ETV Bharat / city

जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, जानकीपुरम से श्मशान घाट हटाने पर विचार करे एलडीए

लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जानकीपुरम से श्मशान घाट हटाने पर विचार करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि इससे हजारों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है.

etv bharat
allahabad-high-court-orders
author img

By

Published : Feb 1, 2022, 10:57 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जानकीपुरम में सेक्टर जे स्थित श्मशान घाट को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार करने का आदेश दिया. हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि श्मशान के लिए नई जगह पूरी तरह उचित होनी चाहिए. साथ ही पर्यावरण तथा अन्य कारकों का भी ध्यान रखा जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने ब्रजेश कुमार गुप्ता की जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका का यह कहते हुए विरोध किया गया कि याची खुद उसी इलाके का रहने वाला है. ऐसे में उसका भी हित मामले से जुड़ा हुआ है, लिहाजा उसकी जनहित याचिका पोषणीय नहीं है. हालांकि न्यायालय ने इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए कहा कि एक रिहायशी इलाके में शवों के अंतिम संस्कार का मुद्दा प्रशासनिक अधिकारियों को देखना चाहिए था.

ये भी पढ़ें- जहरीली शराब कांडः नकली शराब बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, 7 आरोपी गिरफ्तार

न्यायालय ने कहा कि हम एलडीए वीसी से उम्मीद करते हैं कि वो याची की शिकायत पर सहानुभूतिपूर्वक देखें व श्मशान घाट को किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने पर विचार करेंगे. न्यायालय ने कहा कि हम इस बात को लेकर सचेत हैं कि अंतिम संस्कार मानव समाज का महत्वपूर्ण भाग है और इसको सुविधाजनक स्थान पर किया जाना चाहिए. विकास प्राधिकरणों को शहरी योजना बनाते समय, इस आवश्यकता पर जरूर विचार करना चाहिए. न्यायालय ने लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त को भी आदेश दिया कि वह इस मामले का हल करने में सहयोग करें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जानकीपुरम में सेक्टर जे स्थित श्मशान घाट को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार करने का आदेश दिया. हालांकि न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि श्मशान के लिए नई जगह पूरी तरह उचित होनी चाहिए. साथ ही पर्यावरण तथा अन्य कारकों का भी ध्यान रखा जाए.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने ब्रजेश कुमार गुप्ता की जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका का यह कहते हुए विरोध किया गया कि याची खुद उसी इलाके का रहने वाला है. ऐसे में उसका भी हित मामले से जुड़ा हुआ है, लिहाजा उसकी जनहित याचिका पोषणीय नहीं है. हालांकि न्यायालय ने इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए कहा कि एक रिहायशी इलाके में शवों के अंतिम संस्कार का मुद्दा प्रशासनिक अधिकारियों को देखना चाहिए था.

ये भी पढ़ें- जहरीली शराब कांडः नकली शराब बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, 7 आरोपी गिरफ्तार

न्यायालय ने कहा कि हम एलडीए वीसी से उम्मीद करते हैं कि वो याची की शिकायत पर सहानुभूतिपूर्वक देखें व श्मशान घाट को किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने पर विचार करेंगे. न्यायालय ने कहा कि हम इस बात को लेकर सचेत हैं कि अंतिम संस्कार मानव समाज का महत्वपूर्ण भाग है और इसको सुविधाजनक स्थान पर किया जाना चाहिए. विकास प्राधिकरणों को शहरी योजना बनाते समय, इस आवश्यकता पर जरूर विचार करना चाहिए. न्यायालय ने लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त को भी आदेश दिया कि वह इस मामले का हल करने में सहयोग करें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.