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धोखाधड़ी के दो मामलों में शाइन सिटी के डायरेक्टर की जमानत अर्जी खारिज - shine city director bail plea

अदालत ने शाइन सिटी इरेक्टर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर चमन लाल दिवाकर की जमानत अर्जी खारिज की. लाखों रुपए लेकर प्लॉट का कब्जा न देने के दो मामलों में जमानत याचिका खारिज की गयी.

शाइन सिटी के डायरेक्टर की जमानत अर्जी खारिज
शाइन सिटी के डायरेक्टर की जमानत अर्जी खारिज
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Published : Jan 4, 2022, 9:49 PM IST

लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के मामले में विशेष जज अजय श्रीवास्तव ने लाखों रुपए लेकर प्लॉट का कब्जा न देने के मामले में निरुद्ध शाइन सिटी इरेक्टर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर चमन लाल दिवाकर की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी.

कोर्ट ने अभियुक्त के अपराध को बेहद गंभीर करार दिया. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि लोक लुभावन फर्जी स्कीमें दिखाकर जनता के करोड़ों रुपए हड़पने वाले लोगों का ये अपराध हत्या की श्रेणी में माना जाना चाहिए. वो आम जनता की जीवन भर की गाढ़ी कमाई का पैसा लेकर, उन्हें बरबाद कर देते हैं.

कोर्ट ने इसके साथ ही कम्पनी की एक स्कीम में निवेश किए गए लाखों की रकम हड़पने के दूसरे मामले में भी मुल्जिम चमन लाल दिवाकर की जमानत अर्जी खारिज कर दी. लोक अभियोजक कमल अवस्थी और अमित अवस्थी के मुताबिक ईओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया कि अभियुक्त शाइन सिटी नाम की कई अन्य परियोजनाओं में भी डायरेक्टर है.

ये भी पढ़ें- ATS सेंटर उद्घाटन: सीएम योगी बोले- सपा के बदलते रंग को देखकर गिरगिट भी शर्मा रहा होगा

पहले मामले की एफआईआर धर्मेन्द्र सक्सेना ने, जबकि दूसरे मामले की नित्यानंद मौर्य ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. इस मामले में शाइन सिटी का प्रबंध निदेशक राशिद नसीम व अन्य निदेशक आसिफ नसीम तथा फैज अहमद आदि भी नामजद हैं.

सोमवार को शाइन सिटी मामले के एक अभियुक्त की बहन ने कोर्ट परिसर में काफी हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस को उसे पकड़ के थाने ले जाना पड़ा था.

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लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के मामले में विशेष जज अजय श्रीवास्तव ने लाखों रुपए लेकर प्लॉट का कब्जा न देने के मामले में निरुद्ध शाइन सिटी इरेक्टर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर चमन लाल दिवाकर की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी.

कोर्ट ने अभियुक्त के अपराध को बेहद गंभीर करार दिया. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा है कि लोक लुभावन फर्जी स्कीमें दिखाकर जनता के करोड़ों रुपए हड़पने वाले लोगों का ये अपराध हत्या की श्रेणी में माना जाना चाहिए. वो आम जनता की जीवन भर की गाढ़ी कमाई का पैसा लेकर, उन्हें बरबाद कर देते हैं.

कोर्ट ने इसके साथ ही कम्पनी की एक स्कीम में निवेश किए गए लाखों की रकम हड़पने के दूसरे मामले में भी मुल्जिम चमन लाल दिवाकर की जमानत अर्जी खारिज कर दी. लोक अभियोजक कमल अवस्थी और अमित अवस्थी के मुताबिक ईओडब्ल्यू की जांच में यह सामने आया कि अभियुक्त शाइन सिटी नाम की कई अन्य परियोजनाओं में भी डायरेक्टर है.

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पहले मामले की एफआईआर धर्मेन्द्र सक्सेना ने, जबकि दूसरे मामले की नित्यानंद मौर्य ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. इस मामले में शाइन सिटी का प्रबंध निदेशक राशिद नसीम व अन्य निदेशक आसिफ नसीम तथा फैज अहमद आदि भी नामजद हैं.

सोमवार को शाइन सिटी मामले के एक अभियुक्त की बहन ने कोर्ट परिसर में काफी हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस को उसे पकड़ के थाने ले जाना पड़ा था.

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