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बरेली: STF ने फर्जी डिग्री वाले दो प्रधानाध्यापकों को किया गिरफ्तार

जनपद में एसटीएफ ने फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्र दिखाकर आठ साल से नौकरी कर रहे दो प्रधानाध्यापकों को गिरफ्तार किया है. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पकड़े गए आरोपियों के अनुसार, इन्होंने साढ़े तीन लाख रुपये देकर शिक्षक की नौकरी हासिल की थी.

फर्जी दिखाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले दो लोगों को किया गिरफ्तार.्
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Published : May 4, 2019, 7:18 PM IST

बरेली : जनपद में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल करने वाले दो प्रधानाध्यापकों को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें बीएसए ऑफिस लाया गया, जहां उनके कागजों की जांच पड़ताल की गई. सत्यापन के बाद दोनों को बारादरी थाना पुलिस को सौंप दिया गया. एसटीएफ इंस्पेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी धन का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है.

फर्जी डिग्री दिखाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले दो लोगों को किया गिरफ्तार.


कौन हैं आरोपी प्रधानाध्यापक

  • अभी हाल ही में दोनों फर्जी शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया गया था.
  • लखनऊ के एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह के निर्देश पर सीओ प्रदीप मिश्रा इंस्पेक्टर अंजनी कुमार की टीम फर्जी मामले की जांच कर रही थी.
  • जांच पड़ताल में टीम ने शुक्रवार को हरदोई के थाना लोनार के रहने वाले उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
  • उमेश बहेड़ी के प्राथमिक विद्यालय बरगांव में इस समय प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था.
  • इसके अलावा हरदोई के ही लोनार के रहने वाले विनय कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
  • विनय बरेली के बहेड़ी के भोसिया प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था.
  • एसडीएम ने जांच पड़ताल में पाया कि साल 2007 में रामगोपाल ने बीए की परीक्षा पास की थी. उनके रोल नंबर पर उमेश ने अपनी मार्कशीट बनवाई.
  • इसके अलावा 2008 में जुल्फिकार ने बीपीएड किया था. उसके अंकपत्र पर उमेश ने अपने अंक पत्र तैयार किए.
  • वहीं, विनय कुमार ने 2008 में विशाल सिंह के बीपीएड की मार्कशीट पर अपने कागज तैयार कराए.

जानें, आरोपियों ने क्या कहा

जब आरोपियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इंस्टीट्यूट कभी गए नहीं थे. हमने साढ़े तीन लाख रुपया खर्च करके डिग्री प्राप्त कर ली थी और आठ साल से हम सरकारी नौकरी कर रहे हैं. हमारे खिलाफ किसी ने शिकायत की है, जिसके कारण हम गिरफ्तार हुए हैं.

एक मामला संज्ञान में आया था, जिसमें कि फर्जी सर्टिफिकेट का प्रयोग करके दो लोगों ने अपनी नियुक्ति करा ली थी. वे दोनों बरेली में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थे. इसकी जानकारी मिलने पर एसटीएफ की टीम ने वहां छापा मारा. सारी जानकारी मिलने पर इन्हें बारादरी पुलिस को सौंप दिया गया. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. आगे की जांच चल रही है. इन्होंने बीए और बीपीएड की फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया था. बाकी जो भी चीजें हैं वो जांच में सामने आ जाएगी.

- अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी, बरेली


बरेली : जनपद में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों से नौकरी हासिल करने वाले दो प्रधानाध्यापकों को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें बीएसए ऑफिस लाया गया, जहां उनके कागजों की जांच पड़ताल की गई. सत्यापन के बाद दोनों को बारादरी थाना पुलिस को सौंप दिया गया. एसटीएफ इंस्पेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी धन का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है.

फर्जी डिग्री दिखाकर शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले दो लोगों को किया गिरफ्तार.


कौन हैं आरोपी प्रधानाध्यापक

  • अभी हाल ही में दोनों फर्जी शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया गया था.
  • लखनऊ के एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह के निर्देश पर सीओ प्रदीप मिश्रा इंस्पेक्टर अंजनी कुमार की टीम फर्जी मामले की जांच कर रही थी.
  • जांच पड़ताल में टीम ने शुक्रवार को हरदोई के थाना लोनार के रहने वाले उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
  • उमेश बहेड़ी के प्राथमिक विद्यालय बरगांव में इस समय प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था.
  • इसके अलावा हरदोई के ही लोनार के रहने वाले विनय कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
  • विनय बरेली के बहेड़ी के भोसिया प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था.
  • एसडीएम ने जांच पड़ताल में पाया कि साल 2007 में रामगोपाल ने बीए की परीक्षा पास की थी. उनके रोल नंबर पर उमेश ने अपनी मार्कशीट बनवाई.
  • इसके अलावा 2008 में जुल्फिकार ने बीपीएड किया था. उसके अंकपत्र पर उमेश ने अपने अंक पत्र तैयार किए.
  • वहीं, विनय कुमार ने 2008 में विशाल सिंह के बीपीएड की मार्कशीट पर अपने कागज तैयार कराए.

जानें, आरोपियों ने क्या कहा

जब आरोपियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इंस्टीट्यूट कभी गए नहीं थे. हमने साढ़े तीन लाख रुपया खर्च करके डिग्री प्राप्त कर ली थी और आठ साल से हम सरकारी नौकरी कर रहे हैं. हमारे खिलाफ किसी ने शिकायत की है, जिसके कारण हम गिरफ्तार हुए हैं.

एक मामला संज्ञान में आया था, जिसमें कि फर्जी सर्टिफिकेट का प्रयोग करके दो लोगों ने अपनी नियुक्ति करा ली थी. वे दोनों बरेली में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थे. इसकी जानकारी मिलने पर एसटीएफ की टीम ने वहां छापा मारा. सारी जानकारी मिलने पर इन्हें बारादरी पुलिस को सौंप दिया गया. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. आगे की जांच चल रही है. इन्होंने बीए और बीपीएड की फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया था. बाकी जो भी चीजें हैं वो जांच में सामने आ जाएगी.

- अभिनंदन सिंह, एसपी सिटी, बरेली


Intro:बरेली में फर्जी शिक्षक प्रमाण पत्रों से नौकरी करने वाले तो हेडमास्टर को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें बीएसए ऑफिस लाया गया उनके कागजों की जांच पड़ताल की गई सत्यापन के बाद दोनों को बारादरी थाना पुलिस के सपूत कर दिया गया।एसटीएफ इस्पेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी और सरकारी धन का गबन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।
बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में दोनों फ़र्ज़ी शिक्षको को प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया गया था और दोनों इसी प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहते हैं।


Body:लखनऊ के एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह के निर्देश पर सीओ प्रदीप मिश्रा इंस्पेक्टर अंजनी कुमार की टीम फर्जी मामले की जांच कर रही थी। जांच पड़ताल में टीम ने शुक्रवार को हरदोई के थाना लोनार के रहने वाले उमेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया उमेश बहेड़ी के प्राथमिक विद्यालय बरगांव में हेडमास्टर था। और इस समय प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था। इसके अलावा हरदोई के ही लोनार के रहने वाले विनय कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया बिना ।बरेली के बहेड़ी के भोसिया प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर सेवा दे रहा था एसडीएम ने जांच पड़ताल में पाया कि 2007 में रामगोपाल ने बीए की परीक्षा पास की थी उनके रोल नंबर पर विनय ने अपनी मार्कशीट बनवाई। इसके अलावा 2008 में B.Ed मैं जुल्फीकार ने बीपीएड किया था। जुल्फिकार के अंकपत्र पर अपने अंक पत्र तैयार किए गए। वहीं विनय कुमार ने 2008 में विशाल सिंह के बीपीएड की मार्कशीट पर अपने कागज तैयार कराए।
बाइट:-उमेश। (आरोपी प्रधानाचार्य)
बाइट:-विनय। (आरोपी प्रधानाचार्य)
बही जब आरोपीयो से बात करी गई तो उन्होंने कहा कि हम इंस्टीट्यूट कभी गए नहीं थे।हमने 3:30 लाख रुपया खर्च करके डिग्री प्राप्त कर ली थी। और 8 साल से हम सरकारी जॉब कर रहे थे हमारे खिलाफ किसी ने शिकायत करी जिसके कारण हम गिरफ्तार हुए हैं।
बाइट:- एसपी सिटी
एसपी सिटी का कहना है कि लखनऊ के एसटीएफ ने इनको गिरफ्तार करके बारादरी पुलिस के सपुत्र कर दिया इनके खिलाफ चार सौ वीसी और नकली मार्कशीट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है तत्काल इनपर कार्रवाई करके जेल भेजा जाएगा।


Conclusion:इससे पहले भी बहुत से शिक्षक फर्जीवाड़े में शामिल रहे है।और इन शिक्षकों के खिलाफ कई बार आवाज उठाई गई। मगर आरोपियो की ऊंची पहुंच के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई , अब ये मामला उजागर होने के बाद उम्मीद है कि विजिलेंस जांच पूरी करके और भी लोगों खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी।
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