गोरखपुर: जिले में रामगढ़ ताल के किनारे महान क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खान के नाम से विश्व स्तरीय चिड़ियाघर का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस चिड़ियाघर के निर्माण 30 अप्रैल तक यह पूर्ण हो जाएगा. इसके बाद छह माह के अंदर यहां पर कुल 387 प्रकार के वन्यजीवों लाया जाएगा, जो यहां का अद्भुत आकर्षण होंगे. इस चिड़ियाघर में जानवरों के बाड़े तो करीब-करीब तैयार हो चुके हैं उन्हें लाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
चिड़ियाघर का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम कर रहा है. इसमें रखे जाने वाले तीन बब्बर शेर गुजरात से इटावा सफारी से लाए गये हैं साथ ही दो गैंडों को लाने की प्रक्रिया भी जारी है. चिड़ियाघर का निर्माण पूरा होने तक यह गैंडे लखनऊ चिड़ियाघर में रहेंगे. यह चिड़ियाघर करीब 122 एकड़ भूमि पर 235 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है.
दर्शकों को रोमांचित करेगा एंट्रेंस प्लाजा
चिड़ियाघर का एंट्रेंस प्लाजा जानवरों तक पहुंचने से पहले ही दर्शकों का न केवल भरपूर मंजन कर देगा बल्कि उनका वन्यजीव ज्ञान भी समृद्धि करेगा. प्लाजा में प्रवेश करते ही ओपन एयर थिएटर मिलेगा, जिसमें वन्यजीवों से जुड़ी जानकारी दी जाएगी. स्कूली बच्चों के लिए लेजर लाइट शो का आयोजन भी होगा. टॉय ट्रेन और गोल्फ कोर्ट में भी बैठकर दर्शक चिड़ियाघर का आनंद उठा सकेंगे.
चिड़ियाघर में देखने को मिलेंगे यह जानवर
चिड़ियाघर में बब्बर शेर, तेंदुआ, बाघ, गैंडा, दरियाई घोड़ा, हिमालयन ब्लैक बीयर, स्लॉथ बियर, स्वांप डियर, हॉग डियर, ब्लैक बग, बार्किंग डीयर, स्पॉटेड डियर, बारहसिंघा, सांभर, लोमड़ी, सियार, भेड़िया, शाही, पीजेंट, जेब्रा, फिशिंग कैट, जंगली बिल्ली, लेपर्ड कैट, लंगूर, मगरमच्छ और घड़ियाल रखे जाएंगे. इसके अलावा सांप, कछुआ, एक्वेरियम और तितलियों का विशाल समूह देखने को मिलेगा, जिसके लिए 33 बाड़े बनाए जा रहे हैं.
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30 अप्रैल तक निर्माण से जुड़े सारे कार्य पूर्ण हो जाएंगे और चिड़ियाघर वन विभाग को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. इसमें साइनेज बिल्डिंग, कैफेटेरिया, आरएफओ, फूडकोर्ट और हॉस्पिटल बुद्धिष्ट थीम पर बन रहा है. चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार गोरखनाथ मंदिर में प्रवेश का अहसास कराएगा, क्योंकि द्वार का वास्तुशिल्प मंदिर जैसा बनाया गया है.
-डीबी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर