लखनऊ: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि केरल सरकार अपने मंत्रियों के निजी सचिवों को जो कि सरकारी सेवक भी नहीं हैं, उनको दो साल की नौकरी पर पुरानी पेंशन योजना का लाभ आजीवन दे रही है.
उनके संज्ञान में यह मामला आया तो उन्होंने इसे सार्वजनिक किया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी इस प्रकरण का संज्ञान लिया है. यह सरकार का फैसला होगा कि पेंशन बंद हो या जारी रहे. फिलहाल पेंशन बंद नहीं की गई है. उन्होंने कहा, ' मैं शुक्रगुजार हूं कि सभी ने इस बात को स्वीकार किया है कि केरल सरकार गलत कर रही हैं'.
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लखनऊ विश्वविद्यालय में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भाग लेने के बाद आरिफ मोहम्मद खान ने पत्रकारों से बातचीत की. ईटीवी भारत के सवाल कि केरल में राजनीतिक आधार पर रखे गए मंत्रियों के सचिवों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है, पर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि निश्चित तौर पर जब यह बात उनके संज्ञान में आई तो उन्होंने इसे उठाया है.
यह बड़ा आपत्तिजनक है कि 2 साल की नौकरी पर पूरे जीवन पुरानी पेंशन मिले जो कि सरकारी कर्मचारियों को भी नहीं मिलती है. उनके इस मामले को उठाने पर इस मामले का संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया. इससे ज्यादा वह कुछ नहीं कह सकते क्योंकि पेंशन जारी रखने या बंद करने पर फैसला सरकार को करना है.
देश में बढ़ रहे हैं सांप्रदायिक उन्माद को लेकर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मीडिया को भी ऐसे मामलों को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए. इसे हमें दबाना होगा, तभी उन्माद कम होगा. हमें केवल जोड़ने की बात करनी चाहिए न की तोड़ने की. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में सामाजिक कार्यकर्ता अनिल सिंह की पुस्तक मेरी अशेष यात्रा के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अम्मार रिज़वी साहब की मेहरबानी से उन्होंने भी यहां से डिग्री प्राप्त की है. दुनिया में माना जाता है जब भावनाएं आहत होतीं हैं, तब सृजनात्मकता आती है. किताब भी आहत भावनाओं के साथ लिखी जाती है.
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