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ईटीवी भारत ने की 1971 भारत-पाक युद्ध के हीरो सूबेदार स्वरूप सिंह से खास बातचीत

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले निवासी रिटायर्ड सूबेदार स्वरूप सिंह से ईटीवी भारत ने 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर बातचीत की. रिटायर्ड सूबेदार ने 1971 के भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके लिए उन्हें वीरता पदक से सम्मानित भी किया जा चुका है.

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Published : Jan 26, 2020, 7:18 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

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रिटायर्ड सूबेदार स्वरुप सिंह.

बुलंदशहर: जिले के सैदपुर गांव निवासी सूबेदार स्वरूप सिंह ने सेना में भर्ती होकर कई बार अपने आपको को एक अच्छा सैनिक साबित किया. इसी के चलते उन्हें 1971 की जंग जीतने के बाद भारत सरकार ने सम्मानित किया. 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के हीरो सूबेदार स्वरूप सिंह उम्र को आज भी बढ़ा हुआ नहीं मानते हैं.

ईटीवी भारत ने सूबेदार स्वरूप सिंह से की खास बातचीत.

सूबेदार स्वरूप सिंह वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई के दौरान सेना में तैनात थे. सेना में वीरता पदक से सम्मानित रिटायर्ड सूबेदार स्वरूप सिंह ने ईटीवी भारत के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर बातचीत की. उन्होंने बताया 1971 के युद्ध में किस तरह हमारे वीर सपूतों ने दुश्मन के दांत खट्टे किये थे और कैसे दुश्मन के अभेद टैंकों को नेस्तनाबूत कर दिया था.

'देश की सेवा में खुद को समर्पित करता है सैनिक'
सूबेदार स्वरूप सिंह ने बताया कि हमारी सेना हर हाल में खुद को बेहतर साबित करती है. सेना में तैनात वीर योद्धा खुद को पूरी तन्मयता से देश की सेवा में समर्पित कर देता है. सूबेदार का कहना है कि वर्ष 1971 में दुश्मन ने गलती करी थी कि 3 दिसंबर को भारत पर हमला किया था, जिसके बाद हमारे वीरों ने मोर्चा संभाला तो पहले अटैक में हमारा कुछ नुकसान हुआ.

मुराला डैम को किया था बर्बाद
उन्होंने बताया उस समय हमारा रणक्षेत्र छम्ब जौड़िया था. हमने मुराला हेड डैम को बर्बाद कर दिया था. इस डैम से पाकिस्तान को बिजली सप्लाई होती थी. जब सीजफायर हुआ तब तक हमारी सेना की टुकड़ी 19 दिसम्बर को करीब 90 किलोमीटर पाकिस्तान में अंदर तक पहुंच गई थी. उस पल को याद करते हुए रिटायर्ड सूबेदार स्वरूप सिंह का चेहरा सुर्ख हो जाता है. उन्होंने बताया कि उस वक्त हमारे 27 सैनिक शहीद हुए और 9 टैंक बर्बाद हुए थे.

इसे भी पढ़ें- 71वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर देश ने देखी सैन्य ताकत संग संस्कृति की झांकी

पैटन टैंकों को किया नेस्तनाबूत
उसके बदले में हमने दुश्मन के अमेरिका निर्मित 29 टी-59 टैंक बर्बाद कर दिए थे. इसके साथ ही पाकिस्तान निर्मित 9 सफी टैंकों को नेस्तनाबूत करके अपने कब्जे में ले लिया था. दुनिया की किसी भी ताकत द्वारा न भेदे जाने वाले 19 पैंटन टैंकों को चकनाचूर कर कैप्चर कर लिया था. ये टैंक आज हमारे देश में अलग-अलग जगह स्मारकों पर झुककर 1971 की जीत को स्वीकारते देखे जा सकते हैं.

बुलंदशहर: जिले के सैदपुर गांव निवासी सूबेदार स्वरूप सिंह ने सेना में भर्ती होकर कई बार अपने आपको को एक अच्छा सैनिक साबित किया. इसी के चलते उन्हें 1971 की जंग जीतने के बाद भारत सरकार ने सम्मानित किया. 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के हीरो सूबेदार स्वरूप सिंह उम्र को आज भी बढ़ा हुआ नहीं मानते हैं.

ईटीवी भारत ने सूबेदार स्वरूप सिंह से की खास बातचीत.

सूबेदार स्वरूप सिंह वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई के दौरान सेना में तैनात थे. सेना में वीरता पदक से सम्मानित रिटायर्ड सूबेदार स्वरूप सिंह ने ईटीवी भारत के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर बातचीत की. उन्होंने बताया 1971 के युद्ध में किस तरह हमारे वीर सपूतों ने दुश्मन के दांत खट्टे किये थे और कैसे दुश्मन के अभेद टैंकों को नेस्तनाबूत कर दिया था.

'देश की सेवा में खुद को समर्पित करता है सैनिक'
सूबेदार स्वरूप सिंह ने बताया कि हमारी सेना हर हाल में खुद को बेहतर साबित करती है. सेना में तैनात वीर योद्धा खुद को पूरी तन्मयता से देश की सेवा में समर्पित कर देता है. सूबेदार का कहना है कि वर्ष 1971 में दुश्मन ने गलती करी थी कि 3 दिसंबर को भारत पर हमला किया था, जिसके बाद हमारे वीरों ने मोर्चा संभाला तो पहले अटैक में हमारा कुछ नुकसान हुआ.

मुराला डैम को किया था बर्बाद
उन्होंने बताया उस समय हमारा रणक्षेत्र छम्ब जौड़िया था. हमने मुराला हेड डैम को बर्बाद कर दिया था. इस डैम से पाकिस्तान को बिजली सप्लाई होती थी. जब सीजफायर हुआ तब तक हमारी सेना की टुकड़ी 19 दिसम्बर को करीब 90 किलोमीटर पाकिस्तान में अंदर तक पहुंच गई थी. उस पल को याद करते हुए रिटायर्ड सूबेदार स्वरूप सिंह का चेहरा सुर्ख हो जाता है. उन्होंने बताया कि उस वक्त हमारे 27 सैनिक शहीद हुए और 9 टैंक बर्बाद हुए थे.

इसे भी पढ़ें- 71वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर देश ने देखी सैन्य ताकत संग संस्कृति की झांकी

पैटन टैंकों को किया नेस्तनाबूत
उसके बदले में हमने दुश्मन के अमेरिका निर्मित 29 टी-59 टैंक बर्बाद कर दिए थे. इसके साथ ही पाकिस्तान निर्मित 9 सफी टैंकों को नेस्तनाबूत करके अपने कब्जे में ले लिया था. दुनिया की किसी भी ताकत द्वारा न भेदे जाने वाले 19 पैंटन टैंकों को चकनाचूर कर कैप्चर कर लिया था. ये टैंक आज हमारे देश में अलग-अलग जगह स्मारकों पर झुककर 1971 की जीत को स्वीकारते देखे जा सकते हैं.

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1971 की भारत पाकिस्तान के बीच हुई लड़ाई के गवाह और देश की सेना में बहादुरी के लिए वीरता पदक से सम्मानित सेना से रिटायर्ड स्वरूप सिंह ने ईटीवी भारत के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर 1971 की जंग के किस्से सुनाए ,उन्होंने बताया किस तरह हमारे वीर सपूतों ने दुश्मन के दांत खट्टे किये और कैसे दुश्मन के अभेद टैंकों को अपनी प्रबल इच्छाशक्ति से जोश खरोश से लबरेज रणबांकुरों ने मिट्टी में मिला दिया,पेश हैं उनसे हुई एक्सक्लुसिव बातचीत के प्रमुख अंश।


Body:बुलंदशहर जिले के सैदपुर गांव के मूल निवासी सूबेदार स्वरूप सिंह यूं तो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं,
उन्होंने देश की सेना में भर्ती होकर कई बार जरूरत पड़ने पर अपने आपको साबित किया है,यही वजह है कि उन्हें 1971 की जंग जितने के बाद भारत सरकार ने सम्मानित किया ,1971 के हीरो रहे सूबेदार स्वरूप सिंह उम्र को आज भी कहीं बढ़ा नहीं मानते ,
इटीवी भारत ने उनसे ताजा देश के हालात पर प्रतिक्रिया चाही तो उनका यही कहना है कि हमारी सेना हर हाल में खुद को साबित करती है,जो वीर योद्धा देश सेवा में है व्व पूरी तन्मयता से देश की सेवा में खुद को समर्पित करने में आवश्यकता पड़ने पर गुरेज नहीं करते।
श्वेता स्वरूप सिंह का कहना है कि 1971 में दुश्मन ने गलती करी थी कि दिसंबर के महीने में उन पर हमला किया था क्योंकि उसके बाद जब हमारे रणबांकुरे ने मोर्चा संभाला तो पहले अटैक में हमारा कुछ नुकसान हुआ,उन्होंने बताया कि तब छम्ब जोउड़िया हमारा रन क्षेत्र तब रहा था,उन्होंने बताया उस वक्त उन्होंने मुगल डेम जो पाकिस्तान को बिजली देता था उसको बर्बाद कर दिया था,इन्होंने बताया कि जब सीजफायर हुआ तो उनकी टुकड़ी 19 दिसम्बर को करीब 90 किलोमीटर पाकिस्तान में अंदर तक जा पहुंची थी,हालांकि उस पल को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उस वक्त हमारे 27 सैनिक शहीद हुए व हमारे 9 टैंक बर्बाद ह्यूए थे,उन्होंने बताया कि उसके बदले में हमने दुश्मन के 29 टी-59 टैंक जो अमेरिका निर्मित थे उनको बर्बाद किया था,9 सफाई टैंक जो पाकिस्तान निर्मित थे,उन्हें निस्टनाबूद करके अपने कब्जे में ले लिया था,व 19 पैटन टैंक जिनके बारे में माना जाता था कि इनको तो दुनिया की कोई ताक़त भेद ही नहीं सकती थी,उन्हें चकनाचूर करके कैप्चर कर लाये थे,उनका कहना है कि आज ये टैंक हमारे देश में अलग अलग जगह स्मारकों पर झुककर 71 की जीत को स्वीकारते देखे जा सकते हैं।
इस दौरान युवाओं को ईटीवी भारत के जरीए सन्देश देते हुए स्वरूप सिंह कहते हैं कि हमें आने देश के प्रति वफादार रहना चाहिए और चाहे मुसीबत क्यों न हजये अपने देश के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
one to one with.... सूबेदार स्वरूप सिंह,1971 भारत पाकिस्तान जंग के हीरो।





Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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