प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु सीमा (Degree Colleges Teacher Retirement Age) पर गुरुवार को बड़ा फैसला दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाई दी. इससे पहले एकल पीठ ने डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का आदेश दिया था. सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील में गई थी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सरकार को इस आदेश के पालन करने पर राहत दे दी गई. एकल पीठ की ओर से तीन माह भीतर आदेश का अनुपालन करने का आदेश जारी किया गया था. आदेश की वैधता को लेकर विशेष अपील में चुनौती दिए जाने के बाद हाई कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाते हुए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के दिशा-निर्देश के तहत तीन माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के क्रम में याचिकाकर्ता चंद्रमोहन ओझा और अन्य 21 शिक्षकों से दो सप्ताह में जवाब मांगा गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके बाद चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है. हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख तय की है. जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए यह बड़ा आदेश जारी किया है.
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यूपी सरकार की ओर से कहा गया था कि यूजीसी ने वर्ष 2010 में एक अधिनियम संशोधित किया और यूनिवर्सिटी-कॉलेज शिक्षकों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष कर दी. राज्य सरकार की ओर से 31 दिसंबर 2010 को इसे आंशिक रूप से लागू किया गया. साथ ही, कहा गया है कि जब तक यूनिवर्सिटी अपनी परिनियमावली संशोधित नहीं कर लेते हैं, तब तक इसका लाभ हायर एजुकेशन संस्थानों को नहीं मिल सकता है. सरकार ने कोर्ट में कहा कि एकल पीठ ने सरकार से जवाब मांगे बिना ही निर्देश जारी किया है. इसलिए, आदेश को रद्द किया जाए.
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