लखनऊ: सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने करोड़ों की धोखाधड़ी व हाईकोर्ट में गलत नाम से याचिका दाखिल करने के मामले में वांछित अभियुक्त अशोक पाठक और बलराम पाठक को भगोड़ा अपराधी घोषित किया है. अशोक पाठक पर लखनऊ के सरोजिनी नगर में पुलिस एकेडमी की सैकड़ों एकड़ की जमीन हड़पने का आरोप है.
कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ स्थाई रुप से गिरफ्तारी वारंट जारी करने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने इन अभियुक्तों का नाम संबधित रजिस्टर में दर्ज करने का आदेश सीबीआई को दिया. सीबीआई की विशेष अदालत ने इससे पहले अभियुक्तों की सम्पति कुर्क करने का आदेश दिया था. 29 नवंबर 2021 को सीबीआई ने कुर्की की कार्रवाई के बाद अपनी रिपोर्ट अदालत में पेश की थी.
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विवेचक का यह भी कहना था कि निकट भविष्य में अभियुक्तों के हाजिर होने की संभावना नहीं है. लिहाजा इस मामले में सीआरपीसी की धारा 299 की कार्रवाई की जाए. धोखाधड़ी के इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज कर सीबीआई जांच कर रही थी. जांच के बाद इन दोनों के अलावा अन्य मुल्जिमों के खिलाफ भी धोखाधड़ी, कूटरचना और साजिश आदि की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
नाबालिग से दुराचार मामले में जमानत अर्जी खारिज
लखनऊ में पॉक्सो के प्रभारी जज गुणेन्द्र प्रकाश ने नाबालिग लड़की से दुराचार करने के एक मामले में निरुद्ध अभियुक्त मुनीर शाह उर्फ मुनीर आलम की जमानत अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया उसके अपराध को गंभीर करार दिया. सरकारी वकील अशोक श्रीवास्तव के मुताबिक 27 अक्टूबर 2021 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता की मां ने थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.
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