लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को लक्ष्य व विद्युत आपूर्ति के सापेक्ष राजस्व वसूली करने, लो-वोल्टेज, विद्युत आपूर्ति, विद्युत संयोजन आदि शिकायतों पर गंभीरता के साथ ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राजस्व की कम वसूली पर अब उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने प्रबंध निदेशकों और मुख्य अभियन्ताओं को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने और निगरानी रखने के भी निर्देश दिए. ऊर्जा मंत्री बुधवार को शक्ति भवन में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अब तक कुल 11,000 शिकायतें आई हैं, जिनमें से नौ हजार से ज्यादा शिकायतों का निस्तारण कर उपभोक्ताओं को राहत दी गई है. मैंने स्वयं भी उपभोक्ताओं की शिकायतें सुनकर समाधान किया है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्तरों पर बिजली की मांग बढ़ गई है. बढ़ी हुई मांग की आपूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर व लाइनों का सही से काम करना बहुत आवश्यक है. इस वर्ष मानसून के देरी से आने पर किसानों को सिंचाई की असुविधा न हो, इसके लिए उन्हें पर्याप्त विद्युत आपूर्ति दी जाए. किसानों के लिए बिजली आपूर्ति में कटौती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों व प्रतिष्ठानों, प्रमुख धार्मिक स्थलों पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. कांवड़ यात्रा वाले क्षेत्रों, रास्तों पर भी बिजली आपूर्ति बाधित न हो, इसकी सतत निगरानी की जाए. उन्होंने लोगों की शिकायतों के शीघ्र समाधान के लिए टोलफ्री नम्बर 1912 को अपग्रेड करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान विद्युत आपूर्ति को लेकर समस्या न हो. सभी अधिकारी बिजली चोरी रोकने के लिए अपने कार्यालय से निकलकर प्रतिदिन शाम छह बजे से रात 12 बजे तक पेट्रोलिंग करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है. इसमें किसी भी प्रकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि घूसखोरी पर सख्त करवाई हो, संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए, गिरफ्तारी भी की जाए. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक मीटर लगाने पर भी ध्यान दें, प्रदेश में 40 लाख मीटर लगाने हैं. इलेक्ट्रिक मीटर से भी बिजली चोरी होने की शिकायतें आ रही हैं यह गंभीर बात है. इसकी जांच कराई जाए.
समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 25 प्रतिशत ज्यादा बिजली आपूर्ति बढ़ी है, लेकिन निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है. उन्होंने प्रदेश के सभी डिस्काम में सबसे खराब किन्हीं दो जोन को चिन्हित कर एक सप्ताह के भीतर विद्युत व्यवस्था व राजस्व वसूली की स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली व लोगों की शिकायतों के निस्तारण में अच्छा प्रदर्शन न करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए.
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बैठक में चेयरमैन पावर काॅरपोरेशन एम. देवराज, प्रबंध निदेशक पंकज कुमार मौजूद थे. सभी डिस्काम के एमडी और मुख्य अभियन्ता वर्चुअली जुडे़.
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