लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी हर बूथ पर 10 प्रतिशत मुस्लिम वोटों के लिए संघर्ष करने की रणनीति बना रही है. इसके तहत मोदी और योगी सरकार सरकार की योजनाओं से मुसलमानों को हो रहे लाभ को भुनाया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को भी और मजबूत कर रही है. इसी कड़ी में मुस्लिम कार्यकर्ताओं की संख्याओं को 50,000 तक ले जाना चाहती है.
जानकारी देते भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे 'Body:सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के लक्ष्य पर चलने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा अभियान शुरू किया है. भाजपा अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को मजबूत रही है. अपने वर्तमान कार्यकर्ताओं और नेताओं की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य भाजपा ने शुरू किया है. केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब मुसलमानों को जम कर मिल रहा है, जिससे भाजपा वोट को लेकर आशान्वित है. भाजपा को गांव के गरीब मुसलमानों से अपेक्षा है कि वह पुरानी मान्याताओं को तोड़कर भाजपा को उसकी योजनाओं के नाम पर 2022 के विधानसभा चुनाव में जरूर वोट देंगे.
जानकारी देते भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के करीब 44,000 सदस्यों को राज्यभर में अल्पसंख्यकों के बीच काम करने के लिए लगाया जा रहा है. वह मुस्लिम मोहल्लों में जाकर अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए केंद्र और योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देंगे. राज्य भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में फिलहाल लगभग 20,000 नेता और कार्यकर्ता हैं. जल्द ही 44,000 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी. वह मुसलमानों के बीच आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सरकारों की उपलब्धियों के विषय में बताएंगे. 2019 में जब केंद्र सरकार तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला कानून लाई, तो योगी सरकार ने इस प्रथा के कारण पीड़ित महिलाओं के लिए 500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता की घोषणा की थी, जिसका असर पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों पर काफी सकारात्मक रहा है.2017 के विधानसभा चुनाव परिणाम वाले दिन बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार पर जबरदस्त तरीके से नाराज नजर आई थीं कि जो सीटें मुस्लिम बहुल थीं और ऐसे बूथ जहां 98 फीसद मुसलमान थे, वहां भाजपा को वोट कैसे मिला? मायावती ने इसको लेकर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ा था, लेकिन भाजपा नेताओं का मानना था कि उनको मुस्लिमों ने भी वोट दिया है. यही नहीं भाजपा का एक वर्ग मानता है कि उसकी शिया मतदाताओं में अच्छी स्वीकार्यता है और बड़ी तादाद में शिया मुसलमान उसे वोट करते हैं. यही कारण है कि राजधानी के शिया मुस्लिम नेताओं के भाजपा के शीर्ष नेताओं से बेहतरीन रिश्ते रहे हैं. यह परंपरा आज भी कायम है.
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भारतीय जनता युवा मोर्चा अवध क्षेत्र में मीडिया प्रभारी खुर्शीद आलम बताते हैं कि राष्ट्रवादी मुसलमान भाजपा के साथ हैं. केंद्र और राज्य की सरकार ने कभी भी भेद नहीं किया है. सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यकों को बराबर मिला है, जिससे सरकार की लोकप्रियता मुसलमानों के बीच बढ़ती जा रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे बताते हैं कि सभी सरकारी योजनाएं जैसे किसान सम्मान निधि, उज्जवला, पीएम आवास, इज्जत घर, मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और अन्य सुविधाओं का लाभ मुसलमानों को बराबर मिला है. इस बार के परिणामों में आपको भाजपा की जीत में मुसलमानों का योगदान ज्यादा दिखाई देगा.