कानपुर: कानपुर कमिश्नरेट के किदवईनगर थाना पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कई मामलों में वांछित होने के कारण शनिवार को पुलिस अजय ठाकुर को गिरफ्तार किया था. लॉकअप में अजय ने ब्लेड से अपने हाथ पर प्रहार किया. पुलिस ने फौरन हिस्ट्रीशीटर अजय को कांसीराम हॉस्पिटल में भर्ती कराया. इस घटना के बाद पुलिस पर सवालिया निशान लग गया है कि आखिर लॉकअप में ब्लेड कैसे पहुंचा.
इस मामले में डीसीपी साउथ सलमान पाटिल ताज ने बताया कि अजय तीन थानों में वांंछित था. कुछ दिनों पहले दो पक्षों में लड़ाई करवाने के बाद इसने अपने ही एक साथी पर जानलेवा हमला किया था. ताकि वह सामने वाले पक्ष को फंसा सकें. उसके बाद उसने यह सूचना प्रसारित कर दी थी कि हिंदू और मुस्लिम का विवाद हो गया था, जिसके बाद सनसनी फैली थी.
उन्होंने बताया कि जब अजय को गिरफ्तार करके थाने लाया गया तो उसके माता-पिता उससे मिलने आए. मिलने के दौरान अजय की मां ने इसको एक ब्लेड दिया था, जिससे उसने अपने हाथ पर कट लगा कर जख्म कर लिया. फौरन उसे अस्ताल ले जाया गया. वहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे जेल भेज दिया गया. अजय पहले भी जेल जा चुका है और जमानत पर बाहर भी आ गया है.
वहीं, दूसरी ओर अजय ठाकुर के कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों से दारोगा और सिपाही ने मारपीट की और उनका मोबाइल भी छीना. वहीं, हाल ही में किदवई नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत हुए एक मामले में जबरन कुछ लोगों द्वारा अजय ठाकुर को फंसाया गया है. आरोप है कि बिना कार्रवाई किए ही पुलिस ने अजय पर मुकदमा दर्ज कर दिया था.
इसके बाद अजय ने सोशल मीडिया पर पुलिस से विनती भी की थी कि अगर वह गलत नहीं है, तो उसके साथ न्याय किया जाए. इसके बाद भी कानपुर पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाते हुए दो थानों की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे किदवई नगर थाने के लॉकअप में बंद कर दिया था. पुलिस द्वारा जबरन उसे अपराधी बनाने पर वह नाराज था, जिसकी वजह से उसने इस हरकत को अंजाम दिया.