गोरखपुर: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (Mahayogi Gorakhnath University), आरोग्यधाम, बालापार गोरखपुर ने औषधीय और सगंध पौधों पर अध्ययन, अनुसंधान और इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. इसके लिए विश्वविद्यालय सीएसआईआर-सीमैप (केंद्रीय औषधि एवं सौगंध पौधा संस्थान) लखनऊ के साथ मिलकर काम करेगा. साझा प्रयास को मूर्त रूप देने के लिए दोनों संस्थाओं के मध्य शुक्रवार को लखनऊ में हस्ताक्षरित एमओयू का आदान-प्रदान हुआ. सीएसआईआर सीमैप के निदेशक डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी तथा महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए और एक दूसरे को सौंपा.
एमओयू के अनुसार महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि सीएसआईआर-सीमैप के सहयोग से औषधीय और सगंध पादपों के क्षेत्र में उच्च शिक्षा, अनुसंधान और शैक्षणिक आदान-प्रदान के क्षेत्र को विकसित करेगा. इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इस आपसी समझौते से उच्च शिक्षा, रिसर्च, फैकल्टी के आदान- प्रदान से दोनों संस्थाएं लाभान्वित होंगी. उन्होंने बताया कि सीमैप ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में एक अत्याधुनिक हर्बल वाटिका स्थापित करने हेतु मैप बनाकर तथा औषधीय और सुगंधित पौधों का रोपण प्रारंभ कर दिया है. उम्मीद है कि यह वाटिका जल्द ही मूर्त रूप ले लेगी. इसी वर्ष विश्वविद्यालय के छात्रों ने सीमैप का भ्रमण कर औषधीय और सुगंधित पौधों के गुणों तथा उनके रासायनिक अवयवों की गुणवत्ता जांचने का भी ज्ञान प्राप्त किया.
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इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी (Vice Chancellor Major General Dr Atul Bajpai) ने बताया कि औषधि और सुगंधित पौधों के क्षेत्र में रोजगारपरक अनुसंधान की व्यापक संभावनाएं हैं. सीएसआईआर-सीमैप के साथ एमओयू कर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय इस दिशा में संयुक्त पाठ्यक्रमों, अध्ययन, कार्यशालाओं, सम्मेलनों से छात्रों को लाभान्वित करेगा.
एमओयू के दौरान मौजूद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार (Advisor to the Chief Minister of Uttar Pradesh) एवं भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि यह दोनों संस्थानों के बीच यह समझौता प्रदेश के विकास, रोजगार और स्वावलंबन में महत्वपूर्ण योगदान करने में सहायक होगा. इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. श्रीमती प्रेमा वासुदेव, रमेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ संजय कुमार, डॉ राम सुरेश शर्मा, नरेश कुमार आदि उपस्थित रहे.
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