नासिक : महाराष्ट्र सरकार जहां 'लड़की बहिन योजना' लागू कर महिलाओं की आर्थिक रूप से मदद कर रही है, लेकिन दूसरी ओर नासिक शहर में लड़कियों की जन्म दर घटने के चिंताजनक आंकडे सामने आए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, नासिक शहर में 1000 लड़कों पर लड़कियों के जन्म की संख्या घटकर औसतन 898 रह गई है.
बताया गया है कि लगातार हो रहे गर्भपात के कारण लड़कियों की जन्म दर घटी है. इस बात की भी चर्चा है कि नासिक नगर निगम के चिकित्सा विभाग में वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे कुछ अधिकारी भ्रूण जांच को बढ़ावा दे रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य महकमे की तरफ से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जबकि इन हरकतों को रोकने के लिए बड़ी मुहिम चलाने की जरूरत है.
लड़के-लड़कियों की जन्म दर में बड़ा अंतर
'स्मार्ट सिटी' का दर्जा पाने वाले नासिक में गर्भपात और चिकित्सा सेवा के मानक पर सवाल उठ रहे हैं. यह खुलासा होने के बाद कि जिले के सरकारी अस्पताल में गर्भपात का रैकेट चल रहा था, स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था. उसके बाद आदिवासी इलाकों में भी गर्भपात का भी पता चला.
हाल ही में यह सामने आया कि महात्मा नगर क्षेत्र के एक अस्पताल में अवैध गर्भपात केंद्र चल रहा था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई.
इसी तरह, जनवरी से अगस्त 2024 तक 8 महीनों में शहर के अस्पतालों में लड़के और लड़कियों के जन्म दर में बड़ा अंतर दिखा है.
नगर निगम के पास आंकड़े उपलब्ध नहीं
नासिक नगर निगम के अस्पतालों में लड़के और लड़कियों के बीच जन्म के अनुपात में भी भारी अंतर है. चौंकाने वाली बात यह है कि शहर के निजी अस्पतालों के आंकड़े नगर निगम के पास उपलब्ध नहीं हैं, जिससे भ्रूण जांच पर सवाल उठ रहे हैं.
छह सालों में लड़कियों की वार्षिक जन्म दर
- 2019 - 920
- 2020 - 912
- 2021 - 911
- 2022 - 885
- 2023 - 915
- अगस्त 2024- 898
एक लाख का इनाम
अवैध रूप से भ्रूण का लिंग परीक्षण करने वाले सोनोग्राफी सेंटर की सूचना देने वाले को सरकार एक लाख रुपये का इनाम दे रही है. साथ ही सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है. इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तानाजी चव्हाण ने लोगों से अपील की है कि बिना किसी डर के भ्रूण का लिंग परीक्षण करने वाले संदिग्ध सेंटर की सूचना दें.
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