अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में हिजाब मामले को लेकर सोमवार को छात्र- छात्राओं ने प्रदर्शन किया. छात्रों ने आर्ट फैकल्टी से लेकर बाबे सैयद गेट तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला. छात्राओं का कहना है कि हिजाब हमारा मौलिक अधिकार है. इस दौरान विद्यार्थियों ने भारतीय संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस फोर्स गेट पर लगाई गई थी. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए छात्र नेता आरिफ ने बताया कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गयी है.
इसे भी पढ़ेंः हिजाब मामले को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन
एएमयू छात्रा गुलफिसा शायराना अंदाज में कहा कि 'कदम -कदम पर खुदा हमारा रहनुमा है'. गुलफिसा ने कहा कि कुछ लोग मुस्लिम लड़कियों का हिजाब उतरवाना चाहते हैं, लेकिन यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. हिजाब को लेकर किसी को नुक्ताचीनी करने का अधिकार नहीं है. हम हिजाब में खुश हैं और खुद को सुरक्षित मानते हैं. उन्होंने कहा कि झांसी की रानी भी नकाब लगाकर चलती थीं और हम भी उसी नस्ल के हैं. हमें कमजोर न समझा जाए. हम ताकतवर हैं. हम हिंदुस्तान की शान और इज्जत हैं. कुछ लोग इसे नहीं समझते. हमारा हथियार हमसे छीना जा रहा है.
छात्रा गुलफिसा ने कहा कि भारत सरकार हमारे दिल की आवाज को सुने. झांसी की रानी भी हिंदुस्तान का इतिहास है. छात्र नेता जानिब ने कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट से जो फैसला सुनाया गया है, उसमें इंसाफ नहीं मिला है. जब तक इंसाफ नहीं होगा तब तक हम लड़ते रहेंगे. जानिब हसन ने कहा कि हिजाब मामले को लेकर जिस जज को धमकी दी जा रही है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हम लोग लोकतंत्र पर भरोसा करते हैं. संविधान पर भरोसा करते हैं. हम अपनी बात प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के माध्यम से कहने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ लोग जज को धमकी देने का षड्यंत्र कर रहे हैं. यह भारतीय जनता पार्टी के लोग कर सकते हैं. यह नाथूराम गोडसे और सावरकर की विचारधारा पर चलने वाले लोग हैं. इससे हमारा कोई तालमेल नहीं है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप