लखनऊ: अवध क्षेत्र के 13 जिलों के भाजपा सांसद और विधायकों की बैठक पांच कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में हुई. इसमें अधिकतर सांसद और विधायक मौजूद रहे. इस बैठक में विधायकों और सांसदों को सीएम योगी ने सीख दी. उनको बताया गया कि किस तरह से उनका व्यवहार सरकार के लिए संकट बन जाता है. आगामी चुनाव को लेकर किस तरह से उनको अपने क्षेत्र में काम करना और जनता का ख्याल रखना है. सार्वजनिक मंच और मीडिया के सामने कितना बोलना है और क्या बोलना है. इसके साथ ही अपने परिवार के लोगों के व्यवहार पर भी नियंत्रण रखना उनके लिए जरूरी होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की क्लास शाम को करीब पांच बजे शुरू हुई थी. इसमें 13 सांसद और 67 विधायकों के अलावा संगठन के अहम नेताओं ने हिस्सा लिया. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी बैठक में शामिल हुए. लखीमपुर कांड के बाद हुई इस बैठक से मीडिया को दूर रखा गया. न ही मीडिया कवरेज की इजाजत थी और न ही इस संबंध में कोई जानकारी दी गई. भाजपा के सूत्रों ने बताया कि बैठक का सबसे बड़ा एजेंडा जनप्रतिनिधियों का व्यवहार और चुनाव था. यह औपचारिक तौर पर सामान्य बैठक थी, जिसके जरिये जनप्रतिनिधि, सरकार और संगठन का समन्वय किया जाना था. मगर अवध क्षेत्र के ही लखीमपुर में हुई घटना का साया इस बैठक पर भी मंडराता रहा.
इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जनप्रतिनिधियों को सीख दी कि वे अब फूंक-फूंक कर अपने कदम रखें. उनकी एक छोटी सी गलती भी पार्टी को भारी पड़ सकती है. न केवल उन्होंने जनप्रतिनिधियों को सीख दी बल्कि कई ऐसे जनप्रतिनिधियों से अलग से भी बात की, जिनकी कुछ शिकायतें मिल रही थीं.
गौरतलब है कि लखीमपुर का विवाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के किसानों के खिलाफ दिए गए एक बयान के बाद शुरू हुआ था. इसकी वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई. ऐसे में योगी ने सभी से साफ तौर पर कहा कि सोशल मीडिया के इस युग में इस बात का ख्याल रखें कि उनके मुंह से कोई ऐसी बात न निकल जाए, जो कि आपत्तिजनक हो और बाद में किसी बड़ी प्रतिक्रिया का कारण न बन जाए.