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माल खाने में कैद हैं 20 साल से भगवान श्री कृष्ण समेत उनके परिजनों की मूर्तियां, कोतवाली में मनाई जाती है जन्माष्टमी

कानपुर देहात कोतवाली के माल खाने में करीब 20 साल से भगवान श्री कृष्ण (janmashtami festival of lord shri krishna) और उनके परिवार की मूर्तियां बंद है. इन मूर्तियों को चुराने वाले तो रिहा हो गए, लेकिन कानूनी दांवपेच के चलते मूर्तियां को अभी भी थाने में ही रखा गया है.

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Published : Aug 19, 2022, 11:38 AM IST

Updated : Aug 19, 2022, 11:56 AM IST

कानपुर देहात: मथुरा में भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) को जन्म लेते ही कंस की कैद से मुक्ति मिल गई थी, लेकिन कानपुर देहात के थाने में भगवान श्री कृष्ण और उनके परिनजों की मूर्तियां 20 वर्षों से कैद हैं और अभी तक कान्हा की रिहाई का फरमान नहीं आया है. जन्माष्टमी (janmashtami in kanpur dehat) के अवसर केवल भगवान की मूतियों को बाहर लाया जाता है. शिवली कोतवाली के पुलिसकर्मी भगवान के जन्मोत्सव (janmashtami festival of lord shri krishna) पर हर साल उन मूर्तियों को बाहर निकालकर उन्हें स्नान करावाते हैं और नये कपड़े पहनाते हैं. उसके बाद विधि -विधान से पूजा पाठ करते हैं.

जनपद कानपुर देहात के शिवली कोतवाली में बिना कोई अपराध के भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) अपने परिवार समेत जेल में सजा काट रहे हैं. भगवान के बड़े भाई बलराम, देवी राधा और लड्डू गोपाल समेत शिवली कोतवाली के माल खाने में 20 साल से कैद हैं. लोगों ने कई बार भगवान की मूर्तियों को जेल से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन कानूनी दांवपेच के चलते उनको मुक्त नहीं कराया जा सका है. आज से साल 20 वर्ष पूर्व जिले के शिवली कोतवाली क्षेत्र के प्रसिद्ध राधा कृष्ण मंदिर (Radha Krishna Temple in kanpur dehat) से अष्टधातु की बनी मूर्तियां चोरी हुई थीं. उसके बाद पुलिस ने मूर्ति चुराने वाले चोर को गिरफ्तार किया था. लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गया. लेकिन तभी से भगवान की मूर्तियां माल खाने में बंद हो गई. प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी (janmashtami festival of lord shri krishna) पर कोतवाली का पूरा स्टाफ बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाता है.

जानकारी देते अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय

यह भी पढ़ें: Janmashtami, धर्म की स्थापना हेतु हर युग में धरती पर आते हैं भगवान श्री हरि विष्णु

कानपुर देहात का प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर (Ancient Radha Krishna Temple of Kanpur dehat) शिवली कस्बे में स्थित है. बता दें, कि 12 मार्च 2002 को श्री कृष्ण, देवी राधा और बलराम की अष्टधातु की चार बड़ी मूर्तियां चोरी हुई थीं. इन मूर्तियों की कीमत आज के समय में 11 करोड़ रुपये से ऊपर है.

मूर्तियां चोरी होने के बाद मंदिर के संरक्षक आलोक दत्त ने शिवली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस ने 1 सप्ताह में ही चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था. इसके बाद मूर्तियों को दोबारा मंदिर में स्थापित करने के लिए आलोक दत्त द्वारा कई बार कोतवाली और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इस वर्ष भी शिवली कोतवाली में श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) धूम-धाम से मनाई जाएगी. यहां पर तैनात पुलिसकर्मी श्री कृष्ण और उनके परिवार की मूर्तियों को बाहर निकालकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे.

इस संबंध में स्थानीय निवासी शौरभ मिश्रा ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया और मंदिर के पदाधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ही आराध्य देव को थाने में ही रखा गया हैं. कानूनी सलाहकार और अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडे का कहना है कि, भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों को माल खाने से बाहर निकालने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को पहल करनी होगी. इस मामले को फास्टट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए.

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कानपुर देहात: मथुरा में भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) को जन्म लेते ही कंस की कैद से मुक्ति मिल गई थी, लेकिन कानपुर देहात के थाने में भगवान श्री कृष्ण और उनके परिनजों की मूर्तियां 20 वर्षों से कैद हैं और अभी तक कान्हा की रिहाई का फरमान नहीं आया है. जन्माष्टमी (janmashtami in kanpur dehat) के अवसर केवल भगवान की मूतियों को बाहर लाया जाता है. शिवली कोतवाली के पुलिसकर्मी भगवान के जन्मोत्सव (janmashtami festival of lord shri krishna) पर हर साल उन मूर्तियों को बाहर निकालकर उन्हें स्नान करावाते हैं और नये कपड़े पहनाते हैं. उसके बाद विधि -विधान से पूजा पाठ करते हैं.

जनपद कानपुर देहात के शिवली कोतवाली में बिना कोई अपराध के भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) अपने परिवार समेत जेल में सजा काट रहे हैं. भगवान के बड़े भाई बलराम, देवी राधा और लड्डू गोपाल समेत शिवली कोतवाली के माल खाने में 20 साल से कैद हैं. लोगों ने कई बार भगवान की मूर्तियों को जेल से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन कानूनी दांवपेच के चलते उनको मुक्त नहीं कराया जा सका है. आज से साल 20 वर्ष पूर्व जिले के शिवली कोतवाली क्षेत्र के प्रसिद्ध राधा कृष्ण मंदिर (Radha Krishna Temple in kanpur dehat) से अष्टधातु की बनी मूर्तियां चोरी हुई थीं. उसके बाद पुलिस ने मूर्ति चुराने वाले चोर को गिरफ्तार किया था. लेकिन वह जमानत पर रिहा हो गया. लेकिन तभी से भगवान की मूर्तियां माल खाने में बंद हो गई. प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी (janmashtami festival of lord shri krishna) पर कोतवाली का पूरा स्टाफ बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाता है.

जानकारी देते अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडेय

यह भी पढ़ें: Janmashtami, धर्म की स्थापना हेतु हर युग में धरती पर आते हैं भगवान श्री हरि विष्णु

कानपुर देहात का प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर (Ancient Radha Krishna Temple of Kanpur dehat) शिवली कस्बे में स्थित है. बता दें, कि 12 मार्च 2002 को श्री कृष्ण, देवी राधा और बलराम की अष्टधातु की चार बड़ी मूर्तियां चोरी हुई थीं. इन मूर्तियों की कीमत आज के समय में 11 करोड़ रुपये से ऊपर है.

मूर्तियां चोरी होने के बाद मंदिर के संरक्षक आलोक दत्त ने शिवली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस ने 1 सप्ताह में ही चोरों को गिरफ्तार कर मूर्तियों को बरामद कर लिया था. इसके बाद मूर्तियों को दोबारा मंदिर में स्थापित करने के लिए आलोक दत्त द्वारा कई बार कोतवाली और न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इस वर्ष भी शिवली कोतवाली में श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) धूम-धाम से मनाई जाएगी. यहां पर तैनात पुलिसकर्मी श्री कृष्ण और उनके परिवार की मूर्तियों को बाहर निकालकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगे.

इस संबंध में स्थानीय निवासी शौरभ मिश्रा ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया और मंदिर के पदाधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ही आराध्य देव को थाने में ही रखा गया हैं. कानूनी सलाहकार और अधिवक्ता संरक्षण समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार पांडे का कहना है कि, भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों को माल खाने से बाहर निकालने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को पहल करनी होगी. इस मामले को फास्टट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए.

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Last Updated : Aug 19, 2022, 11:56 AM IST
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