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गोरखपुर: राप्ती-रोहिन खतरे के निशान के पार, 56 गांवों में आ सकती है बाढ़

प्रदेश भर में हो रही जोरदार बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. गोरखपुर में राप्ती और रोहिन नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ की जद में 56 गांव आ सकते हैं. नेपाल से छोड़े गए पानी से भी बाढ़ आने की आशंका बढ़ गई है.

राप्ती-रोहिन नदियों का बढ़ा जलस्तर.
राप्ती-रोहिन नदियों का बढ़ा जलस्तर.
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Published : Jul 15, 2020, 10:20 AM IST

Updated : Jul 15, 2020, 12:05 PM IST

गोरखपुर: जिले की प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं, जिससे तटबंधों और नदी किनारे के करीब 56 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. राप्ती, सरयू और रोहिन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. भारी बारिश जहां इसकी प्रमुख वजह बनी हुई है, वहीं नेपाल से छोड़ा जाने वाला पानी भी नदियों के जलस्तर को बढ़ा दिया है.

तराई से नदियों में गंदगी भी बह कर आ रही है.
तराई से नदियों में गंदगी भी बह कर आ रही है.

नदी के जलस्तर पर नजर डालें तो लगातार इसके वेग में तेजी देखी जा रही है. जो तराई क्षेत्र से अपने साथ पानी और गंदगी भी लेकर आगे की ओर बढ़ रही है. गोरखपुर में राप्ती नदी राजघाट पुल के पास बनाए गए सभी घाटों को अपने आगोश में ले चुकी है, तो वहीं अंत्येष्टि स्थल भी अब इसके जद में पूरी तरह से आ गया है. करीब 60 किलोमीटर आगे जाने के बाद यह सरयू नदी में मिल जाती है, जिसका जलस्तर भी खतरनाक रुख अख्तियार कर रहा है.

राप्ती-रोहिन नदियों का बढ़ा जलस्तर.
जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सरयू अयोध्या पुल पर खतरे के निशान से 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं गोरखपुर में राप्ती का जलस्तर बर्ड घाट में 74.98 मीटर हो गया है, जबकि खतरे का निशान 74.97 है. इसके बाद भी नदी में जलस्तर का बढ़ना लगातार जारी है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रशासनिक महकमे ने तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी है. बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. मौके पर पीएसी के गोताखोर जवान मोटर बोट के साथ अपनी ड्यूटी निभाने में जुट गए हैं. जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने कहा कि जिले में 6 मुख्य नदियां प्रवाहित होती हैं और छोटे-बड़े 66 बंधे इन नदियों को नियंत्रित करते हैं. इन बंधों की लंबाई करीब 460 किलोमीटर है, जिन पर स्थापित बाढ़ चौकियों की निगरानी बढ़ा दी गई है. प्रशासनिक अमले के अलावा ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि एडवांस में आए मानसून ने भी नदियों के जल स्तर में इजाफा किया है.राप्ती नदी सदर तहसील के नौवा-डुमरी तटबंध पर कटान कर रही है. कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. सहजनवा तहसील के चक चोहरा, सिहबरा, डोमनडांड़, बनौडा, तो गोला तहसील में पटना तोला, ज्ञानकोल, विहुआ में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नाव तैनात कर दी गई है. चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र में ग्राम बरही, सरार और बौठा में पानी का दबाव बढ़ा है. इसी प्रकार कैम्पियरगंज तहसील के बुढेली तटबंध पर राप्ती नदी का बढ़ता जलस्तर दबाव बना रहा है, जिससे अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं. राप्ती नदी राजपुर दूबी में लगातार कटान कर रही है. जिला प्रशासन ने ऐसी हालत को देखते हुए तहसील और विभाग स्तर पर संचालित इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को क्रियाशील रखने का निर्देश दिया है.
बाढ़ के खतरे को देखते हुए तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है.
बाढ़ के खतरे को देखते हुए तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है.

खबर के महत्वपूर्ण तथ्य

  • राप्ती का जलस्तर बर्डघाट में 74.98 मीटर पहुंचा.
  • राप्ती सदर तहसील के नौवा-डुमरी तटबंध पर कटान कर रही है.
  • बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.
  • जिले में 6 मुख्य नदियां प्रवाहित होती हैं.
  • छोटे-बड़े 66 बंधे इन नदियों को नियंत्रित करते हैं.
  • सहजनवा, चौरी-चौरा और कैम्पियरगंज तहसील में खतरा.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: इस शिवलिंग पर महमूद गजनवी ने लिखवा दिया था कलमा

गोरखपुर: जिले की प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं, जिससे तटबंधों और नदी किनारे के करीब 56 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. राप्ती, सरयू और रोहिन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. भारी बारिश जहां इसकी प्रमुख वजह बनी हुई है, वहीं नेपाल से छोड़ा जाने वाला पानी भी नदियों के जलस्तर को बढ़ा दिया है.

तराई से नदियों में गंदगी भी बह कर आ रही है.
तराई से नदियों में गंदगी भी बह कर आ रही है.

नदी के जलस्तर पर नजर डालें तो लगातार इसके वेग में तेजी देखी जा रही है. जो तराई क्षेत्र से अपने साथ पानी और गंदगी भी लेकर आगे की ओर बढ़ रही है. गोरखपुर में राप्ती नदी राजघाट पुल के पास बनाए गए सभी घाटों को अपने आगोश में ले चुकी है, तो वहीं अंत्येष्टि स्थल भी अब इसके जद में पूरी तरह से आ गया है. करीब 60 किलोमीटर आगे जाने के बाद यह सरयू नदी में मिल जाती है, जिसका जलस्तर भी खतरनाक रुख अख्तियार कर रहा है.

राप्ती-रोहिन नदियों का बढ़ा जलस्तर.
जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सरयू अयोध्या पुल पर खतरे के निशान से 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं गोरखपुर में राप्ती का जलस्तर बर्ड घाट में 74.98 मीटर हो गया है, जबकि खतरे का निशान 74.97 है. इसके बाद भी नदी में जलस्तर का बढ़ना लगातार जारी है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रशासनिक महकमे ने तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी है. बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. मौके पर पीएसी के गोताखोर जवान मोटर बोट के साथ अपनी ड्यूटी निभाने में जुट गए हैं. जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने कहा कि जिले में 6 मुख्य नदियां प्रवाहित होती हैं और छोटे-बड़े 66 बंधे इन नदियों को नियंत्रित करते हैं. इन बंधों की लंबाई करीब 460 किलोमीटर है, जिन पर स्थापित बाढ़ चौकियों की निगरानी बढ़ा दी गई है. प्रशासनिक अमले के अलावा ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि एडवांस में आए मानसून ने भी नदियों के जल स्तर में इजाफा किया है.राप्ती नदी सदर तहसील के नौवा-डुमरी तटबंध पर कटान कर रही है. कटान को रोकने के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. सहजनवा तहसील के चक चोहरा, सिहबरा, डोमनडांड़, बनौडा, तो गोला तहसील में पटना तोला, ज्ञानकोल, विहुआ में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नाव तैनात कर दी गई है. चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र में ग्राम बरही, सरार और बौठा में पानी का दबाव बढ़ा है. इसी प्रकार कैम्पियरगंज तहसील के बुढेली तटबंध पर राप्ती नदी का बढ़ता जलस्तर दबाव बना रहा है, जिससे अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं. राप्ती नदी राजपुर दूबी में लगातार कटान कर रही है. जिला प्रशासन ने ऐसी हालत को देखते हुए तहसील और विभाग स्तर पर संचालित इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को क्रियाशील रखने का निर्देश दिया है.
बाढ़ के खतरे को देखते हुए तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है.
बाढ़ के खतरे को देखते हुए तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है.

खबर के महत्वपूर्ण तथ्य

  • राप्ती का जलस्तर बर्डघाट में 74.98 मीटर पहुंचा.
  • राप्ती सदर तहसील के नौवा-डुमरी तटबंध पर कटान कर रही है.
  • बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.
  • जिले में 6 मुख्य नदियां प्रवाहित होती हैं.
  • छोटे-बड़े 66 बंधे इन नदियों को नियंत्रित करते हैं.
  • सहजनवा, चौरी-चौरा और कैम्पियरगंज तहसील में खतरा.

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Last Updated : Jul 15, 2020, 12:05 PM IST
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