प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के 6 वकीलों ने जनहित याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगला प्रसाद त्रिपाठी (Mangla Prasad Tripathi) की मौत के मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच कराने की मांग की. याचिका में वकीलों ने प्रयागराज पुलिस के लाश को लावारिस मानकर, दाह संस्कार करने की कार्रवाई को संदिग्ध बताया. वकीलों ने प्रयागराज के डीएम व एसएसपी को
इसके लिए निलंबित करने की मांग की.
याचिका हाईकोर्ट के वकील गौरव द्विवेदी, रजनीश सिंह, ओपी सिंह व तीन अन्य की तरफ से बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई. याचिका में कहा गया कि घरवालों ने स्वर्गीय त्रिपाठी का पता न लगने पर प्रयागराज के कर्नलगंज थाना में गुमशुदगी रिपोर्ट 5 जनवरी 2022 को दर्ज कराई थी. पुलिस ने परिवार वालों को बुलाकर उनके लावारिस कपड़ों को दिखाया था. कपड़े उन्हीं का होना बताने पर पुलिस ने बताया कि मंगला प्रसाद त्रिपाठी की मौत हो गई थी. पुलिस ने लावारिस मानकर उनका दाह संस्कार कर दिया था.
याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने दाह संस्कार करने से पूर्व न तो मृतक कौन है, इसके बारे में पता करने की कोशिश की और न ही ऐसे मामलों में दाह संस्कार करने से पूर्व तय गाइडलाइन का ही पालन किया. सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने कई निर्णयों में कहा है कि शव को भी सम्मान के साथ निष्पादन का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की भी एडवाइजरी का पालन नहीं किया गया. याचिका के अनुसार पुलिस की कहानी संदिग्ध है.
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