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पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा, 16 सौ से ज्यादा नाम सूची से हटाए गए

फिरोजाबाद पीएम आवास योजना में 408 लाभार्थी अपात्र मिले हैं. वहीं, 1216 लाभार्थी मौके पर न मिलने के कारण इनके नाम सूची से हटा दिए गए हैं.

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पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा
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Published : Aug 30, 2022, 11:02 AM IST

फिरोजाबाद: जनपद में पीएम आवास योजना के सर्वे में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद 1624 कथित लाभार्थियों के नामों को सूची से हटा दिया गया है. जिन नामों को हटाया गया है उनमें 408 लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं. वहीं, 1216 लाभार्थी अपने पते पर ही नहीं मिले.

पीएम शहरी आवास योजना में केंद्र सरकार आवास के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराती है. जिस लाभार्थी पर 500 फीट का शहरी इलाके में खाली प्लाट हो, उसे ढाई लाख की रकम मकान बनवाने के लिए कई किस्तों में दी जाती है. नियमानुसार पहली किस्त के पैसे का मकान बनाने में उपयोग होने बाद ही दूसरी किस्त जारी की जाती है. धनराशि स्वीकृत करने से पहले संबंधित लाभार्थी का सर्वे भी कराया जाता कि जिस व्यक्ति ने आवेदन किया है वह पात्रता की श्रेणी में आता भी है या नहीं. सरकार ने इस सर्वे की जिम्मेदारी मैसर्स सरयू बाबू इंजीनियर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक एक फर्म को सौंपी थी.

इसे भी पढ़े-उद्यान विभाग की सिंचाई अनुदान योजना में फर्जीवाड़ा, भूमिहीनों के फर्जी किसान बनकर हड़पी राशि

अभी हाल ही में इस फर्म ने पहली ही किस्त के लिए 3847 लाभार्थियों के चयन के लिए सूची विभाग को भेजी थी. लेकिन, कंपनी के कर्मचारियों पर आरोप भी लगे कि उन्होंने सर्वे में मानकों का ध्यान नहीं रखा और मनमाने तरीके से सर्वे कर अपात्रों को भी लाभ पहुंचाने की कोशिश की. इस संबंध में उप जिलाधिकारी मुख्यालय और परियोजना निदेशक डूडा बुशरा बानो ने बताया कि शिकायत के बाद 408 लाभार्थी अपात्र मिले. जबकि, 1216 लाभार्थी मौके पर न मिलने के कारण इनके नाम सूची से हटा दिए गए हैं.

यह भी पढ़े-फर्जीवाड़ा कर आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने एक भूखंड का दो बार किया बैनामा, एफआईआर दर्ज

फिरोजाबाद: जनपद में पीएम आवास योजना के सर्वे में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है. फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद 1624 कथित लाभार्थियों के नामों को सूची से हटा दिया गया है. जिन नामों को हटाया गया है उनमें 408 लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं. वहीं, 1216 लाभार्थी अपने पते पर ही नहीं मिले.

पीएम शहरी आवास योजना में केंद्र सरकार आवास के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराती है. जिस लाभार्थी पर 500 फीट का शहरी इलाके में खाली प्लाट हो, उसे ढाई लाख की रकम मकान बनवाने के लिए कई किस्तों में दी जाती है. नियमानुसार पहली किस्त के पैसे का मकान बनाने में उपयोग होने बाद ही दूसरी किस्त जारी की जाती है. धनराशि स्वीकृत करने से पहले संबंधित लाभार्थी का सर्वे भी कराया जाता कि जिस व्यक्ति ने आवेदन किया है वह पात्रता की श्रेणी में आता भी है या नहीं. सरकार ने इस सर्वे की जिम्मेदारी मैसर्स सरयू बाबू इंजीनियर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक एक फर्म को सौंपी थी.

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अभी हाल ही में इस फर्म ने पहली ही किस्त के लिए 3847 लाभार्थियों के चयन के लिए सूची विभाग को भेजी थी. लेकिन, कंपनी के कर्मचारियों पर आरोप भी लगे कि उन्होंने सर्वे में मानकों का ध्यान नहीं रखा और मनमाने तरीके से सर्वे कर अपात्रों को भी लाभ पहुंचाने की कोशिश की. इस संबंध में उप जिलाधिकारी मुख्यालय और परियोजना निदेशक डूडा बुशरा बानो ने बताया कि शिकायत के बाद 408 लाभार्थी अपात्र मिले. जबकि, 1216 लाभार्थी मौके पर न मिलने के कारण इनके नाम सूची से हटा दिए गए हैं.

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