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केजीएमयू में नौकरी के नाम पर 10 लाख की ठगी, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज - कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज

केजीएमयू में नौकरी दिलाने के नाम पर एक कर्मचारी व उसके साथी पर 10 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगा है. कोई सुनवाई न होने पर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.

काकोरी थाना
काकोरी थाना
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Published : May 7, 2022, 5:23 PM IST

लखनऊः केजीएमयू में नौकरी दिलाने के नाम पर एक कर्मचारी व उसके साथी पर 10 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगा है. आरोप है कि कर्मचारी ने साथी के साथ मिलकर पीड़ित से नकद और खाते में पैसे लिए. जिसके बाद वह पीड़ित को टरकाता रहा. रुपये न मिलने पर पीड़ित ने थाने में शिकायत की. जिसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. थक हार कर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.

बता दें कि काकोरी कस्बा के हाता गुलाम सफदर में रहने वाले अनिल यादव ने बताया कि उनका भाई सुशील कुमार यादव बेरोजगार था. वर्ष 2017 में काकोरी के ग्राम चौधरी खेड़ा निवासी केजीएमयू का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्रवण कुमार यादव व मोहान स्थित लक्ष्मी बारदाना के पूर्व मालिक विजय कुमार उनके घर आए थे. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि केजीएमयू में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दो पद खाली हैं. वह अनिल और सुशील को नौकरी दिलवा सकते हैं. इसके लिए उन्होंने 10 लाख रुपये की डिमांड की थी.

नौकरी के झांसे में फंसे अनिल और सुशील ने 28 दिसम्बर 2017 को 9 लाख रुपये खाते में और 1 लाख रुपये नकद दिए थे. अनिल ने बताया कि काफी समय बीतने के बाद भी जब नौकरी नही मिली तो कर्मचारियों को फोन किया. कुछ समय बाद उन लोगों ने फोन उठाना बन्द कर दिया. उन्होंने बताया कि बीते दिसम्बर को बुद्धेश्वर मंदिर के पास श्रवण कुमार और विजय कुमार से मुलाकात हुई थी. पैसों की मांग करने पर गाली गलौज करने लगे और जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित अनिल ने बताया जब इसकी शिकायत काकोरी थाने में की गई तो पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की. जिसके बाद उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. कोर्ट के आदेश के बाद काकोरी पुलिस ने श्रवण कुमार यादव और विजय कुमार के ऊपर धोखाधड़ी समेत कई धाराओ में मुकदमा दर्ज किया है.

ये भी पढ़ें : बूम बार में चले लात-घूंसे, नशे में धुत थे युवक-युवतियां

एडीसीपी दक्षिणी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है. बहुत जल्द आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे. लखनऊ के केजीएमयू में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नौकरी दिलाने के बहाने 10 लाख की ठगी की गई है. कोर्ट के दखल के बाद रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है.

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लखनऊः केजीएमयू में नौकरी दिलाने के नाम पर एक कर्मचारी व उसके साथी पर 10 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगा है. आरोप है कि कर्मचारी ने साथी के साथ मिलकर पीड़ित से नकद और खाते में पैसे लिए. जिसके बाद वह पीड़ित को टरकाता रहा. रुपये न मिलने पर पीड़ित ने थाने में शिकायत की. जिसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. थक हार कर पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई.

बता दें कि काकोरी कस्बा के हाता गुलाम सफदर में रहने वाले अनिल यादव ने बताया कि उनका भाई सुशील कुमार यादव बेरोजगार था. वर्ष 2017 में काकोरी के ग्राम चौधरी खेड़ा निवासी केजीएमयू का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्रवण कुमार यादव व मोहान स्थित लक्ष्मी बारदाना के पूर्व मालिक विजय कुमार उनके घर आए थे. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि केजीएमयू में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के दो पद खाली हैं. वह अनिल और सुशील को नौकरी दिलवा सकते हैं. इसके लिए उन्होंने 10 लाख रुपये की डिमांड की थी.

नौकरी के झांसे में फंसे अनिल और सुशील ने 28 दिसम्बर 2017 को 9 लाख रुपये खाते में और 1 लाख रुपये नकद दिए थे. अनिल ने बताया कि काफी समय बीतने के बाद भी जब नौकरी नही मिली तो कर्मचारियों को फोन किया. कुछ समय बाद उन लोगों ने फोन उठाना बन्द कर दिया. उन्होंने बताया कि बीते दिसम्बर को बुद्धेश्वर मंदिर के पास श्रवण कुमार और विजय कुमार से मुलाकात हुई थी. पैसों की मांग करने पर गाली गलौज करने लगे और जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित अनिल ने बताया जब इसकी शिकायत काकोरी थाने में की गई तो पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की. जिसके बाद उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. कोर्ट के आदेश के बाद काकोरी पुलिस ने श्रवण कुमार यादव और विजय कुमार के ऊपर धोखाधड़ी समेत कई धाराओ में मुकदमा दर्ज किया है.

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एडीसीपी दक्षिणी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जांच की जा रही है. बहुत जल्द आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे. लखनऊ के केजीएमयू में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नौकरी दिलाने के बहाने 10 लाख की ठगी की गई है. कोर्ट के दखल के बाद रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है.

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