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भाजपा संगठन में समाप्त होने को है स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षी पारी, सामने आ रहे ये नाम

भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर के पदों तक में जल्द ही बदलाव किए जाने की कवायद शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष अगले एक से डेढ़ महीने में बदल जाएगा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर है जिसमें प्रमुख रूप से तीन ब्राह्मण नाम सामने आ रहे हैं.

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स्वतंत्र देव सिंह
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Published : Apr 1, 2022, 4:14 PM IST

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर के पदाधिकारियों को निकट भविष्य में बदलने की कवायद शुरू हो गई है. स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर करीब 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. इसके अलावा उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में जगह भी मिल चुकी है. ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद जल्द ही किसी और को दिया जा सकता है.

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स्वतंत्र देव सिंह

इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष अगले एक से डेढ़ महीने में ही बदल जाएगा. इसके अलावा संगठन के अन्य पदों में भी पड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. इसे लेकर पार्टी आलाकमान ने कवायद भी शुरू कर दी है. जिलों से लेकर प्रदेश तक के नेता प्रदेश मुख्यालय पर चक्कर काट रहे हैं. अपने-अपने समीकरण अनुकूल करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर है जिसमें प्रमुख रूप से फिलहाल तीन ब्राह्मण नाम सामने आ रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष वहीं व्यक्ति हो सकता है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबे समय तक जुड़ा रहा हो या फिर किसी महत्वपूर्ण अनुषांगिक संगठन जैसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ा हो. ऐसे ही व्यक्ति को संगठन में प्रदेश अध्यक्ष की जगह दी जाती रही है.

इसे भी पढे़ंः योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने स्वतंत्र देव सिंह, जानिए इनका राजनीतिक सफर

इसलिए इस बार भी जो प्रदेश अध्यक्ष होगा, वह न केवल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सिफारिश पर बनेगा बल्कि वह खुद भी संघ का अहम कार्यकर्ता होगा. सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस बार किसी ब्राह्मण चेहरे को उत्तर प्रदेश में संगठन का दायित्व दे सकती है. इसमें जो नाम अभी तक निकलकर सामने आ रहा है, वह पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा और बस्ती से सांसद हरीश चंद्र द्विवेदी का है.

किसी अनुसूचित जाति के वरिष्ठ कार्यकर्ता को भी प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिए जाने की बात हो रही है. यह दायित्व तय होने के बाद उपाध्यक्ष, महामंत्री और अन्य विभागों के पदाधिकारियों के नए नामों पर भी भारतीय जनता पार्टी विचार शुरू करेगी.
शिवपाल यादव के नाम पर संगठन में चल रहा मंथन
समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक बने शिवपाल यादव एक बार फिर अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराज हैं. उन्होंने विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. इन विधायकों की बैठक में नहीं आने के बाद अपने संगठन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की एक बैठक भी कर चुके हैं.

उनके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका संपर्क बना हुआ है. शिवपाल यादव ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया था. हालांकि सियासी हलकों में इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं. बताया जाता है कि शिवपाल यादव केंद्रीय संगठन के कुछ बड़े नेताओं से मिले हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के संगठन के भाजपा में शामिल किया जाएगा.

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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष से लेकर निचले स्तर के पदाधिकारियों को निकट भविष्य में बदलने की कवायद शुरू हो गई है. स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर करीब 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. इसके अलावा उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में जगह भी मिल चुकी है. ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद जल्द ही किसी और को दिया जा सकता है.

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स्वतंत्र देव सिंह

इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष अगले एक से डेढ़ महीने में ही बदल जाएगा. इसके अलावा संगठन के अन्य पदों में भी पड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. इसे लेकर पार्टी आलाकमान ने कवायद भी शुरू कर दी है. जिलों से लेकर प्रदेश तक के नेता प्रदेश मुख्यालय पर चक्कर काट रहे हैं. अपने-अपने समीकरण अनुकूल करने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर है जिसमें प्रमुख रूप से फिलहाल तीन ब्राह्मण नाम सामने आ रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष वहीं व्यक्ति हो सकता है जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लंबे समय तक जुड़ा रहा हो या फिर किसी महत्वपूर्ण अनुषांगिक संगठन जैसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ा हो. ऐसे ही व्यक्ति को संगठन में प्रदेश अध्यक्ष की जगह दी जाती रही है.

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इसलिए इस बार भी जो प्रदेश अध्यक्ष होगा, वह न केवल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सिफारिश पर बनेगा बल्कि वह खुद भी संघ का अहम कार्यकर्ता होगा. सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस बार किसी ब्राह्मण चेहरे को उत्तर प्रदेश में संगठन का दायित्व दे सकती है. इसमें जो नाम अभी तक निकलकर सामने आ रहा है, वह पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा और बस्ती से सांसद हरीश चंद्र द्विवेदी का है.

किसी अनुसूचित जाति के वरिष्ठ कार्यकर्ता को भी प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिए जाने की बात हो रही है. यह दायित्व तय होने के बाद उपाध्यक्ष, महामंत्री और अन्य विभागों के पदाधिकारियों के नए नामों पर भी भारतीय जनता पार्टी विचार शुरू करेगी.
शिवपाल यादव के नाम पर संगठन में चल रहा मंथन
समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक बने शिवपाल यादव एक बार फिर अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराज हैं. उन्होंने विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. इन विधायकों की बैठक में नहीं आने के बाद अपने संगठन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की एक बैठक भी कर चुके हैं.

उनके बारे में यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका संपर्क बना हुआ है. शिवपाल यादव ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया था. हालांकि सियासी हलकों में इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं. बताया जाता है कि शिवपाल यादव केंद्रीय संगठन के कुछ बड़े नेताओं से मिले हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के संगठन के भाजपा में शामिल किया जाएगा.

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