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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- अतिक्रमण मामले में निर्णय ले यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण - प्रयागराज समाचार हिंदी में

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को अतिक्रमण के मामले में निर्णय लेने का आदेश दिया. अदालत ने निर्णय होने तक अवैध निर्माण ध्वस्त करने पर रोक लगायी है.

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Published : Feb 22, 2022, 10:57 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की भूमि के अतिक्रमण ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ याचिका पर याची को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया और प्राधिकरण को सुनवाई कर कारण सहित आदेश पारित करने का आदेस भी दिया.

कोर्ट ने निर्णय लिए जाने तक ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगायी है और कहा है कि यदि दो हफ्ते में याची ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो अंतरिम संरक्षण आदेश अपने आप समाप्त हो जायेगा. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मंजू रानी की याचिका पर दिया. याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की.


ये भी पढ़ें- हाॅरर किलिंग: पिता ने सामने खड़ाकर बेटी और उसके प्रेमी पर चलवाई गोलियां, दोनों की मौत

याची पर आरोप है कि गौतमबुद्धनगर के जेवर तहसील के रबूपुरा गांव में स्थित प्राधिकरण की भूमि गाटा 177 पर अवैध कब्जा कर वह दुकान और आवास का निर्माण करा रहा है. 11अक्टूबर 2021 को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया था. चेतावनी दी गई थी कि अगर निर्माण नहीं हटाया, तो ध्वस्त कर खर्च वसूल किया जाएगा. इसे चुनौती दी गई थी. याची ने कहा कि उसे नोटिस का जवाब दाखिल करने का मौका दिया जाए. इस पर कोर्ट ने राहत देते हुए जवाब दाखिल होने पर तय करने का निर्देश दिया.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की भूमि के अतिक्रमण ध्वस्तीकरण नोटिस के खिलाफ याचिका पर याची को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया और प्राधिकरण को सुनवाई कर कारण सहित आदेश पारित करने का आदेस भी दिया.

कोर्ट ने निर्णय लिए जाने तक ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगायी है और कहा है कि यदि दो हफ्ते में याची ने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो अंतरिम संरक्षण आदेश अपने आप समाप्त हो जायेगा. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मंजू रानी की याचिका पर दिया. याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की.


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याची पर आरोप है कि गौतमबुद्धनगर के जेवर तहसील के रबूपुरा गांव में स्थित प्राधिकरण की भूमि गाटा 177 पर अवैध कब्जा कर वह दुकान और आवास का निर्माण करा रहा है. 11अक्टूबर 2021 को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया था. चेतावनी दी गई थी कि अगर निर्माण नहीं हटाया, तो ध्वस्त कर खर्च वसूल किया जाएगा. इसे चुनौती दी गई थी. याची ने कहा कि उसे नोटिस का जवाब दाखिल करने का मौका दिया जाए. इस पर कोर्ट ने राहत देते हुए जवाब दाखिल होने पर तय करने का निर्देश दिया.

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