अलीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय और डिफेंस कॉरिडोर का शिलान्यास किया. इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे. बता दें, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षाविद एवं समाज सुधारक राजा महेन्द्र प्रताप सिंह की स्मृति और सम्मान में प्रदेश सरकार द्वारा अलीगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है.
यह विश्वविद्यालय जनपद अलीगढ़ की तहसील कोल के ग्राम लोधा एवं ग्राम मूसेपुर के करीब जिरौली के कुल 92.27 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किया जा रहा है. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, छात्रावास, आवासीय भवन आदि के निर्माण के प्रथम चरण के लिए 101.41 करोड़ रुपए की लागत के निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में अलीगढ़ मण्डल के चारों जनपद-अलीगढ़, कासगंज, हाथरस एवं एटा शामिल हैं.
अलीगढ़ मण्डल के 395 महाविद्यालय, इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होंगे. इसकी स्थापना से अलीगढ़ मण्डल के छात्र-छात्राओं को उच्चस्तरीय शैक्षणिक सुविधाएं प्राप्त होंगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 फरवरी, 2018 को लखनऊ में उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट का शुभारम्भ करते हुए उत्तर प्रदेश में एक डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित किये जाने की घोषणा की थी. उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास के लिए कुल छह नोड-अलीगढ़, आगरा, कानपुर, चित्रकूट, झांसी एवं लखनऊ बनाए गए हैं. डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने 'उत्तर प्रदेश रक्षा तथा एयरोस्पेस इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन (प्रथम संशोधन) नीति-2019' लागू की है.
ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम के गृह जनपद में रहस्यमय बुखार का प्रकोप, 50 से अधिक लोग बीमार
अलीगढ़ नोड के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, 19 कम्पनियों को भूमि का आवंटन सुनिश्चित किया जा चुका है. यह कम्पनियां 1245 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी. प्रदेश सरकार ने अलीगढ़ में तीव्र गति से अवस्थापना एवं विकास के कार्य किए हैं. अलीगढ़ नोड में छोटे हथियार, आयुध, ड्रोन, एयरोस्पेस मेटल कम्पोनेण्ट्स, एण्टी ड्रोन सिस्टम, डिफेंस पैकेजिंग एवं अन्य इण्डस्ट्रीज प्रस्तावित हैं. उत्तर प्रदेश के डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर से देश को रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और 'मेक इन इण्डिया' को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.'