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सिविल अस्पताल में गंदगी बेशुमार, मरीज के साथ बीमार पड़ जाएं तीमारदार - राजधानी के सिविल अस्पताल

सिविल अस्पताल (Civil Hospital) के निदेशक डॉ आनंद ओझा ने बताया कि अस्पताल काफी पुराना है. जिसकी वजह से सीलन आ गई है. क्योंकि इस एरिया की जितनी भी सीवर लाइन है वह पूरी तरह से चोक है.

अस्पताल परिसर में गंदगी बेशुमार
अस्पताल परिसर में गंदगी बेशुमार
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Published : Sep 6, 2022, 8:06 PM IST

लखनऊ : राजधानी के सिविल अस्पताल (Civil Hospital) में रोजाना करीब दो हजार से अधिक लोग इलाज के लिए आते हैं. इस समय बरसाती मौसम में डेंगू, मलेरिया, डायरिया और टाइफाइड के मरीज बढ़ गए हैं, लेकिन मौसमीय बीमारियों का अड्डा सिविल अस्पताल (Civil Hospital) बन गया है. अस्पताल परिसर में जितने भी सीवरेज हैं सभी बह रहे हैं. गंदगी और बदबू से यहां लोग परेशान हैं. हालत यह है कि मरीज के साथ तीमारदार भी बीमार पड़ जाएं.

बाराबंकी से इलाज कराने के लिए आईं रश्मि यादव ने बताया कि उनके 16 साल के बेटे को डायरिया हो गया है. हालत काफी गंभीर थी, जिसकी वजह से लड़के को लेकर सिविल अस्पताल (Civil Hospital) में इलाज के लिए आईं. लड़के का इलाज अच्छा हुआ है. पहले हमने इमरजेंसी में दिखाकर उसे भर्ती कराया, फिर कुछ समय बाद डॉक्टर ने उसे देखा और तुरंत ट्रीटमेंट शुरू किया. सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन यहां पर गंदा पानी बहुत फैला हुआ है. बीते बुधवार और गुरुवार को जब बारिश हुई तो इमरजेंसी के गेट तक सीवर का गंदा पानी आ गया. जिसकी वजह से जब तक पानी पूरी तरह से साफ नहीं हुआ, तब तक हम इमरजेंसी के बाहर नहीं निकले. अगले दिन जब हम ओपीडी में डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए गए तो ओपीडी के बाहर जहां से एंट्री करते हैं वहां पर सीवर का पानी पूरी तरह से भरा हुआ था. कहीं से निकलने की जगह नहीं थी. इसी के साथ इमरजेंसी की छत भी टपक रही थी. यहां इलाज अच्छा मिलता है अगर यहां पर समस्याएं दूर हो जाएं तो मरीजों के लिए सहूलियत हो जाएगी.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

बिजनौर से अपने पति का इलाज कराने के लिए आईं जानकी देवी ने बताया कि वह अस्पताल में चार दिन से रुकी हुई हैं. उनके पति का ऑपरेशन होना था, लेकिन ऑपरेशन थिएटर (operation theater) में बारिश होने के बाद पानी भर गया. जिसकी वजह से ऑपरेशन को रविवार तक टाल दिया गया है. अब सोमवार या मंगलवार को ही ऑपरेशन का नंबर आएगा, क्योंकि मरीजों की संख्या भी अधिक है. प्रदेश के अन्य जिले से जब मरीज इलाज के लिए आते हैं तो उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह कहीं बाहर रुक सकें. अस्पताल के ही रैन बसेरे में पति को लेकर ठहरी हुई हैं.

यह भी पढ़ें : रूबी खान ने बताया जान को खतरा, सीएम योगी से लगाई सुरक्षा की गुहार

अस्पताल के निदेशक डॉ आनंद ओझा ने बताया कि अस्पताल काफी पुराना है. जिसकी वजह से सीलन आ गई है. क्योंकि इस एरिया की जितनी भी सीवर लाइन है वह पूरी तरह से चोक है. जब तक इस एरिये की सीवर लाइन को सही नहीं कराया जाएगा, तब तक अस्पताल में यह समस्या बनी रहेगी. बारिश होने पर सभी पाइप लाइन चोक रहती है. जिसके कारण सीवर ओवरफ्लो होने लगता है. इसको लेकर हमने स्वास्थ्य विभाग और साथ ही नगर निगम को भी पत्र भेजा है. जल्द ही इस समस्या का निस्तारण होगा.

यह भी पढ़ें : जांच कमेटी ने तैयार की रिपोर्ट, फायर अधिकारियों व होटल मालिकों ने जमकर बरती लापरवाही

लखनऊ : राजधानी के सिविल अस्पताल (Civil Hospital) में रोजाना करीब दो हजार से अधिक लोग इलाज के लिए आते हैं. इस समय बरसाती मौसम में डेंगू, मलेरिया, डायरिया और टाइफाइड के मरीज बढ़ गए हैं, लेकिन मौसमीय बीमारियों का अड्डा सिविल अस्पताल (Civil Hospital) बन गया है. अस्पताल परिसर में जितने भी सीवरेज हैं सभी बह रहे हैं. गंदगी और बदबू से यहां लोग परेशान हैं. हालत यह है कि मरीज के साथ तीमारदार भी बीमार पड़ जाएं.

बाराबंकी से इलाज कराने के लिए आईं रश्मि यादव ने बताया कि उनके 16 साल के बेटे को डायरिया हो गया है. हालत काफी गंभीर थी, जिसकी वजह से लड़के को लेकर सिविल अस्पताल (Civil Hospital) में इलाज के लिए आईं. लड़के का इलाज अच्छा हुआ है. पहले हमने इमरजेंसी में दिखाकर उसे भर्ती कराया, फिर कुछ समय बाद डॉक्टर ने उसे देखा और तुरंत ट्रीटमेंट शुरू किया. सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन यहां पर गंदा पानी बहुत फैला हुआ है. बीते बुधवार और गुरुवार को जब बारिश हुई तो इमरजेंसी के गेट तक सीवर का गंदा पानी आ गया. जिसकी वजह से जब तक पानी पूरी तरह से साफ नहीं हुआ, तब तक हम इमरजेंसी के बाहर नहीं निकले. अगले दिन जब हम ओपीडी में डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए गए तो ओपीडी के बाहर जहां से एंट्री करते हैं वहां पर सीवर का पानी पूरी तरह से भरा हुआ था. कहीं से निकलने की जगह नहीं थी. इसी के साथ इमरजेंसी की छत भी टपक रही थी. यहां इलाज अच्छा मिलता है अगर यहां पर समस्याएं दूर हो जाएं तो मरीजों के लिए सहूलियत हो जाएगी.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

बिजनौर से अपने पति का इलाज कराने के लिए आईं जानकी देवी ने बताया कि वह अस्पताल में चार दिन से रुकी हुई हैं. उनके पति का ऑपरेशन होना था, लेकिन ऑपरेशन थिएटर (operation theater) में बारिश होने के बाद पानी भर गया. जिसकी वजह से ऑपरेशन को रविवार तक टाल दिया गया है. अब सोमवार या मंगलवार को ही ऑपरेशन का नंबर आएगा, क्योंकि मरीजों की संख्या भी अधिक है. प्रदेश के अन्य जिले से जब मरीज इलाज के लिए आते हैं तो उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह कहीं बाहर रुक सकें. अस्पताल के ही रैन बसेरे में पति को लेकर ठहरी हुई हैं.

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अस्पताल के निदेशक डॉ आनंद ओझा ने बताया कि अस्पताल काफी पुराना है. जिसकी वजह से सीलन आ गई है. क्योंकि इस एरिया की जितनी भी सीवर लाइन है वह पूरी तरह से चोक है. जब तक इस एरिये की सीवर लाइन को सही नहीं कराया जाएगा, तब तक अस्पताल में यह समस्या बनी रहेगी. बारिश होने पर सभी पाइप लाइन चोक रहती है. जिसके कारण सीवर ओवरफ्लो होने लगता है. इसको लेकर हमने स्वास्थ्य विभाग और साथ ही नगर निगम को भी पत्र भेजा है. जल्द ही इस समस्या का निस्तारण होगा.

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