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Lucknow University : इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में 500 बीएससी स्टूडेंट ने फेल करने का लगाया आरोप - बीएससी पांचवें सेमेस्टर

लखनऊ विश्वविद्यालय व संयुक्त महाविद्यालय पर 500 छात्र-छात्राओं को फेल करने का आरोप लगा है. बता दें कि बीएससी पांचवीं सेमेस्टर की परीक्षा मार्च में पूरी हुई थी. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर 31 मई को रिजल्ट आया था.

लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Jun 11, 2022, 8:56 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय व संयुक्त महाविद्यालय में करीब 500 से अधिक स्टूडेंट्स इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री विषय में फेल हो गये हैं. यह सभी बीएससी के छात्र हैं. इन सभी छात्रों ने बीएससी पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा दी थी. विषय में फेल होने को लेकर कुलपति व परीक्षा नियंत्रक से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कहीं भी बात नहीं बन रही है. बता दें कि बीएससी पांचवीं सेमेस्टर की परीक्षा मार्च में पूरी हुई थी. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर 31 मई को रिजल्ट आया था.

रिजल्ट में सिंगल डिजिट में नंबर : छात्र-छात्राओं ने ईटीवी से बातचीत के दौरान यह बताया कि मान ही नहीं सकते कि हमें सिंगल डिजिट में नंबर मिल सकता है. जबकि हमने सभी प्रश्नों के उत्तर लिखे हैं. फिर कैसे पॉसिबल है कि हमें जीरो या सिंगल डिजिट में नंबर मिले. इसके लिए हमने परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी से बातचीत की कॉपी निकलवाने के लिए कहा, लेकिन हमें नहीं काॅपी नहीं दिखाई गई. छात्रों का आरोप है कि दूसरे स्टूडेंट की कॉपी दिखा कहा गया कि तुम लोग इस तरह से लिखोगे तो जीरो नंबर मिलेगा ही. जिसके बाद उस स्टूडेंट की कॉपी हमने देखी. स्टूडेंट्स ने उत्तर सही लिखे थे फिर भी उनको काट दिया गया. विरोध करने पर परीक्षा नियंत्रक ने तुरंत कॉपी छीन ली. हम चाहते हैं कि हमारी कॉपी दिखाई जाये.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला
एक छात्रा ने बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से मैथ में टू द पॉइंट प्रश्न का उत्तर लिखना होता है. उसी तरह से इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में भी लिखना होता है. ऐसे में जब हमने उत्तर लिखा है तो हमें जीरो नंबर किस हिसाब से दिया गया. अगर हम गलत लिखते और नंबर न मिलते तो हमें कोई दिक्कत नहीं होती. छात्रा का आरोप है कि हमने मेहनत की उसके बावजूद हमें फेल कर दिया गया. विश्वविद्यालय व कॉलेज के कई छात्र-छात्राओं ने परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी से मुलाकात की. इससे पहले भी विश्वविद्यालय, आईटी गर्ल्स, केकेसी के छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से मिलकर बताया था कि बीएससी पांचवें सेमेस्टर में इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के पेपर में उन्हें 1 से 10 नंबर तक दिए गए हैं, जबकि अन्य कोर्सों में उनके 60 से 70 फ़ीसदी नंबर हैं. छात्रों ने आरोप लगाया था कि कॉपियां सही से चेक नहीं हुई हैं. उनके मूल्यांकन में गड़बड़ी है. उन्हें पुनर्मूल्यांकन की जरूरत है. जिस पर परीक्षा नियंत्रक ने काॅपियां दिखाने के लिए कुछ समय मांगा था. 50 से अधिक छात्रों को मिले शून्य नंबर : परीक्षा नियंत्रक से मिलने पहुंचे छात्र-छात्राओं ने अपनी मार्कशीट दिखाते हुए बताया कि इस पेपर में 50 से अधिक छात्रों को शून्य नंबर मिले हैं. जबकि उन्होंने कॉपी में इतना तो लिखा ही था कि पास तो हो ही जाते. बातचीत के दौरान सभी छात्र छात्राओं ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हमारा पूरा साल बर्बाद कर दिया है. अगर हम बैक पेपर के लिए भी फॉर्म भरते हैं तो इसकी परीक्षा नवंबर में होगी. हमें पीजी का फॉर्म भी भरना है, लेकिन हम किस आधार पर पीजी का फॉर्म भरें जब हमारा बीएससी फाइनल ईयर ही क्लियर नहीं होगा.

ये भी पढ़ें : बंदरबांट : उत्तर प्रदेश में सड़क निर्माण की लागत बढ़ी, गुणवत्ता में आ रही कमी

विश्वविद्यालय प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि आरटीआई के तहत स्टूडेंट्स अपनी कॉपी निकलवा सकते हैं. कॉपी निकलवाने के लिये किसी ने मना नहीं किया है. प्रक्रिया के तहत जो भी काम होगा वह जरूर किया जाएगा. स्टूडेंट्स बैक पेपर के लिए फॉर्म भर सकते हैं.

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय व संयुक्त महाविद्यालय में करीब 500 से अधिक स्टूडेंट्स इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री विषय में फेल हो गये हैं. यह सभी बीएससी के छात्र हैं. इन सभी छात्रों ने बीएससी पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा दी थी. विषय में फेल होने को लेकर कुलपति व परीक्षा नियंत्रक से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कहीं भी बात नहीं बन रही है. बता दें कि बीएससी पांचवीं सेमेस्टर की परीक्षा मार्च में पूरी हुई थी. जिसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर 31 मई को रिजल्ट आया था.

रिजल्ट में सिंगल डिजिट में नंबर : छात्र-छात्राओं ने ईटीवी से बातचीत के दौरान यह बताया कि मान ही नहीं सकते कि हमें सिंगल डिजिट में नंबर मिल सकता है. जबकि हमने सभी प्रश्नों के उत्तर लिखे हैं. फिर कैसे पॉसिबल है कि हमें जीरो या सिंगल डिजिट में नंबर मिले. इसके लिए हमने परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी से बातचीत की कॉपी निकलवाने के लिए कहा, लेकिन हमें नहीं काॅपी नहीं दिखाई गई. छात्रों का आरोप है कि दूसरे स्टूडेंट की कॉपी दिखा कहा गया कि तुम लोग इस तरह से लिखोगे तो जीरो नंबर मिलेगा ही. जिसके बाद उस स्टूडेंट की कॉपी हमने देखी. स्टूडेंट्स ने उत्तर सही लिखे थे फिर भी उनको काट दिया गया. विरोध करने पर परीक्षा नियंत्रक ने तुरंत कॉपी छीन ली. हम चाहते हैं कि हमारी कॉपी दिखाई जाये.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला
एक छात्रा ने बातचीत के दौरान बताया कि जिस तरह से मैथ में टू द पॉइंट प्रश्न का उत्तर लिखना होता है. उसी तरह से इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में भी लिखना होता है. ऐसे में जब हमने उत्तर लिखा है तो हमें जीरो नंबर किस हिसाब से दिया गया. अगर हम गलत लिखते और नंबर न मिलते तो हमें कोई दिक्कत नहीं होती. छात्रा का आरोप है कि हमने मेहनत की उसके बावजूद हमें फेल कर दिया गया. विश्वविद्यालय व कॉलेज के कई छात्र-छात्राओं ने परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी से मुलाकात की. इससे पहले भी विश्वविद्यालय, आईटी गर्ल्स, केकेसी के छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से मिलकर बताया था कि बीएससी पांचवें सेमेस्टर में इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के पेपर में उन्हें 1 से 10 नंबर तक दिए गए हैं, जबकि अन्य कोर्सों में उनके 60 से 70 फ़ीसदी नंबर हैं. छात्रों ने आरोप लगाया था कि कॉपियां सही से चेक नहीं हुई हैं. उनके मूल्यांकन में गड़बड़ी है. उन्हें पुनर्मूल्यांकन की जरूरत है. जिस पर परीक्षा नियंत्रक ने काॅपियां दिखाने के लिए कुछ समय मांगा था. 50 से अधिक छात्रों को मिले शून्य नंबर : परीक्षा नियंत्रक से मिलने पहुंचे छात्र-छात्राओं ने अपनी मार्कशीट दिखाते हुए बताया कि इस पेपर में 50 से अधिक छात्रों को शून्य नंबर मिले हैं. जबकि उन्होंने कॉपी में इतना तो लिखा ही था कि पास तो हो ही जाते. बातचीत के दौरान सभी छात्र छात्राओं ने बताया कि विश्वविद्यालय ने हमारा पूरा साल बर्बाद कर दिया है. अगर हम बैक पेपर के लिए भी फॉर्म भरते हैं तो इसकी परीक्षा नवंबर में होगी. हमें पीजी का फॉर्म भी भरना है, लेकिन हम किस आधार पर पीजी का फॉर्म भरें जब हमारा बीएससी फाइनल ईयर ही क्लियर नहीं होगा.

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विश्वविद्यालय प्रवक्ता प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि आरटीआई के तहत स्टूडेंट्स अपनी कॉपी निकलवा सकते हैं. कॉपी निकलवाने के लिये किसी ने मना नहीं किया है. प्रक्रिया के तहत जो भी काम होगा वह जरूर किया जाएगा. स्टूडेंट्स बैक पेपर के लिए फॉर्म भर सकते हैं.

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