लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के अंग्रेजी माध्यम के सरकारी प्राइमरी स्कूल निजी स्कूलों को भी टक्कर देने लगे हैं. इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सिर्फ लखनऊ में ही कई अंग्रेजी माध्यम के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 50 से 60% तक की छात्र संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है. जानकारों की मानें तो एक ओर जहां अंग्रेजी माध्यम के इन स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधर रहा है. वहीं, कोरोना संक्रमण के दौर में कई इलाकों में निजी स्कूल बंद होने के बाद बच्चे इन स्कूलों की ओर आ रहे हैं.
सरकारी प्राइमरी स्कूल अहमामऊ की शिक्षिका पदमा गुप्ता बताती हैं कि उनके इस स्कूल में 2018 में करीब 50 से 60 बच्चे पढ़ते थे. अंग्रेजी माध्यम होने के कारण यहां करीब 5 शिक्षकों को तैनात किया गया. अंग्रेजी माध्यम की किताबें लाई गईं. आज स्थिति यह है की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. आसपास के कई प्राइवेट स्कूलों के बच्चों ने भी वहां से नाम कटवा कर सरकारी प्राइमरी स्कूल में दाखिला ले लिया है. पदमा गुप्ता ने बताया कि यहां अभी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है ऐसे में आने वाले कुछ महीनों में यह संख्या डेढ़ सौ का आंकड़ा भी पार कर सकती है.
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन (Elementary Teacher Trained Graduate Association) के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि यह स्थिति आपको कमोवेश प्रदेश के ज्यादातर सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में देखने को मिलेगी. यह स्कूल सरकार के एक सफल मॉडल के रूप में सामने आए हैं. अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए शिक्षकों के चयन अलग से किया जाता है. बकायदा परीक्षा के बाद इन स्कूलों में तैनाती दी जाती है.
10,000 से ज्यादा है अंग्रेजी माध्यम के स्कूल : बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी प्राइमरी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू करने की प्रक्रिया 2019 में शुरू की गई. इन विद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन एक बहुत बड़ी चुनौती साबित हुई. हालांकि जिन लोगों पर इनकी समय पर शुरुआत कर दी गई, वहां अच्छे नतीजे भी देखने को मिले. शुरुआत से ही इन विद्यालयों को इतनी अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने मई 2019 में पत्र जारी कर 4000 अतिरिक्त स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में परिवर्तित करने के आदेश जारी किए थे. इसके साथ ही इनकी संख्या बढ़कर 10000 के पार पहुंच गई.
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सरकारी स्कूलों में बड़ी छात्र संख्या : उत्तर प्रदेश मैं बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में छात्र संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्तमान में सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में करीब एक करोड़ 65 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. बेसिक शिक्षा विभाग की एक आंकड़े के मुताबिक 2017 से पहले यह संख्या एक करोड़ 30 लाख के आसपास थी.
दाखिले के लिए शुरू किया गया विशेष अभियान : सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में दाखिले की संख्या को बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से बीती 4 अप्रैल को स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई. स्कूलों के स्तर पर अपने-अपने इलाकों में जागरूकता रैली निकाली जा रही है. इसके अलावा लोगों को बड़ी संख्या में अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अपील की गई है. शिक्षिका पदमा गुप्ता कहती है कि आने वाले कुछ महीनों में इसके अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे.
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