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निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक का मामला, जानें क्यों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जतायी नाराज

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Published : Mar 16, 2022, 8:47 PM IST

निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक को हटाने पर विचार न करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जतायी. मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी.

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निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक का मामला

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करने सम्बंधी अपने 16 फरवरी 2022 के आदेश पर अमल न करने पर नाराजगी जताई. न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई तक सरकार इस विषय पर विचार करके कोर्ट को जानकारी दे. मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल राय और एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. मामले की सुनवाई करते हुए 16 फरवरी 2022 को याचिका पर न्यायालय ने कहा था कि 11 फरवरी को शासनादेश पारित करते हुए, स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं. लिहाजा अब फीस वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी से क्यों मिलीं सांसद हेमा मालिनी, पढ़ें पूरी खबर

याचिका में प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस इस साल भी न बढ़ाए जाने सम्बंधी 7 जनवरी 2022 के शासनादेश को चुनौती दी गई है. दलील दी गई है कि ये शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है. अब सरकार ने खुद 11 फरवरी के शासनादेश के जरिए स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. इसका आशय है कि हम सामान्य जीवन में लौट आए हैं, तो सरकार को प्राइवेट स्कूलों के फीस बढ़ाने पर लगी रोक पर भी पुर्नविचार करना चाहिए.

इस पर न्यायालय ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होनी है और इसके पहले निजी स्कूलों को फी स्ट्रक्चर भी प्रकाशित करना है. इसके प्रकाशन के बाद बच्चों के माता-पिता की यदि आपत्तियां आती हैं, तो उन पर भी विचार करना है.

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लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर विचार करने सम्बंधी अपने 16 फरवरी 2022 के आदेश पर अमल न करने पर नाराजगी जताई. न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई तक सरकार इस विषय पर विचार करके कोर्ट को जानकारी दे. मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल राय और एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. मामले की सुनवाई करते हुए 16 फरवरी 2022 को याचिका पर न्यायालय ने कहा था कि 11 फरवरी को शासनादेश पारित करते हुए, स्कूलों को खोलने के निर्देश दिए गए हैं. लिहाजा अब फीस वृद्धि पर लगी रोक को हटाने पर भी सरकार को विचार करना चाहिए.

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याचिका में प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की फीस इस साल भी न बढ़ाए जाने सम्बंधी 7 जनवरी 2022 के शासनादेश को चुनौती दी गई है. दलील दी गई है कि ये शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है. अब सरकार ने खुद 11 फरवरी के शासनादेश के जरिए स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. इसका आशय है कि हम सामान्य जीवन में लौट आए हैं, तो सरकार को प्राइवेट स्कूलों के फीस बढ़ाने पर लगी रोक पर भी पुर्नविचार करना चाहिए.

इस पर न्यायालय ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होनी है और इसके पहले निजी स्कूलों को फी स्ट्रक्चर भी प्रकाशित करना है. इसके प्रकाशन के बाद बच्चों के माता-पिता की यदि आपत्तियां आती हैं, तो उन पर भी विचार करना है.

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