लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश की 58 हजार ग्राम पंचायत यूपी में हैं और देश की ग्रामीण पंचायत का 23 फीसद यूपी में है. हमें इनका विकास करते हुए आत्मनिर्भर बनाकर स्मार्ट विलेज़ करना है. हमें डिजिटल इंडिया का उपयोग करते हुए काम करना है. जीडीपी में ग्रोथ करनी है तो हाई स्पीड इंटरनेट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. अभी यूपी में करीब 32 फीसद ही इंटरनेट औऱ वाईफाई की सुविधा का उपयोग कर रहे हैं. हमें इसमें औऱ वृद्धि करने की जरूरत है. ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अधिक से अधिक सुविधा बढ़ाने की जरूरत है.
प्रदेश में 4600 स्वास्थ्य केंद्र हैं और 2017 के पहले यहां डॉक्टर नहीं थे. हमने यहां डॉक्टर दिए. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को हम निचले स्तर तक पहुंचा पा रहे हैं. हमने आरोग्य मेले की शुरुआत कराई है. हमने हेल्थ एटीएम की सुविधा शुरू कराने का काम किया है. टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से हम इसका लाभ ले सकते हैं. यूपी में हमने ये करके दिखाया है. जनभागीदारी के मध्यम से हम यह काम कर रहे हैं. ग्राम पंचायत में ग्रामीण सचिवालय बनाया है. सभी 58 हजार पंचायत में यह काम किया गया है. पंचायत सचिव तैनात किए गए हैं. बीसी सखी की सुविधा दी गई है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को योजनाओं का लाभ मिलने में मदद मिल सके.
सीएम ने कहा कि हर गांव में बेहतर कनेक्टिविटी हो, डिजिटल इंडिया का भरपूर उपयोग हो, शौचालय हो, स्ट्रीट लाइट हो यह काम करके हमने दिखाया है. आज हर जगह स्वच्छता है. अब कहीं कोई खुले में शौच के लिए नहीं जाता है. ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों को सुविधा दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से पूर्वी यूपी में लोगों को बचाने का काम किया गया है. इसमें हमने अच्छी सफलता पाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं. गांव के जल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
ग्राम पंचायत में अतिरिक्त जमीन होती है तो कैसे उसका उपयोग करते हुए बेहतर काम कर सकते हैं. हर घर जल योजना को आगे बढ़ाने में पंचायत को स्वयं जिम्मेदारी लेनी होगी. इसको सफल करने में हर ग्राम पंचायत को आगे आकर काम करना होगा. कहा कि स्मार्ट पंचायत की परिकल्पना को साकार करना है. ढांचागत व्यवस्था सड़क पेयजल, शिक्षा, खेलकूद की व्यवस्था करनी है. हर ग्राम पंचायत में यह सब हो सकता है. हमें जनभागीदारी के माध्यम से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. ग्राम सचिवालय में कम्प्यूटर दिए गए हैं वाई फाई की सुविधा है. 243 प्रकार की सेवाएं ग्रामीणों को मिलेंगी, इससे लोगों को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. गांव के विकास कार्यों में पारदर्शिता लानी है.
कहा कि बुन्देलखंड में 'बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर' महिलाओं के स्वयं सहायता का उदाहरण है. हर ग्राम पंचायतों में संभावनाएं हैं, गौआश्रय स्थल, बायोफ्यूल के साथ खुद को जोड़ सकते हैं, ग्रीन एनर्जी, सोलर एनर्जी से जुड़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए स्वतः प्रयास करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में पेयजल, शिक्षा के लिए ऑपरेशन कायाकल्प एक महत्वपूर्ण आयाम साबित हुआ है. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों को खुद इनसे जुड़ना होगा. ग्राम सचिवालय में आज कम्प्यूटर वाईफाई सेवा दी गई है. ये ग्राम सचिवालय ब्लॉक थाना, तहसील के चक्करों से बचाएंगे, सरकार सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में इसे स्थापित कर रही है. सरकार पारदर्शिता ला रही है, जनसहभागिता इसमे जरूरी है, इनसे जुड़कर आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जनशिकायत के त्वरित निस्तारण के लिए पंचायत सहायक को बीएलई के साथ जोड़ा गया है. ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधाओं से जोड़ा गया है.
यह भी पढ़ें : सितंबर माह में खास होगा '15 अगस्त आम', जानिये खूबी
राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में स्मार्ट ग्राम पंचायत राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में कई प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने ग्रामीण विकास के क्षेत्र के किये गए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी साझा की. केरल से आए प्रतिनिधि ने बताया कि केरल में करीब तीन करोड़ लोग हैं. ढाई करोड़ लोग ग्रामीण हैं जो ऑनलाइन सेवाओं का लाभ ले रहे हैं. समग्र स्थानीय प्रबंधन सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन सेवाएं देने का काम किया जा रहा है. कार्यशाला में आये लोगों ने कहा कि यूपी में भी यह सम्भव है. ऑनलाइन माध्यम से यह सब सम्भव है. 200 सुविधाएं ऑनलाइन दी जा सकती हैं.
यह भी पढ़ें : RLD प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय बोले, कानून व्यवस्था की पोल खोलती है लखीमपुर की घटना