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यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता, 40 करोड़ की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) को बड़ी सफलता मिली है. यूपी एसटीएफ की लखनऊ टीम ने हेलो राइड लिमिटेड और इंफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

accused of 40 crores forgery arrested by up stf in lucknow
accused of 40 crores forgery arrested by up stf in lucknow
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Published : Sep 11, 2021, 7:44 PM IST

लखनऊ: 40 करोड़ की ठगी के बाद से ही दोनों आरोपी फरार चल रहे थे. इनमें देवेश कुमार यादव पर 25 हजार रुपये और राम जनक मौर्य पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पकड़े गए यह आरोपियों ने हजारों लोगों से 40 करोड़ रुपये निवेश के नाम पर ठगे थे. ये पोल खुलने के बाद से फरार चल रहे थे.

आरोपी देवेश कुमार यादव और राम जनक मौर्य को लखनऊ के भरवारा रेलवे क्रासिंग के पास से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. पकड़े गए आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, 5 एटीएम कार्ड, एक मकान रजिस्ट्री की कॉपी, दो चार पहिया वाहन यूपी-32-एफएक्स-3331 (डस्टर) और यूपी-32-एलक्यू-6704 (स्विफ्ट) बरामद हुए. एसटीएफ की टीम ने दोनों आरोपियों को विभूतिखंड थाना में दाखिल किया.


हेलो राइड लिमिटेड और इंफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हजारों लोगों से इन दोनों ने करीब 40 करोड़ रुपये निवेश कराए थे और रुपये लेकर फरार चल रहे थे. ठगी करने वाले बाहुबली ग्रुप के बादशाह ग्रुप के प्रेसिडेंट देवेश यादव पर 25 हजार रुपये और राम जनक मौर्य पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था. दोनों आरोपी ठगी करने के बाद से पुलिस से छिप रहे थे. पुलिस और एसटीएफ की टीम दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थीं.

एसटीएफ को सूचना मिली कि दोनों आरोपी विभूति खंड के भरवारा क्रॉसिंग के पास मौजूद हैं. एसटीएफ की टीम ने वहां पहुंचकर दोनों को पकड़ लिया. एसटीएफ ने दोनों आरोपियों से पूछताछ भी की. पूछताछ में आरोपी देवेश कुमार यादव ने बताया कि उसने साल 2018 में इंफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड रियल एस्टेट कंपनी में प्लाट दिलाने के नाम पर किस्त के रूप में लोगों से रुपया जमा कराना शुरू कर दिया था. इस कंपनी के डायरेक्टर अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान थे.

अभय कुशवाहा ने साल 2018 में ही हेलो राइड लिमिटेड कंपनी बनाई थी. इससमें निखिल कुशवाहा, अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी डायरेक्टर थे. इसका ऑफिस साइबर हाइट्स विभूति खंड के आठवें तल पर था. यह कंपनी बाइक टैक्सी चलाने का प्रलोभन देकर रुपए जमा कराती थे. कंपनी में रुपए जमा करने के लिए 7 टीमें बनाई गई थीं. इन टीमों में लगभग 1500 लोग काम करते थे. इन्हीं टीमों में देवेश की भी बाहुबली ग्रुप कंपनी थी, जिसमें देवेश कुमार यादव प्रेसिडेंट था. इन सातों टीमों के प्रेसिडेंट अपनी टीमों के माध्यम से रुपया जमा करते थे. जिसका उनको लगभग 15% कमीशन दिया जाता था.


देवेश ने पूछताछ में बताया कि उसकी टीम में लगभग 200 लोग काम करते थे. देवेश ने अपनी टीम के माध्यम से लगभग 500 लोगों से 20 करोड़ रुपये इन कंपनियों में जमा कराए थे. उसे लगभग एक करोड़ 80 लाख रुपये कमीशन मिला था. वर्तमान समय में देवेश अपनी रियल स्टेट कंपनी इलाइट विवान प्राइवेट लिमिटेड बनाकर लोगों से सस्ते प्लाट का प्रलोभन देकर रुपया जमा करा रहा था.

आरोपी राम जनक मौर्य ने बताया कि उसने इन दोनों कंपनियों में देवेश के साथ ही ज्वाइन किया था. राम जनक मौर्य बादशाह ग्रुप का प्रेसिडेंट था. उसके टीम में भी लगभग 200 लोग काम करते थे. राम जनक ने बताया कि उसकी टीम ने लगभग 18 करोड़ रुपया जमा कराए थे. उसको इसके लिए 1.6 करोड़ रुपये का कमीशन कंपनी ने दिया था. मार्च 2019 में जब इन कंपनियों में लगभग 500 करोड़ रुपए जमा हो गए तो अभय कुशवाहा कंपनियां बंद करके फरार हो गया. इसके बाद इन कंपनियों व इन दोनों लोगों पर सैकड़ों मुकदमा दर्ज हो गए.

इसके बाद ही यह दोनों भी फरार हो गए. बाद में राम जनक ने फिश फॉर्च्यून नाम की कंपनी में मत्स्य पालन के नाम पर लोगों से 5.5 लाख प्रति तालाब जमा कराने लगा. राम जनक मौर्य लगभग 100 लोगों से तालाबों के नाम पर पैसे कंपनी में जमा करा दिए. कंपनी किसान को 70 हजार प्रतिमाह और राम जनक को 1% कमीशन प्रतिमाह देती थी. यह कंपनी 10 माह बाद भाग गई. इसके बाद राम जनक दिल्ली में छिप कर रह रहा था. वो देवेश से मुलाकात करने के लिए शनिवार को आया हुआ था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

लखनऊ: 40 करोड़ की ठगी के बाद से ही दोनों आरोपी फरार चल रहे थे. इनमें देवेश कुमार यादव पर 25 हजार रुपये और राम जनक मौर्य पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पकड़े गए यह आरोपियों ने हजारों लोगों से 40 करोड़ रुपये निवेश के नाम पर ठगे थे. ये पोल खुलने के बाद से फरार चल रहे थे.

आरोपी देवेश कुमार यादव और राम जनक मौर्य को लखनऊ के भरवारा रेलवे क्रासिंग के पास से गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. पकड़े गए आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, दो आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, 5 एटीएम कार्ड, एक मकान रजिस्ट्री की कॉपी, दो चार पहिया वाहन यूपी-32-एफएक्स-3331 (डस्टर) और यूपी-32-एलक्यू-6704 (स्विफ्ट) बरामद हुए. एसटीएफ की टीम ने दोनों आरोपियों को विभूतिखंड थाना में दाखिल किया.


हेलो राइड लिमिटेड और इंफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हजारों लोगों से इन दोनों ने करीब 40 करोड़ रुपये निवेश कराए थे और रुपये लेकर फरार चल रहे थे. ठगी करने वाले बाहुबली ग्रुप के बादशाह ग्रुप के प्रेसिडेंट देवेश यादव पर 25 हजार रुपये और राम जनक मौर्य पर 15 हजार रुपये का इनाम घोषित था. दोनों आरोपी ठगी करने के बाद से पुलिस से छिप रहे थे. पुलिस और एसटीएफ की टीम दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थीं.

एसटीएफ को सूचना मिली कि दोनों आरोपी विभूति खंड के भरवारा क्रॉसिंग के पास मौजूद हैं. एसटीएफ की टीम ने वहां पहुंचकर दोनों को पकड़ लिया. एसटीएफ ने दोनों आरोपियों से पूछताछ भी की. पूछताछ में आरोपी देवेश कुमार यादव ने बताया कि उसने साल 2018 में इंफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड रियल एस्टेट कंपनी में प्लाट दिलाने के नाम पर किस्त के रूप में लोगों से रुपया जमा कराना शुरू कर दिया था. इस कंपनी के डायरेक्टर अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान थे.

अभय कुशवाहा ने साल 2018 में ही हेलो राइड लिमिटेड कंपनी बनाई थी. इससमें निखिल कुशवाहा, अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी डायरेक्टर थे. इसका ऑफिस साइबर हाइट्स विभूति खंड के आठवें तल पर था. यह कंपनी बाइक टैक्सी चलाने का प्रलोभन देकर रुपए जमा कराती थे. कंपनी में रुपए जमा करने के लिए 7 टीमें बनाई गई थीं. इन टीमों में लगभग 1500 लोग काम करते थे. इन्हीं टीमों में देवेश की भी बाहुबली ग्रुप कंपनी थी, जिसमें देवेश कुमार यादव प्रेसिडेंट था. इन सातों टीमों के प्रेसिडेंट अपनी टीमों के माध्यम से रुपया जमा करते थे. जिसका उनको लगभग 15% कमीशन दिया जाता था.


देवेश ने पूछताछ में बताया कि उसकी टीम में लगभग 200 लोग काम करते थे. देवेश ने अपनी टीम के माध्यम से लगभग 500 लोगों से 20 करोड़ रुपये इन कंपनियों में जमा कराए थे. उसे लगभग एक करोड़ 80 लाख रुपये कमीशन मिला था. वर्तमान समय में देवेश अपनी रियल स्टेट कंपनी इलाइट विवान प्राइवेट लिमिटेड बनाकर लोगों से सस्ते प्लाट का प्रलोभन देकर रुपया जमा करा रहा था.

आरोपी राम जनक मौर्य ने बताया कि उसने इन दोनों कंपनियों में देवेश के साथ ही ज्वाइन किया था. राम जनक मौर्य बादशाह ग्रुप का प्रेसिडेंट था. उसके टीम में भी लगभग 200 लोग काम करते थे. राम जनक ने बताया कि उसकी टीम ने लगभग 18 करोड़ रुपया जमा कराए थे. उसको इसके लिए 1.6 करोड़ रुपये का कमीशन कंपनी ने दिया था. मार्च 2019 में जब इन कंपनियों में लगभग 500 करोड़ रुपए जमा हो गए तो अभय कुशवाहा कंपनियां बंद करके फरार हो गया. इसके बाद इन कंपनियों व इन दोनों लोगों पर सैकड़ों मुकदमा दर्ज हो गए.

इसके बाद ही यह दोनों भी फरार हो गए. बाद में राम जनक ने फिश फॉर्च्यून नाम की कंपनी में मत्स्य पालन के नाम पर लोगों से 5.5 लाख प्रति तालाब जमा कराने लगा. राम जनक मौर्य लगभग 100 लोगों से तालाबों के नाम पर पैसे कंपनी में जमा करा दिए. कंपनी किसान को 70 हजार प्रतिमाह और राम जनक को 1% कमीशन प्रतिमाह देती थी. यह कंपनी 10 माह बाद भाग गई. इसके बाद राम जनक दिल्ली में छिप कर रह रहा था. वो देवेश से मुलाकात करने के लिए शनिवार को आया हुआ था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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