प्रयागराज: पुलिस के खिलाफ गंभीर आरोपों पर कार्रवाई न करने का मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसपी ललितपुर को समन भेजा है. उनके अलावा केस के जांच अधिकारी (Investigation Officer) को भी अदालत ने तलब किया है.
महिला थाने में शिकायत दर्ज कराने गई थी. वहां उसकी फरियाद सनने की बजाय उसे ही लॉकअप में बंद कर दिया गया. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसपी ललितपुर और मामले के विवेचनाधिकारी को तलब किया है. अदालत ने एसपी को हलफनामा दाखिल कर बताने के लिए कहा है कि पीड़ित महिला की शिकायत अर्जी पर उन्होंने क्या कार्रवाई की है. ललितपुर की अभिलाषा की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने दिया. अदालतन ने ललितपुर एसपी को 30 नवंबर को हाजिर होने का आदेश दिया है.
अदालत ने ललितपुर एसपी से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा था कि पुलिस के खिलाफ गंभीर आरोपों के साथ याची की 11 जून 2021 की अर्जी उनके कार्यालय को मिली या नहीं. यदि मिली तो क्या कार्रवाई की गई. साथ ही विवेचना अधिकारी से पूछा था कि गंभीर आरोपों पर एनसीआर क्यों दर्ज की गई.
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ललितपुर पुलिस अधीक्षक ने हलफनामा दाखिल नहीं किया और आईओ (जांच अधिकारी) की सफाई से अदालत संतुष्ट नहीं हुई. याची का कहना है कि वो घटना की एफआईआर (FIR) दर्ज कराने थाने गई थी. एफआईआर दर्ज नहीं की गई. उलटे उसे ही 2-3 दिन तक लॉक अप में बंद रखा गया. इसकी शिकायत ललितपुर के एसपी से की गई. किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद याची अभिलाषा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है. कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक व जांच अधिकारी दोनों को 30 नवंबर को हाजिर होने का आदेश दिया है.
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