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यूपी में DAP खाद की कालाबाजारी, आगरा में चार खाद विक्रेताओं के खिलाफ FIR

रबी सीजन की फसलों की बुआई शुरू होते ही बढ़ी किसानों की परेशानी, मंडलायुक्त के निर्देश पर डीएम ने की कार्रवाई

डीएम के निर्देश पर एसडीएम और कृषि अधिकारी ने दुकान पर मारा छापा.
डीएम के निर्देश पर एसडीएम और कृषि अधिकारी ने दुकान पर मारा छापा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 10:02 PM IST

Updated : Oct 9, 2024, 10:14 PM IST

आगराः गेहूं की बुआई शुरू होते से उत्तर प्रदेश में डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की किल्लत और कालाबाजारी शुरू हो गई है. डीएपी खाद की कालाबाजारी आगरा में मामले सामने आने लगे हैं. आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी के निर्देश पर डीएम ने डीएपी कालाबाजाी में चार मुकदमे दर्ज कराए हैं. इससे जिले में साधन सहकारी स​मिति, थोक और फुटकर खाद विक्रेताओं में खलबली मची हुई है. इसके पहले मंडलायुक्त ने डीएपी की कालाबाजारी पर सहकारी ​समिति के सचिव को सस्पेंड कर दिया था.

डीएम ने किसानों के साथ बैठक कर दी जानकारीः वहीं, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाारी बुधवार शाम जिले के किसान और किसान नेताओं के साथ बैठक की. जिसमें उनकी समस्याएं और शिकायतें सुनीं. बैठक में डीएम ने किसानों को बताया कि जिले में खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर ही खाद दी जाएगी. डीएपी की कीमत 1350 रुपये की बोरी है. कहीं पर ओवररेट की जानकारी मिले तो तत्काल सूचना दें. शिकायत पर खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ओवर रेट पर डीएपी बेचने वाले दुकानदार के खिलाफ खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. इसके साथ ही लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा. बैठक में किसान नेता श्यामसिंह चाहर ने भी ओवररेट पर डीएपी बेचने की कई शिकायतें कीं. भाजपा किसान मोर्चा के ब्रज प्रांत अध्यक्ष प्रशांत लवानिया ने कहा कि जिले में डीएपी की कालाबाजारी न हो, हर किसान को जरूरत के हिसाब से डीएपी मिले.

खाद की दुकानों पर निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी.
खाद की दुकानों पर निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी. (Photo Credit; ETV Bharat)

500 रुपये अधिक पर बेची जा रही डीएपी खादः बता दें कि जिले में रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरू हो गई है. जिले में 103 सहकारी समितियां हैं, जिनके करीब 3 लाख से अधिक किसान सदस्य हैं. सरकार की ओर से डीएपी का मूल्य 1350 रुपये प्रति बोरी निर्धारित है. इसके बाद भी खुले बाजार में डीएपी 1600 से 1800 रुपये तक में बिक रही है. जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात तक ओवर रेट की शिकायत पर शमसाबाद में जनता खाद भंडार पर छापा मारा तो पता चला कि थोक विक्रेता भगवती ट्रेडर्स ने अधिक रेट पर डीएपी दी. जिससे तय रेट से 300 रुपये अधिक कीमत पर डीएपी बेच रहा हूं. इस पर टीम ने थोक विक्रेता भवानी ट्रेडर्स जीवनी मंडी और थोक विक्रेता जनता खाद भंडार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इसके साथ बिना पोस मशीन के खाद बेचने पर अजनेरा साधन सहकारी समिति के लेखागार राघव कृष्ण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

खाद विक्रेताओं के रजिस्टर और गोदाम में मिला अंतर.
खाद विक्रेताओं के रजिस्टर और गोदाम में मिला अंतर. (Photo Credit; ETV Bharat)
स्टॉक रजिस्टर में डीएपी कम, गोदाम में भरी बोरियांः वहीं, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाारी के निर्देश पर बुधवार दोपहर में एसडीएम एत्मादपुर और जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह की टीम ने खंदौली में बांके बिहारी ट्रेडर्स का निरीक्षण किया. जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि निरीक्षण में बांके बिहारी ट्रेडर्स के स्टॉक रजिस्टर में 245 बोरी डीएपी दर्ज थी. जबकि, गोदाम में 538 बोरी डीएपी मिली. जो जमाखोरी और कालाबाजारी करके अधिक कीमत पर बेची जा रही थी. इसके साथ ही मै. महालक्षमी ट्रेडर्स के उपलब्ध कराए गए स्टॉक रजिस्टर में 507 बोरी डीएपी के सापेक्ष 621 बोरी डीएपी मिली. 114 बोरी डीएपी का कोई रिकॉर्ड नहीं होने पर ये तय हुआ कि यहां पर डीएपी की कालाबाजारी की जा रही थी. जिस पर बांके बिहारी ट्रेडर्स के मालिक पुरुषोत्तम सारस्वत और श्रीमहालक्ष्मी ट्रेडर्स के मालिक मनीष गर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
4 जिलों में नोडल अधिकारी नामितः आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को मंडल के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व मैनपुरी के जिलाधिकारी और अधिकारियों की वर्चुअल बैठक ली थी. जिसमें उन्होंने आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व मैनपुरी जिलों के लिए नोडल अधिकारी नामित किए हैं. अपर आयुक्त डॉ. कंचन शरन को फिरोजाबाद, अपर आयुक्त मंजूलता को आगरा व अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार को मथुरा का नोडल अधिकारी बनाया है. इसके साथ ही मंडलायुक्त ने सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता रविंद्र कुमार एवं क्षेत्रीय प्रबंधक उ.प्र. प्रादेशिक कॉपरेटिव फेडरेशन तरुणेश यादव के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं. जिससे अब दोनों अधिकारियों की विभागीय जांच हो सकती है.
डीएपी खरीद के लिए खतौनी, आधार, मोबाइल नंबर जरूरीः कालाबाजारी रोकने के लिए डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाारी ने जिले की सहकारी समितियों से डीएपी खरीद के लिए अब किसान की खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. बिना इन तीनों साक्ष्यों के डीएपी किसानों को नहीं मिलेगी. जिले में खेत के क्षेत्रफल आधार पर डीएपी खरीद की निर्धारित मात्रा दी जाएगी. इसके लिए सभी समितियों पर एसडीएम, तहसीलदार सहित 100 से अधिक अफसरों की ड्यूटी लगाई है.
20 अक्टूबर तक 12 हजार मीट्रिक टन डीएपी आएगीः डीएम बंगारी ने बताया कि जिले से अक्टूबर माह में 15 हजार टन की मांग भेजी गई थी. जिसमें करीब 3000 टन डीएपी जिले को मिल चुकी है. समितियों पर अगले 24 घंटे में 2700 टन डीएपी पहुंच जाएगी. 20 अक्तूबर तक 12 हजार मीट्रिक टन डीएपी और आ रही है. जिले की समितियों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी. किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने दी जाएगी. इसे भी पढें-आगरा में DAP की कालाबाजारी, कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने सचिव को सस्पेंड किया

आगराः गेहूं की बुआई शुरू होते से उत्तर प्रदेश में डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) खाद की किल्लत और कालाबाजारी शुरू हो गई है. डीएपी खाद की कालाबाजारी आगरा में मामले सामने आने लगे हैं. आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी के निर्देश पर डीएम ने डीएपी कालाबाजाी में चार मुकदमे दर्ज कराए हैं. इससे जिले में साधन सहकारी स​मिति, थोक और फुटकर खाद विक्रेताओं में खलबली मची हुई है. इसके पहले मंडलायुक्त ने डीएपी की कालाबाजारी पर सहकारी ​समिति के सचिव को सस्पेंड कर दिया था.

डीएम ने किसानों के साथ बैठक कर दी जानकारीः वहीं, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाारी बुधवार शाम जिले के किसान और किसान नेताओं के साथ बैठक की. जिसमें उनकी समस्याएं और शिकायतें सुनीं. बैठक में डीएम ने किसानों को बताया कि जिले में खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लेकर ही खाद दी जाएगी. डीएपी की कीमत 1350 रुपये की बोरी है. कहीं पर ओवररेट की जानकारी मिले तो तत्काल सूचना दें. शिकायत पर खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ओवर रेट पर डीएपी बेचने वाले दुकानदार के खिलाफ खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. इसके साथ ही लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा. बैठक में किसान नेता श्यामसिंह चाहर ने भी ओवररेट पर डीएपी बेचने की कई शिकायतें कीं. भाजपा किसान मोर्चा के ब्रज प्रांत अध्यक्ष प्रशांत लवानिया ने कहा कि जिले में डीएपी की कालाबाजारी न हो, हर किसान को जरूरत के हिसाब से डीएपी मिले.

खाद की दुकानों पर निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी.
खाद की दुकानों पर निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी. (Photo Credit; ETV Bharat)

500 रुपये अधिक पर बेची जा रही डीएपी खादः बता दें कि जिले में रबी सीजन की फसलों की बुवाई शुरू हो गई है. जिले में 103 सहकारी समितियां हैं, जिनके करीब 3 लाख से अधिक किसान सदस्य हैं. सरकार की ओर से डीएपी का मूल्य 1350 रुपये प्रति बोरी निर्धारित है. इसके बाद भी खुले बाजार में डीएपी 1600 से 1800 रुपये तक में बिक रही है. जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात तक ओवर रेट की शिकायत पर शमसाबाद में जनता खाद भंडार पर छापा मारा तो पता चला कि थोक विक्रेता भगवती ट्रेडर्स ने अधिक रेट पर डीएपी दी. जिससे तय रेट से 300 रुपये अधिक कीमत पर डीएपी बेच रहा हूं. इस पर टीम ने थोक विक्रेता भवानी ट्रेडर्स जीवनी मंडी और थोक विक्रेता जनता खाद भंडार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इसके साथ बिना पोस मशीन के खाद बेचने पर अजनेरा साधन सहकारी समिति के लेखागार राघव कृष्ण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

खाद विक्रेताओं के रजिस्टर और गोदाम में मिला अंतर.
खाद विक्रेताओं के रजिस्टर और गोदाम में मिला अंतर. (Photo Credit; ETV Bharat)
स्टॉक रजिस्टर में डीएपी कम, गोदाम में भरी बोरियांः वहीं, डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाारी के निर्देश पर बुधवार दोपहर में एसडीएम एत्मादपुर और जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह की टीम ने खंदौली में बांके बिहारी ट्रेडर्स का निरीक्षण किया. जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि निरीक्षण में बांके बिहारी ट्रेडर्स के स्टॉक रजिस्टर में 245 बोरी डीएपी दर्ज थी. जबकि, गोदाम में 538 बोरी डीएपी मिली. जो जमाखोरी और कालाबाजारी करके अधिक कीमत पर बेची जा रही थी. इसके साथ ही मै. महालक्षमी ट्रेडर्स के उपलब्ध कराए गए स्टॉक रजिस्टर में 507 बोरी डीएपी के सापेक्ष 621 बोरी डीएपी मिली. 114 बोरी डीएपी का कोई रिकॉर्ड नहीं होने पर ये तय हुआ कि यहां पर डीएपी की कालाबाजारी की जा रही थी. जिस पर बांके बिहारी ट्रेडर्स के मालिक पुरुषोत्तम सारस्वत और श्रीमहालक्ष्मी ट्रेडर्स के मालिक मनीष गर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
4 जिलों में नोडल अधिकारी नामितः आगरा मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने मंगलवार को मंडल के आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व मैनपुरी के जिलाधिकारी और अधिकारियों की वर्चुअल बैठक ली थी. जिसमें उन्होंने आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद व मैनपुरी जिलों के लिए नोडल अधिकारी नामित किए हैं. अपर आयुक्त डॉ. कंचन शरन को फिरोजाबाद, अपर आयुक्त मंजूलता को आगरा व अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार को मथुरा का नोडल अधिकारी बनाया है. इसके साथ ही मंडलायुक्त ने सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता रविंद्र कुमार एवं क्षेत्रीय प्रबंधक उ.प्र. प्रादेशिक कॉपरेटिव फेडरेशन तरुणेश यादव के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने के निर्देश दिए हैं. जिससे अब दोनों अधिकारियों की विभागीय जांच हो सकती है.
डीएपी खरीद के लिए खतौनी, आधार, मोबाइल नंबर जरूरीः कालाबाजारी रोकने के लिए डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगाारी ने जिले की सहकारी समितियों से डीएपी खरीद के लिए अब किसान की खतौनी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. बिना इन तीनों साक्ष्यों के डीएपी किसानों को नहीं मिलेगी. जिले में खेत के क्षेत्रफल आधार पर डीएपी खरीद की निर्धारित मात्रा दी जाएगी. इसके लिए सभी समितियों पर एसडीएम, तहसीलदार सहित 100 से अधिक अफसरों की ड्यूटी लगाई है.
20 अक्टूबर तक 12 हजार मीट्रिक टन डीएपी आएगीः डीएम बंगारी ने बताया कि जिले से अक्टूबर माह में 15 हजार टन की मांग भेजी गई थी. जिसमें करीब 3000 टन डीएपी जिले को मिल चुकी है. समितियों पर अगले 24 घंटे में 2700 टन डीएपी पहुंच जाएगी. 20 अक्तूबर तक 12 हजार मीट्रिक टन डीएपी और आ रही है. जिले की समितियों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी. किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने दी जाएगी. इसे भी पढें-आगरा में DAP की कालाबाजारी, कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने सचिव को सस्पेंड किया
Last Updated : Oct 9, 2024, 10:14 PM IST
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