लखनऊ: हाईकोर्ट वकील की पत्नी प्रीति शुक्ल को सकुशल बरामद करने के मामले में एसटीएफ और लखनऊ पुलिस खुद की पीठ थपथपा रही है, लेकिन पूरा मामला कुछ और ही निकला. एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की टीमें 3 दिन तक अपहर्ताओं की निगरानी करती रही. ग्रामीणों की सूचना पर 112 यूपी पुलिस के 2 सिपाही गए और महिला को छुड़ाकर आरोपी संतोष चौबे को दबोच लिया, जबकि गुडवर्क करने वाले सिपाहियों का पुलिस के गुड बुक और फर्द में कहीं कोई नाम नहीं है. अब पूरे मामले में एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है.
ग्रामीणों ने खोली पोल
हरिवंशगढ़ी गांव के रहने वाले ग्रामीणों ने एसटीएफ और लखनऊ पुलिस की पोल खोलकर रख दी. ग्रामीणों की मानें तो मोहनलालगंज हरिवंशगढ़ी गांव के जिस घर से वकील की पत्नी को बरामद किया गया, उस घर के आवागमन और रह रहे लोगों को संदिग्ध दिखने पर स्थानीय लोगों ने एकाएक 112 पर सूचना दी थी. सामान्य सूचना पर पहुंची 112 की टीम ने हाई प्रोफाइल अपहरण के खुलासे में बड़ी भूमिका निभाई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जब 112 से पूछा गया, कैसे यहां पहुंच गए, तब उन्होंने बताया कि मुझे एक नंबर से फोन आया था. यहां पर भीड़ लगी हुई और कुछ लोग संदिग्ध दिख रहे हैं. संदिग्ध लोगों को चेक करने के लिए मैंने घर खुलवाया और मौके से अगवा की गई महिला को छुड़ाकर आरोपी संतोष चौबे को दबोच लिया.
एसटीएफ और पुलिस तीन दिन करती रही निगरानी
बीते 6 जून की रात इवनिंग वॉक करने निकली अधिवक्ता अनुराग शुक्ला की पत्नी प्रीति शुक्ला का कार सवार बदमाशों ने अपहरण कर लिया और बोरे से उसका मुंह ढक दिया था. अधिवक्ता के बहनोई एडीजे ने पुलिस पर दबाव बनाया है. आनन-फानन पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अगवा महिला की तलाश शुरू कर दी.
पुलिस ने मोबाइल नंबर के ट्रैकिंग के जरिए महिला को मोहनलालगंज इलाके में रखे जाने के उस स्थान पर पहुंचने की कोशिश की, जहां उसे एक बंद कमरे में बांधकर रखा गया था. लखनऊ पुलिस की तीन टीमें और एसटीएफ की एक टीम ने दूर से उस स्थान को देखकर उसे पूरे तरीके से घेराबंदी कर दिया. तीन दिन तक ये टीमें निगरानी करती रहीं, लेकिन अचानक से टीम की मौजूदगी के बीच 112 की गाड़ी उस घर में पहुंच गई, जहां पर महिला को बंद करके रखा गया था. लखनऊ पुलिस और एसटीएफ की टीमें सकते में आ गई.
अभी तक चार आरोपी गिरफ्तार
राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र से हाईकोर्ट के वकील की पत्नी का अपहरण के मामले में अभी तक 4 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि आरोपियों की तलाश की जा रही है, लेकिन एसटीएफ और पुलिस ने जो कहानी गढ़ी, वह किसी के गले नहीं उतर रही है. अपहरण की रकम मांगने के लिए एक्टिव होने वाले नंबर से फोन आता कि हम ‘दीदी को वापस कर देंगे, लेकिन मुझे 1 करोड़ रुपये से कम नहीं चाहिए’. 6, 7 और 8 जून की 3 रातें पुलिस मोहनलालगंज के उस इलाके में घूमती नजर आई, जहां उन्हें महिला का सुराग नहीं लगा.
फिरौती लेने के लिए छकाते रहे बदमाश
खुलासे से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि वकील की पत्नी का अपहरण पुलिस के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण था. हम सभी प्रयास कर रहे थे. सकुशल वकील की पत्नी को बरामद किया जाए, लेकिन बदमाशों की बातचीत के तरीके से लगता था कि अपरहरणकर्ता उनके करीबी हैं, क्योंकि वह दीदी, दीदी कहकर बात कर रहे थे. फोन पर वे यही बोलते थे कि हम दीदी को आपको वापस कर देंगे, लेकिन मुझे एक करोड़ रुपये से कम नहीं चाहिए. पुलिस की टीम दिन भर बदमाशों की तलाश में लगी रहती, लेकिन वह रात में सक्रिय होते. हर बार उनके नंबर से कॉल आती थी कि आप पुलिस के साथ क्यों घूम रहे हैं, ऐसा ही सिलसिला 6 तारीख से 8 जून के बीच चला. तीन रात जागने के बाद पुलिस बिल्कुल हताश सी हो गई थी, लेकिन 9 जून की रात जब बदमाशों ने एक करोड़ रुपये लेकर आने का अलग स्थान बताया, तब भी वह वहां नहीं पहुंचे. पुलिस के टीम के हाथ पांव फूल गए, वह सोच में पड़ गए कि आखिर यह बदमाश चाहते क्या हैं?
रैंडम करते थे किडनैपिंग मांगते थे फिरौती
लखनऊ पुलिस के अधिकारी ने बताया कि बदमाशों का 10 लोगों का गिरोह है, जो कि रैंडम किसी भी महिला या बच्चे का किडनैपिंग करने का काम करते थे. उनकी प्रोफाइल के हिसाब से फिरौती की रकम मांगते थे. एक करोड़ रुपये से फिरौती की रकम मांगना शुरू करते थे. 10 से 15 लाख या 20 लाख तक लेकर छोड़ देते थे.
ऐसा ही मामला सुशांत गोल्फ सिटी से वकील अनुराग शुक्ला की पत्नी प्रीति के अपहरण का सामने आया. मास्टरमाइंड समेत सात अन्य बदमाशों की तलाश लखनऊ पुलिस कर रही है. अभी तक इस मामले से जुड़े तीन अभियुक्त रोहित गौतम, लवकुश को गुरुवार और संतोष चौबे को बुधवार की रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
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