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लखनऊ जेल से बांग्लादेशी कैदी को एक दिन पहले ही किया रिहा, ATS ने कार्रवाई के लिए लिखा पत्र - गृह विभाग को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग

लखनऊ जेल के अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. अधिकारियों ने बांग्लादेशी कैदी को एक दिन पहले ही रिहा कर दिया. अब यूपी एटीएस (UP ATS) ने गृह विभाग (Home Department ) को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है.

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बांग्लादेशी कैदी
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Published : Jan 15, 2022, 7:16 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जेल विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. लखनऊ जेल के अधिकारियों ने बांग्लादेशी कैदी की एक दिन पहले ही रिहाई कर दी है. अब ये बांग्लादेशी नागरिक लापता हो गया है. इसके बाद यूपी एटीएस ने पत्र लिखकर दोषी जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

यूपी एटीएस की ओर से गृह विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे बांग्लादेश के नागरिक यूसुफ अली को साल 2017 को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से यूसुफ लखनऊ जेल में बंद था.

यूसुफ की सजा खत्म होने पर जेल अधिकारियों को बता दिया गया था कि उसे 19 दिसम्बर 2021 को रिहा किया जाए. ताकि उसे बीएसएफ के हवाले कर उसे वापस बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया जाए. लेकिन जेल अधिकारियों ने एजेंसी की इस सूचना को दरकिनार कर कैदी को एक दिन पहले ही 18 दिसंबर को रिहा कर दिया और अब वह लापता हो गया है.

इसे भी पढ़ेंः जेल में निरुद्ध कैदी की मौत पर परिजनों ने सड़क जामकर किया प्रदर्शन, जानें क्यों स्थिति हो गई विस्फोटक

एटीएस ने गृह विभाग को दोषी लखनऊ जेल के अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, एटीएस ने बांग्लादेशी यूसुफ अली की तलाश तेज कर दी है. एजेंसी ने एक नम्बर 9792103156 भी जारी किया है और अपील की है कि यदि यूसुफ की जानकारी मिले तो तत्काल सूचना दी जाए.

गौरतलब है कि यूपी एटीएस पिछले 5 सालों से यूपी में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्यो और बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश कर रहा है. साथ ही 3 दर्जन रोहिंग्यो को गिरफ्तार भी कर चुकी है. एजेंसी इन बांग्लादेशी और रोहिंग्यो कि सजा पूरी होने के बाद इन्हें बॉर्डर पर बीएसएफ के हवाले करती है, जिससे उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाए.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश जेल विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. लखनऊ जेल के अधिकारियों ने बांग्लादेशी कैदी की एक दिन पहले ही रिहाई कर दी है. अब ये बांग्लादेशी नागरिक लापता हो गया है. इसके बाद यूपी एटीएस ने पत्र लिखकर दोषी जेल कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

यूपी एटीएस की ओर से गृह विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे बांग्लादेश के नागरिक यूसुफ अली को साल 2017 को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से यूसुफ लखनऊ जेल में बंद था.

यूसुफ की सजा खत्म होने पर जेल अधिकारियों को बता दिया गया था कि उसे 19 दिसम्बर 2021 को रिहा किया जाए. ताकि उसे बीएसएफ के हवाले कर उसे वापस बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया जाए. लेकिन जेल अधिकारियों ने एजेंसी की इस सूचना को दरकिनार कर कैदी को एक दिन पहले ही 18 दिसंबर को रिहा कर दिया और अब वह लापता हो गया है.

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एटीएस ने गृह विभाग को दोषी लखनऊ जेल के अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, एटीएस ने बांग्लादेशी यूसुफ अली की तलाश तेज कर दी है. एजेंसी ने एक नम्बर 9792103156 भी जारी किया है और अपील की है कि यदि यूसुफ की जानकारी मिले तो तत्काल सूचना दी जाए.

गौरतलब है कि यूपी एटीएस पिछले 5 सालों से यूपी में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्यो और बांग्लादेशी नागरिकों की तलाश कर रहा है. साथ ही 3 दर्जन रोहिंग्यो को गिरफ्तार भी कर चुकी है. एजेंसी इन बांग्लादेशी और रोहिंग्यो कि सजा पूरी होने के बाद इन्हें बॉर्डर पर बीएसएफ के हवाले करती है, जिससे उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाए.

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