लखनऊ: 27 अक्टूबर 2013, स्थान-पटना का गांधी मैदान, मौका था-नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली का. आतंकियों ने रैली के मुख्य अतिथि नरेंद्र मोदी को मानव बम से उड़ाने की साजिश रची थी. ऐन मौके पर पटना जंक्शन के टॉयलेट में आतंकी अपने शरीर पर बम बांध रहा था. तभी बैटरी की गड़बड़ी की वजह से वह बम वहीं फट गया. आतंकी इम्तियाज NIA के हत्थे चढ़ा और खुलासा हुआ कि इम्तियाज की मंशा रैली के दौरान नरेंद्र मोदी के कार के सामने आकर खुद को ब्लास्ट करने की थी. गिरफ्त में आए इम्तियाज की शिनाख्त पर, रांची से विस्फोटकों के साथ दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. आरोपियों के पास से डेटोनेटर, प्रेशर कुकर बम, जिहादी साहित्य और सीडी बरामद किये गये थे.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, ऐसा ही कुछ फुलप्रूफ प्लान लखनऊ में अलकायदा समर्थित अंसार गजवत-उल-हिंद के पकड़े गए मिनहाज व मशीरुद्दीन ने बनाया था. इनकी प्लानिंग मुम्बई की ट्रेनों में 7/11 सीरियल ब्लास्ट की तरह इस बार यूपी को दहलाने और रक्षामंत्री को मानव बम से उड़ाने की थी. बिहार और उत्तर प्रदेश में पकड़े गये आरोपियों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक, प्रेशर कुकर बम, जिहादी व्हाट्सएप व टेलीग्राम चैट मिलना समानता है. इस इनपुट के बाद अब UP ATS व खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
ADG की मानें तो इस पूरे ऑपरेशन को पाकिस्तान के पेशावर में बैठा आतंकी उमर-अल-मंदी संचालित कर रहा था. उमर पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर इलाके से आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करता है. वह भारत में अलकायदा संगठन में सदस्यों की भर्ती करता है. उमर-अल-मंदी के इशारे पर दोनों पकड़े गए आरोपी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में धमाका करने के साथ आत्मघाती हमला करने की भी योजना पर काम कर रहे थे. पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकी संगठन से स्लीपर सेल सिर्फ उत्तर प्रदेश के लखनऊ या कैराना ही नहीं बल्कि कानपुर समेत कई जिले में मौजूद हैं. इसके अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में भी आतंकी संगठन अपनी जड़े मजबूत कर चुका है.
बताया जा रहा है कि अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन के आतंकी अपने स्लीपर सेल से बड़े धमाके कराने के फिराक में हैं.2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के 7 साल बाद यह पहला मौका है, जब इतने बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियों का खुलासा हुआ है. आतंकी संगठन अलकायदा ने देश में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद भारत में अंसार गजवत-उल-हिंद के नाम से एक नया संगठन खड़ा किया था. लखनऊ से पकड़े गए दोनों आरोपी इसी संगठन के लिए 2014 से ही काम कर रहे थे. पूर्णिया, किशनगंज, बांका मदरसा ब्लास्ट, सिवान ब्लास्ट, दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट मामले में हैदराबाद से दो आतंकी पकड़े गए.
इनके खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश के कैराना से लश्कर-ए-तैयबा के दो अन्य आतंकियों को दबोचा गया. अब लखनऊ में अलकायदा के दो और फिर दो दिन बाद तीन आतंकियों के पकड़े जाने से यह साबित होता है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन, भारत में बड़ी आतंकवादी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं. यह संयोग ही था कि बिहार के बांका जिला स्थित एक मदरसा, जहां संभवत कोई गहरी साजिश रची जा रही थी, वहां एक जबरदस्त धमाके में पूरा मदरसा ही ढह गया. इसके अलावा आतंकियों के सिकंदराबाद एक्सप्रेस को बर्निंग ट्रेन बनाने की नापाक कोशिश भी फेल हो गई.
वर्ष 2006 में वाराणसी रेलवे कैंट और संकट मोचन मंदिर में जो ब्लास्ट हुए थे, वह प्रेशर कुकर बम से किए गए थे. इस ब्लास्ट में 11 लोगों की मौत हो गई थी. मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस और STF ने वालीउल्लाह नामक एक आतंकी को गिरफ्तार किया था. तब यह बात सामने निकल कर आई थी कि वाराणसी ब्लास्ट में जिन कुकर बम का प्रयोग किया गया था, वो पटना के फुलवारी शरीफ में तैयार किया गया था.
UP ATS की मानें तो यूपी में अलकायदा काफी मजबूत हो गई है. हजारों की संख्या में स्लीपर माड्यूल्स तैयार किए गए हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके से पकड़े गए आतंकवादी मुंबई में 15 साल पहले लोकल ट्रेन में हुए 7/11 सिलसिलेवार बम धमाकों जैसी आतंकी घटना को यूपी में अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. दोनों आतंकी 15 अगस्त व बकरीद से पहले राज्य और राजधानी लखनऊ में बड़े फिदायीन हमले की योजना बना रहे थे.
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15 साल पहले जुलाई में मुंबई में जिस तरह सिलसिलेवार बम धमाकों में कुकर का इस्तेमाल किया गया था, उसी तरह का धमाका करने की फिराक में लखनऊ में पकड़ गए आतंकी थे. इस खुलासे के बाद अब UP ATS ने देशभर में आतंकवादियों की तलाश के लिए मुहिम शुरू कर दी है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम लखनऊ जाकर इन आतंकवादियों से पूछताछ कर रही है. पाकिस्तान के पेशावर में बैठा आतंकी उमर-अल-मंदी यूपी के संभल का रहने वाला है. उसका असली नाम सैय्यद अख्तर है. वह दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल का वांटेड अपराधी है.
उत्तर प्रदेश में आतंकी संगठन फिर से सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं. अलकायदा ने वर्ष 2014 में इंडिया सबकॉन्टिनेंट मिशन का ऐलान किया था. इस मिशन का चीफ मौलाना असीम उमर यूपी के संभल का रहने वाला था. असीम उमर पाकिस्तान शिफ्ट होकर अलकायदा से जुड़ गया. मौलाना असीम उमर को अफगानिस्तान में अफगान एजेंसियों ने मार गिराया था. पिछले महीने दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए ब्लास्ट के मामले में NIA और UP ATS ने यूपी के शामली जिले के कैराना निवासी इमरान खान उर्फ इमरान मलिक व उसके भाई नासिर खान को गिरफ्तार किया था. यूपी में अभी तक कई आतंकी गतिविधियों का खुलासा किया जा चुका है.