अयोध्या: धार्मिक नगरी अयोध्या के लगभग 6000 मंदिरों में सावन झूला मेले की ऐसी अविरल छटा बिखरी हुई है. अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमत निवास आश्रम में सावन पर्व के मौके पर विशेष कार्यक्रम हुआ. इसमें स्थानीय श्रद्धालु और अयोध्या के वरिष्ठ संत शामिल हुए. मंदिरों में संगीत और भजने के कार्यक्रम हुए. अयोध्या के प्रमुख सिद्धपीठों में शुमार कनक भवन, दिव्य कलाकुंज, राम वल्लभा कुञ्ज, जानकी महल लक्ष्मण किला सहित सभी मंदिरों में सावन झूला मेले का आगाज हुआ. यह आयोजन सप्ताह भर चलेगा.
राम नगरी में विश्व प्रसिद्ध मणि पर्वत सावन झूला मेले को लेकर जिला प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिए हैं. मेले की शुरुआत के पहले ही दिन बुधवार को अयोध्या शहर में प्रवेश के सभी रास्तों पर वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई. प्रवेश मार्गों पर बैरियर लगाकर वाहनों की चेकिंग की गयी और सिर्फ पैदल लोगों को ही नगर में प्रवेश दिया गया.
इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन ने मुनादी करके अयोध्या में आए हुए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बताया कि वो तत्काल अयोध्या से बाहर निकल जाएं. सावन झूला मेला महोत्सव के दौरान बाहरी श्रद्धालुओं को अयोध्या में रहने की अनुमति नहीं दी गयी. जिन श्रद्धालुओं के पास आरटी पीसीआर रिपोर्ट है, केवल उनको ही दर्शन की अनुमति दी गयी.
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाए गए. डीएम अनुज कुमार झा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे ने मेला कंट्रोल रूम में मेला ड्यूटी में तैनात अधिकारियों के साथ बैठक की. डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं से अयोध्या ना आने की अपील की गई. जो श्रद्धालु पहले से आकर अयोध्या के होटलों और मंदिरों में ठहरे थे, उनसे भी वापस लौटने के लिए कहा गया.
किसी भी प्रकार के उत्सव की अनुमति नहीं है. मंदिरों में झूलन की परंपरा है, जिसे निभाया जा रहा है. इस उत्सव में सिर्फ मंदिर में रहने वाले संतो को और अयोध्या के आम नागरिकों को शामिल होने की अनुमति है. बाहर से किसी भी प्रकार की भीड़ अयोध्या आने की अनुमति नहीं है. प्रशासन ने होटल संचालकों को भी निर्देश दिए गए कि उनके होटलों में जो भी श्रद्धालु रह रहे हैं, उन्हें तत्काल घर जाने के लिए कहें. जिन श्रद्धालुओं ने पिछले 24 घंटे में अपनी आरटी पीसीआर जांच कराई थी, उन्हें दर्शन की अनुमति दी गई.
बुधवार से अयोध्या के प्राचीन मणि पर्वत पर झूलनोत्सव शुरू हुआ, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के चलते बाहर के श्रद्धालुओं के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. बाकी जो स्थानीय श्रद्धालु हैं, वह मंदिरों में दर्शन पूजन करते रहेंगे. अयोध्या के मंदिरों से मणि पर्वत पर जाने वाले विग्रह जुलूस भी स्थगित कर दिया गया. जिला प्रशासन ने सामूहिक रूप से सरयू स्नान पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. जिला प्रशासन ने कई रास्तों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया है.