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विधानमंडल दल की नेता बनी आराधना मिश्रा 'मोना', सोनिया गांधी ने लगाई मुहर

रामपुर खास विधानसभा सीट से विधायक आराधना मिश्रा को सोनिया गांधी ने यूपी विधानमंडल का नेता मनोनीत किया है. वह 18वीं विधानसभा में सीएलपी लीडर के रूप में कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगी.

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आराधना मिश्रा 'मोना'
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Published : Mar 27, 2022, 10:29 PM IST

लखनऊ. प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक बनीं आराधना मिश्रा 'मोना' को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर यूपी विधानमंडल दल का नेता मनोनीत किया है. यह दूसरा मौका है जब आराधना मिश्रा को यह दायित्व सौंपा गया है. 2019 में जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू थे तब विधानमंडल दल का नेता आराधना मिश्रा मोना को बनाया गया था.

उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा में इस बार कांग्रेस पार्टी के सिर्फ दो ही विधायक होंगे. आराधना मिश्रा 'मोना' उनमें से एक नेता हैं. विधानमंडल दल के रूप में आराधना मिश्रा 'मोना' एक बार फिर कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखेंगी.जबकि दूसरे विधायक के रुप में वीरेंद्र चौधरी इस बार सदन में पहुंचे हैं. वीरेंद्र चौधरी महाराजगंज की फरेंदा विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं.

17वीं विधानसभा में साल 2017 में कांग्रेस के कुल सात विधायक जीते थे लेकिन 2022 आते-आते पार्टी के पास सिर्फ तीन ही विधायक बचे थे. इनमें भी दो विधायक इस बार चुनाव हार गए हैं. जिनमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी शामिल हैं. ऐसे में अब जब दो ही विधायक बचे हैं तो फिर से पार्टी ने आराधना मिश्रा 'मोना' को ही पार्टी का पक्ष रखने के लिए विधानमंडल दल का नेता बनाया है.

यह भी पढ़ें:सीएम सहित नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ 28 को व 29 मार्च को होगा विधानसभा अध्यक्ष का फैसला


पिछले विधानसभा सत्र में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू विधायक के रूप में विधानसभा में आराधना मिश्रा के साथ नजर आते थे. लेकिन, इस बार अजय कुमार लल्लू की जगह विधायक वीरेंद्र चौधरी उनका साथ विधानसभा के अंदर देंगे. फरेंदा से विधायक बने वीरेंद्र चौधरी का नाम कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कतार में भी शामिल है. पार्टी उनके नाम पर भी प्रदेश अध्यक्ष की मुहर लगा सकती है.

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लखनऊ. प्रतापगढ़ की रामपुर खास विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक बनीं आराधना मिश्रा 'मोना' को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर यूपी विधानमंडल दल का नेता मनोनीत किया है. यह दूसरा मौका है जब आराधना मिश्रा को यह दायित्व सौंपा गया है. 2019 में जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू थे तब विधानमंडल दल का नेता आराधना मिश्रा मोना को बनाया गया था.

उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा में इस बार कांग्रेस पार्टी के सिर्फ दो ही विधायक होंगे. आराधना मिश्रा 'मोना' उनमें से एक नेता हैं. विधानमंडल दल के रूप में आराधना मिश्रा 'मोना' एक बार फिर कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखेंगी.जबकि दूसरे विधायक के रुप में वीरेंद्र चौधरी इस बार सदन में पहुंचे हैं. वीरेंद्र चौधरी महाराजगंज की फरेंदा विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं.

17वीं विधानसभा में साल 2017 में कांग्रेस के कुल सात विधायक जीते थे लेकिन 2022 आते-आते पार्टी के पास सिर्फ तीन ही विधायक बचे थे. इनमें भी दो विधायक इस बार चुनाव हार गए हैं. जिनमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी शामिल हैं. ऐसे में अब जब दो ही विधायक बचे हैं तो फिर से पार्टी ने आराधना मिश्रा 'मोना' को ही पार्टी का पक्ष रखने के लिए विधानमंडल दल का नेता बनाया है.

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पिछले विधानसभा सत्र में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू विधायक के रूप में विधानसभा में आराधना मिश्रा के साथ नजर आते थे. लेकिन, इस बार अजय कुमार लल्लू की जगह विधायक वीरेंद्र चौधरी उनका साथ विधानसभा के अंदर देंगे. फरेंदा से विधायक बने वीरेंद्र चौधरी का नाम कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कतार में भी शामिल है. पार्टी उनके नाम पर भी प्रदेश अध्यक्ष की मुहर लगा सकती है.

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