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हाईकोर्ट ने RO और ARO भर्ती में चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर लगायी रोक - ro aro recruitment exam

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने RO और ARO भर्ती में चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगाई है. अदालत ने प्रशासन से याचिका को लेकर जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
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Published : Apr 7, 2022, 8:37 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 9:03 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी, कंप्यूटर सहायक भर्ती 2021 में चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है. साथ ही महानिबंधक को 8 अप्रैल तक चुने गए अभ्यर्थियों को इस आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया ताकि अगर कोई चाहे तो याचिका में अपना पक्ष रख सके.

कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से एक हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रॉबिन सिंह और 38 अन्य की याचिका सहित एक दर्जन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया. याचिकाकर्ता की आपत्ति भर्ती परीक्षा के द्वितीय भाग कंप्यूटर आधारित टाइप टेस्ट में दिये गये अंकों और स्पीड को लेकर है.

कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार यह नहीं बता सकी कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जिसे यूपीपीसीएल ने ब्लैक लिस्टेड किया हुआ है, महानिबंधक ने भर्ती में उसकी सहायता क्यों ली. याचिका में 17 अगस्त 2021 को महानिबंधक ने जारी भर्ती विज्ञापन के तहत टाइप टेस्ट में अंक देने में पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया और कहा कि निर्धारित न्यूनतम अर्हता अंक 25 पाने के बावजूद उनका चयन नहीं किया जा सका.

ये भी पढ़ें- महंगे शौक और गर्ल फ्रेंड की डिमांड पूरी करने के लिए बनाया गैंग, तीन लुटेरे गिरफ्तार

20 मिनट में 500 शब्द बिना गलती के प्रति मिनट 25 शब्द की रफ्तार से टाइप किया जाने थे, जो न्यूनतम अर्हता थी. याची का कहना है कि यदि 15 मिनट में 400 शब्द टाइप करने वाला 25 शब्द प्रति मिनट की रफ्तार से टाइप करेगा, तो वह भी न्यूनतम अंक अर्जित कर लेगा. 50 में से 25 अंक लाने थे. याचियों का कहना है कि उन्होंने 25 अंक हासिल किये थे, फिर भी उनको नहीं चुना गया. यह चयन प्रक्रिया ठीक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया याची अंतरिम राहत पाने के हकदार हैं.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी, कंप्यूटर सहायक भर्ती 2021 में चुने गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है. साथ ही महानिबंधक को 8 अप्रैल तक चुने गए अभ्यर्थियों को इस आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया ताकि अगर कोई चाहे तो याचिका में अपना पक्ष रख सके.

कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से एक हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने रॉबिन सिंह और 38 अन्य की याचिका सहित एक दर्जन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया. याचिकाकर्ता की आपत्ति भर्ती परीक्षा के द्वितीय भाग कंप्यूटर आधारित टाइप टेस्ट में दिये गये अंकों और स्पीड को लेकर है.

कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार यह नहीं बता सकी कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) जिसे यूपीपीसीएल ने ब्लैक लिस्टेड किया हुआ है, महानिबंधक ने भर्ती में उसकी सहायता क्यों ली. याचिका में 17 अगस्त 2021 को महानिबंधक ने जारी भर्ती विज्ञापन के तहत टाइप टेस्ट में अंक देने में पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया और कहा कि निर्धारित न्यूनतम अर्हता अंक 25 पाने के बावजूद उनका चयन नहीं किया जा सका.

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20 मिनट में 500 शब्द बिना गलती के प्रति मिनट 25 शब्द की रफ्तार से टाइप किया जाने थे, जो न्यूनतम अर्हता थी. याची का कहना है कि यदि 15 मिनट में 400 शब्द टाइप करने वाला 25 शब्द प्रति मिनट की रफ्तार से टाइप करेगा, तो वह भी न्यूनतम अंक अर्जित कर लेगा. 50 में से 25 अंक लाने थे. याचियों का कहना है कि उन्होंने 25 अंक हासिल किये थे, फिर भी उनको नहीं चुना गया. यह चयन प्रक्रिया ठीक नहीं है. कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया याची अंतरिम राहत पाने के हकदार हैं.

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Last Updated : Apr 7, 2022, 9:03 PM IST
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