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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, मुकदमों में वकील भेजें या अपर सॉलिसिटर जनरल खुद हाजिर हों

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अपर सॉलिसिटर जनरल से कहा है कि जिन मुकद्दमों की उनके द्वारा नोटिस ली गई हो, यह सुनिश्चित करें कि सुनवाई के दौरान कोई अधिवक्ता उपस्थित रहे अथवा वो स्वयं मौजूद रहें.

allahabad high court order
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Published : Dec 29, 2021, 8:37 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अपर सॉलिसिटर जनरल से कहा है कि जिन मुकद्दमों की उनके द्वारा नोटिस ली गई हो, यह सुनिश्चित करें कि सुनवाई के दौरान कोई अधिवक्ता उपस्थित रहे अथवा वो स्वयं मौजूद रहें. कोर्ट ने यह आदेश (Allahabad High Court Order) केस की सुनवाई के समय केंद्र सरकार की तरफ से किसी अधिवक्ता के मौजूद न रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिया.

बुधवार को एडवांस एजूकेशन सोसाइटी की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकल पीठ में सुनवाई चल रही थी. इसमें केंद्र सरकार भी पक्षकार है. केंद्र सरकार की ओर से कोई अधिवक्ता पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं था. इस पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए याची संस्था को अपना प्रत्यावेदन संबंधित विभाग को देने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें- NCRB Report : यूपी की जेलों में हैं सबसे अधिक मानसिक कैदी, आत्महत्या करने में भी यूपी का आंकड़ा सर्वाधिक

साथ ही कोर्ट ने अपर सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया कि भविष्य में वह उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, जिनमें केंद्र सरकार भी पक्षकार है स्वयं उपस्थित रहा करें या फिर अपने किसी अधिवक्ता को अधिकृत करें. याचिका डी एड एजेकेशन स्पेशल कोर्स की मान्यता दिलाए जाने को लेकर दाखिल की गई थी.

याची का कहना था कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद संस्थान के कोर्स की मान्यता नहीं दी जा रही है. इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता मौजूद नहीं था.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के अपर सॉलिसिटर जनरल से कहा है कि जिन मुकद्दमों की उनके द्वारा नोटिस ली गई हो, यह सुनिश्चित करें कि सुनवाई के दौरान कोई अधिवक्ता उपस्थित रहे अथवा वो स्वयं मौजूद रहें. कोर्ट ने यह आदेश (Allahabad High Court Order) केस की सुनवाई के समय केंद्र सरकार की तरफ से किसी अधिवक्ता के मौजूद न रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिया.

बुधवार को एडवांस एजूकेशन सोसाइटी की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकल पीठ में सुनवाई चल रही थी. इसमें केंद्र सरकार भी पक्षकार है. केंद्र सरकार की ओर से कोई अधिवक्ता पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं था. इस पर कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए याची संस्था को अपना प्रत्यावेदन संबंधित विभाग को देने का आदेश दिया.

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साथ ही कोर्ट ने अपर सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिया कि भविष्य में वह उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, जिनमें केंद्र सरकार भी पक्षकार है स्वयं उपस्थित रहा करें या फिर अपने किसी अधिवक्ता को अधिकृत करें. याचिका डी एड एजेकेशन स्पेशल कोर्स की मान्यता दिलाए जाने को लेकर दाखिल की गई थी.

याची का कहना था कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद संस्थान के कोर्स की मान्यता नहीं दी जा रही है. इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पक्ष रखने के लिए अधिवक्ता मौजूद नहीं था.

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