कानपुर: यमुना नदी इन दिनों उफान पर है. यमुना तटवर्ती क्षेत्रों से सटे कई गांवों को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है. बाढ़ को लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बढ़ते जलस्तर की वजह से लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को जिलाधिकारी विशाख अय्यर ने आलाधिकारियों के साथ घाटमपुर के गड़ाथा गांव में आई बाढ़ और नदी के बढ़ते जलस्तर का नाव से निरीक्षण किया.
डीएम ने नाव से एसपी आउटर के साथ गांव में बाढ़ से ग्रसित क्षेत्रों को देखा. साथ ही छत पर रहने को मजबूर ग्रामीणों से बात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया. निरीक्षण के बाद डीएम ने आलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बढ़ते जलस्तर पर 24 घंटे नजर रखी जाए. इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की 24 घंटे की ड्यूटी लगाई जाए. बाढ़ की चपेट में आए पीड़ित लोगों को खाने-पीने की कोई कमी न हो इसका विशेष ध्यान दिया जाए. स्वास्थ विभाग की टीम ने बाढ़ से ग्रसित गांव में दवा का वितरण किया. गांव के अंदर और बाहर जाने के लिए पीएसी जल पुलिस की नाव लगाई जाए. साथ ही मेडिकल की टीम हर समय एक्टिव रहे. समय-समय पर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी करती रहे.
बताते चलें कि यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. यमुना नदी का तेजी से बढ़ रहा जलस्तर यमुना तटवर्ती क्षेत्र के लगभग 6 से ज्यादा गांवों के घरों को अपनी चपेट में ले चुका है. गांव में अधिकतर घर जलमग्न हो चुके हैं. इसके चलते अधिकतर ग्रामीण अपने घरों की छतों पर रात गुजारने को मजबूर हैं. शुक्रवार दोपहर कानपुर डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने तीन मोटर बोट समेत पीएसी बल तैनात किया है.
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जिलाधिकारी विशाख अय्यर ने अजगरपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचकर राहत शिविर में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बन रहे भोजन को देखा. साथ ही यहां पर 24 घंटे बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन देने के लिए निर्देशित किया. ताकि, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो.
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