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लखनऊ: केजीएमयू में मृतक आश्रित कोटे की नौकरी में सामने आई गड़बड़ी

राजधानी के केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी में गड़बड़ी सामने आई है. जहां मृतक चौकीदार राम दयाल मिश्रा की मृत्यु पर उसके बेटे और उनकी पत्नी दोनों की तैनाती केजीएमयू में कर दी गई थी.

केजीएमयू में मृतक आश्रित कोटे की नौकरी पर गड़बड़झाला आया सामने
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Published : May 2, 2019, 10:14 AM IST

लखनऊ: केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी पर गड़बड़ी सामने आई है. जहां मामले की शिकायत शासन से की गई है. शासन ने केजीएमयू से सभी पत्रावली तलब कर कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया था.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी में गड़बड़ी सामने आई.
  • शासन ने केजीएमयू से सभी पत्रावली तलब की थी.
  • उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया.
  • केजीएमयू में चौकीदार के पद पर तैनात राम दयाल मिश्रा की 2003 में मौत हो गई थी.
  • उनके बेटे को मृतक आश्रित कोटे से क्लर्क पद पर तैनाती दी गई. वहीं मृतक की पत्नी भी केजीएमयू में कार्यरत है. इस मामले की शासन से शिकायत की गई.

शासन ने सभी पत्रावली केजीएमयू से तलब की थी. उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया था. पत्र में यह भी कहा गया था. कि यदि दम्पत्ति सरकारी नौकरी में है. तो पति या पत्नी के निधन पर परिवार के सदस्य को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी नहीं दी जा सकती है. केजीएमयू प्रशासन ने फिर से मामले की जांच का फैसला किया था. इस संबंध में ट्रामा सर्जरी विभाग के डॉक्टर समीर मिश्रा के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई. कमेटी ने रिपोर्ट कुलसचिव राजेश राय को सौंप दी थी.

केजीएमयू में मृतक आश्रित की नौकरी पर गड़बड़झाला आया सामने

इसमें बताया गया कि मृतक की पत्नी ने परिवार में पांच आश्रित होने का जिक्र किया था. वहीं मृतक रामदयाल के बेटे को आश्रित कोटा से नौकरी देने की मांग की थी. इस दौरान मां ने अपनी नौकरी का जिक्र नहीं किया था. कुलसचिव ने 26 सितंबर 2018 को शासन को दिए गए जवाब में भी आनंद मिश्रा की नियुक्ति विधि सम्मत नहीं माना है.

लखनऊ: केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी पर गड़बड़ी सामने आई है. जहां मामले की शिकायत शासन से की गई है. शासन ने केजीएमयू से सभी पत्रावली तलब कर कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया था.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी में गड़बड़ी सामने आई.
  • शासन ने केजीएमयू से सभी पत्रावली तलब की थी.
  • उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया.
  • केजीएमयू में चौकीदार के पद पर तैनात राम दयाल मिश्रा की 2003 में मौत हो गई थी.
  • उनके बेटे को मृतक आश्रित कोटे से क्लर्क पद पर तैनाती दी गई. वहीं मृतक की पत्नी भी केजीएमयू में कार्यरत है. इस मामले की शासन से शिकायत की गई.

शासन ने सभी पत्रावली केजीएमयू से तलब की थी. उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया था. पत्र में यह भी कहा गया था. कि यदि दम्पत्ति सरकारी नौकरी में है. तो पति या पत्नी के निधन पर परिवार के सदस्य को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी नहीं दी जा सकती है. केजीएमयू प्रशासन ने फिर से मामले की जांच का फैसला किया था. इस संबंध में ट्रामा सर्जरी विभाग के डॉक्टर समीर मिश्रा के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई. कमेटी ने रिपोर्ट कुलसचिव राजेश राय को सौंप दी थी.

केजीएमयू में मृतक आश्रित की नौकरी पर गड़बड़झाला आया सामने

इसमें बताया गया कि मृतक की पत्नी ने परिवार में पांच आश्रित होने का जिक्र किया था. वहीं मृतक रामदयाल के बेटे को आश्रित कोटा से नौकरी देने की मांग की थी. इस दौरान मां ने अपनी नौकरी का जिक्र नहीं किया था. कुलसचिव ने 26 सितंबर 2018 को शासन को दिए गए जवाब में भी आनंद मिश्रा की नियुक्ति विधि सम्मत नहीं माना है.

Intro:एंकर- केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी पर गड़बड़झाला। मामले की शासन से शिकायत की गई। शासन ने केजीएमयू से सभी पत्रावली तलब की थी। उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया।


Body:वी ओ- केजीएमयू में मृतक चौकीदार के पद पर आश्रित कोटे कि नौकरी पर गड़बड़झाला। मामले की शासन से शिकायत की गई। शासन ने केजीएमयू से सभी पत्रावली तलब की थी। उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया। केजीएमयू में चौकीदार के पद पर तैनात राम दयाल मिश्रा की 2003 में मौत हो गई थी। उनके बेटे को मृतक आश्रित कोटे से क्लर्क पद पर तैनाती दी गई। मृतक की पत्नी भी केजीएमयू में कार्यरत है। इस मामले की शासन से शिकायत की गई। शासन ने सभी पत्रावली केजीएमयू से तलब की थी। उसके बाद कुलसचिव को अपने स्तर से कार्रवाई का आदेश दिया था। पत्र में यह भी कहा गया था। कि यदि दम्पत्ति सरकारी नौकरी में है। पति या पत्नी के निधन पर परिवार के सदस्य को मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी नहीं दी जा सकती है। केजीएमयू प्रशासन ने फिर से मामले की जांच का फैसला किया था। इस संबंध में ट्रामा सर्जरी विभाग के डॉक्टर समीर मिश्रा के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई। कमेटी ने रिपोर्ट कुलसचिव राजेश राय को सौंप दी। इसमें बताया है। की मृतक की पत्नी ने परिवार में पांच आश्रित होने का जिक्र किया था। मृतक रामदयाल के बेटे को आश्रित कोटा से नौकरी देने की मांग की थी। इस दौरान मां ने अपनी नौकरी के तत्व का जिक्र नहीं किया था। कुलसचिव ने 26 सितंबर 2018 को शासन को दिए गए जवाब में भी आनंद मिश्रा की नियुक्ति विधि सम्मत नहीं माना है।

हालांकि इस पूरे मामले पर जब हमने केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह से बातचीत की उन्होंने कहा इस पूरे मामले पर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा

बाइट- डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू


Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
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