प्रस्तावित बजट में तहसील स्तर तक अग्निशमन सेवाओं के सुदृढीकरण तथा विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को प्राथमिकता के आधार पर जरूरी संसाधनों से लैस करने का प्रयास किया गया है. साथ ही प्रदेश में नवनिर्मित होने वाले ’’यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंसेज लखनऊ’’ की शीघ्र स्थापना को गति प्रदान के साथ-साथ एसटीएफ, एटीएस एवं अभिसूचना तंत्र को मजबूत करने पर भी विशेष बल दिया गया है. यूपी 112 को भी और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-कोरोना के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने का योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, 3 लाख से अधिक मुकदमे होंगे वापस


अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सम्बन्धी कार्यक्रमों को भी इसमें प्राथमिकता दी गयी है तथा प्रदेश के सभी मण्डलों में सेफ सिटी परियोजना का विस्तार करने की भी योजना है. बैठक में पुलिस महानिदेशक, उप्र मुकुल गोयल के अलावा गृह विभाग एवं पुलिस विभाग की विभिन्न इकाईयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाने एवं अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किये जाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को आगामी वित्तीय वर्ष-2022-23 में यूपी पुलिस के प्रस्तावित व्यय के विश्लेषण पर उच्चस्तरीय बैठक में विचार-विमर्श किया गया.


अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के समक्ष मंगलवार को लोकभवन स्थित गृह विभाग के कमान्ड सेन्टर में अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू, बीपी जोगदण्ड द्वारा पुलिस विभाग के लिए विभिन्न मदों में प्रस्तावित बजट की धनराशि एवं उसके औचित्य का विस्तृत प्रस्तुतिकरण किया गया. बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पुलिस विभाग के कुल बजट में लगभग 2 गुनी वृद्धि हुई है. वर्ष 2017-18 में जहां कुल बजट की धनराशि 16239.92 करोड़ रुपये था, वह बढ़कर 2021-22 में 30105.98 करोड़ रुपये हो गई है.

योगी सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने के कारण निर्माण कार्यों के बजट में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. निर्माण कार्यों के मद में वर्ष 2017-18 में जहां 708.62 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया था, वह वर्ष 2021-22 में बढ़कर 2968.74 करोड़ रुपये हो गया है.


प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की नई भर्ती की गयी है, जिसके कारण वेतन व भत्तों के मद में भी इसी के अनुपात में वृद्धि हुई है. वर्ष 2017-18 में वेतन के मद में जहां यह धनराशि 13560.8 करोड़ थी, वह 2021-22 में बढ़कर 23156.6 करोड़ रुपये हो गई है. आगामी वित्तीय वर्ष-2022-23 में पुलिस विभाग के अनुदान संख्या-26 अन्तर्गत 41236 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का व्यय प्रस्तावित किया गया है, जो वर्ष-2021-22 के सापेक्ष 36.97 प्रतिशत अधिक है.

प्रस्तावित बजट में तहसील स्तर तक अग्निशमन सेवाओं के सुदृढीकरण तथा विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को प्राथमिकता के आधार पर जरूरी संसाधनों से लैस करने का प्रयास किया गया है. साथ ही प्रदेश में नवनिर्मित होने वाले ’’यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक साइंसेज लखनऊ’’ की शीघ्र स्थापना को गति प्रदान के साथ-साथ एसटीएफ, एटीएस एवं अभिसूचना तंत्र को मजबूत करने पर भी विशेष बल दिया गया है. यूपी 112 को भी और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाया जाएगा.

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अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सम्बन्धी कार्यक्रमों को भी इसमें प्राथमिकता दी गयी है तथा प्रदेश के सभी मण्डलों में सेफ सिटी परियोजना का विस्तार करने की भी योजना है. बैठक में पुलिस महानिदेशक, उप्र मुकुल गोयल के अलावा गृह विभाग एवं पुलिस विभाग की विभिन्न इकाईयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

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