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सीओ जियाऊल हक हत्याकांड: आरोपी फूलचंद यादव की जमानत अर्जी खारिज - फुलचंद यादव की जमानत अर्जी को खारीज

कुंडा सीओ जियाऊल हक हत्याकांड मामले में निरुद्ध आरोपी फूलचंद यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है. सीबीआई के विशेष जज प्रेम प्रकाश ने अपने आदेश में कहा कि जमानत अर्जी पोषणीय नहीं है और इसका कोई पर्याप्त साक्ष्य भी नहीं है.

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सीओ जियाऊल हक
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Published : May 3, 2022, 11:05 AM IST

लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज प्रेम प्रकाश ने कुंडा के तत्कालीन सीओ जियाऊल हक की हत्या के मामले में निरुद्ध मुल्जिम फूलचंद यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है. सीबीआई के जज ने अपने आदेश में कहा कि जमानत अर्जी पोषणीय नहीं है. इसका कोई पर्याप्त साक्ष्य भी नहीं है. ऐसे में अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है. इस कारण अर्जी को खारिज किया जाता है. इस मामले में 14 अप्रैल, 2013 से आरोपी फूलचंद न्यायिक हिरासत में है.

ये भी पढ़ें- बदायूं: दुश्मनों को फंसाने के लिए कराया था पत्नी का रेप, आरोपी पति और दोस्त गिरफ्तार

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक केपी सिंह ने आरोपी की जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया है. उनका कहना है कि फूलचंद की जमानत अर्जी सत्र अदालत, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज की जा चुकी है. आरोपी की यह अर्जी पोषणीय नहीं है. इसलिए इस अर्जी को निरस्त किया जाए.

आरोपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. इस हत्याकांड मामले में दो एफआईआर भी दर्ज हुई थी. दो मार्च, 2013 को पहली एफआईआर एसओ हथिगंवा मनोज कुमार शुक्ला ने दर्ज कराई थी. जबकि तीन मार्च, 2013 को दूसरी एफआईआर सीओ जियाऊल हक की पत्नी परवीन आजाद ने दर्ज कराई थी. सीबीआई की दोनों एफआईआर पर विचार विमर्श किया जा रहा है.

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लखनऊ: सीबीआई के विशेष जज प्रेम प्रकाश ने कुंडा के तत्कालीन सीओ जियाऊल हक की हत्या के मामले में निरुद्ध मुल्जिम फूलचंद यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया है. सीबीआई के जज ने अपने आदेश में कहा कि जमानत अर्जी पोषणीय नहीं है. इसका कोई पर्याप्त साक्ष्य भी नहीं है. ऐसे में अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है. इस कारण अर्जी को खारिज किया जाता है. इस मामले में 14 अप्रैल, 2013 से आरोपी फूलचंद न्यायिक हिरासत में है.

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सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक केपी सिंह ने आरोपी की जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया है. उनका कहना है कि फूलचंद की जमानत अर्जी सत्र अदालत, हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज की जा चुकी है. आरोपी की यह अर्जी पोषणीय नहीं है. इसलिए इस अर्जी को निरस्त किया जाए.

आरोपी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. इस हत्याकांड मामले में दो एफआईआर भी दर्ज हुई थी. दो मार्च, 2013 को पहली एफआईआर एसओ हथिगंवा मनोज कुमार शुक्ला ने दर्ज कराई थी. जबकि तीन मार्च, 2013 को दूसरी एफआईआर सीओ जियाऊल हक की पत्नी परवीन आजाद ने दर्ज कराई थी. सीबीआई की दोनों एफआईआर पर विचार विमर्श किया जा रहा है.

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