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Muslim Teacher Tilak Controversy- ताहिरा ने कहा: अध्यापक का पहला धर्म इंसानियत का पाठ पढ़ाना है

अलीगढ़ में हिंदू शिक्षा अधिकारी पर तिलक लगाने के विवाद को लेकर मुस्लिम शिक्षिका ताहिरा परवीन खुलकर सामने आई है और अपना पक्ष भी रखा है. खंड शिक्षा अधिकारी का तिलक लगाते फोटो वायरल होने पर दूसरे मुस्लिम शिक्षकों ने ताहिरा के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी सोशल मीडिया पर शुरू कर दी.

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मुस्लिम शिक्षिका तिलक विवाद
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Published : Jun 28, 2022, 6:40 PM IST

अलीगढ़: जिले में हिंदू शिक्षा अधिकारी पर तिलक लगाने के विवाद को लेकर मुस्लिम शिक्षिका ताहिरा परवीन खुलकर सामने आई है और अपना पक्ष भी रखा है. दरअसल कुछ दिन पहले बेसिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरित होकर आए नए खंड शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र का स्वागत कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें मुस्लिम शिक्षिका ने शिक्षा अधिकारी के माथे पर तिलक लगाकर उनका अभिनंदन किया था. यह बात अन्य मुस्लिम शिक्षकों को नागवार गुजरी. खंड शिक्षा अधिकारी (block education officer) का तिलक लगाते फोटो वायरल होने पर दूसरे मुस्लिम शिक्षकों ने ताहिरा के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी सोशल मीडिया पर शुरू कर दी.

इस मामले में शिक्षिका ताहिरा परवीन ने कहा कि हमारे नए खंड शिक्षा अधिकारी आए थे. उन्होंने बीआरसी पर चार्ज लिया था और उस समय अकेली महिला थी. वहां लोगों ने कहा कि हमारे यहां परंपरा है कि किसी का स्वागत टीका लगाकर किया जाता है और विभागीय परंपरा का निर्वहन किया.

ताहिरा परवीन, शिक्षिका

इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिस पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ (Junior High School Teachers Association) के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद खराब सोच रखते हुए टिप्पणी कर कहा गया कि एक मुस्लिम टीचर हिंदू अधिकारी का तिलक लगा रही है. यह बात मुझे अच्छी नहीं लगी. उन्होंने कहा कि मेरी अपनी सोच है कि एक अध्यापक को केवल इंसानियत का पाठ पढ़ाना चाहिए.

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मुस्लिम शिक्षिका तिलक विवाद

इसे भी पढ़ेंः लखनऊ में खोलते ही घर का गेट गिरा, मासूम की दबकर मौत

हम इंसान हैं और हमारा पहला धर्म इंसानियत है. टीका करने से मेरा धर्म परिवर्तन नहीं हुआ. लेकिन इससे मोहम्मद अहमद की सोच जाहिर होती है कि वह हिंदू-मुसलमान करना चाहते हैं. अगर उनकी मानसिकता ऐसी है तो वह अपने स्कूल में बच्चों को क्या पाठ पढ़ाते होंगे. हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर बीएससी सत्येंद्र कुमार ढाका से शिकायत की गई है.

वहीं, उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ (Uttar Pradesh Junior Teachers Association) के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने कहा कि यह मामला 6 जून का है और फोटो सोशल मीडिया ग्रुप पर डाला गया था. जिस पर मैंने कमेंट किया था. यह मेरा संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि मैं इस्लाम धर्म का मानने वाला हूं. इसलिए इस्लाम धर्म में कोई भी व्यक्ति को तिलक लगाने की इजाजत नहीं है.

उन्होंने कहा कि यह इस्लाम धर्म के खिलाफ है. मोहम्मद अहमद ने कहा कि यह मेरा पर्सनल कमेंट था और मुझे बुरा लगा. मोहम्मद अहमद ने कहा कि जिस समय कार्यक्रम हो रहा था. वहां हिंदू लोग भी थे. वह भी तिलक लगा सकते थे. लेकिन ताहिरा ने तिलक लगाया. यह इस्लाम के खिलाफ है. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार (Basic Education Officer Satyendra Kumar) ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी एक अध्यापक को शोभा नहीं देती है और मामले की जांच नगर खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई है, जो 3 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे.

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अलीगढ़: जिले में हिंदू शिक्षा अधिकारी पर तिलक लगाने के विवाद को लेकर मुस्लिम शिक्षिका ताहिरा परवीन खुलकर सामने आई है और अपना पक्ष भी रखा है. दरअसल कुछ दिन पहले बेसिक शिक्षा विभाग में स्थानांतरित होकर आए नए खंड शिक्षा अधिकारी सतीश चंद्र का स्वागत कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें मुस्लिम शिक्षिका ने शिक्षा अधिकारी के माथे पर तिलक लगाकर उनका अभिनंदन किया था. यह बात अन्य मुस्लिम शिक्षकों को नागवार गुजरी. खंड शिक्षा अधिकारी (block education officer) का तिलक लगाते फोटो वायरल होने पर दूसरे मुस्लिम शिक्षकों ने ताहिरा के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी सोशल मीडिया पर शुरू कर दी.

इस मामले में शिक्षिका ताहिरा परवीन ने कहा कि हमारे नए खंड शिक्षा अधिकारी आए थे. उन्होंने बीआरसी पर चार्ज लिया था और उस समय अकेली महिला थी. वहां लोगों ने कहा कि हमारे यहां परंपरा है कि किसी का स्वागत टीका लगाकर किया जाता है और विभागीय परंपरा का निर्वहन किया.

ताहिरा परवीन, शिक्षिका

इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिस पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ (Junior High School Teachers Association) के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद खराब सोच रखते हुए टिप्पणी कर कहा गया कि एक मुस्लिम टीचर हिंदू अधिकारी का तिलक लगा रही है. यह बात मुझे अच्छी नहीं लगी. उन्होंने कहा कि मेरी अपनी सोच है कि एक अध्यापक को केवल इंसानियत का पाठ पढ़ाना चाहिए.

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मुस्लिम शिक्षिका तिलक विवाद

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हम इंसान हैं और हमारा पहला धर्म इंसानियत है. टीका करने से मेरा धर्म परिवर्तन नहीं हुआ. लेकिन इससे मोहम्मद अहमद की सोच जाहिर होती है कि वह हिंदू-मुसलमान करना चाहते हैं. अगर उनकी मानसिकता ऐसी है तो वह अपने स्कूल में बच्चों को क्या पाठ पढ़ाते होंगे. हालांकि इस पूरे प्रकरण को लेकर बीएससी सत्येंद्र कुमार ढाका से शिकायत की गई है.

वहीं, उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ (Uttar Pradesh Junior Teachers Association) के जिलाध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने कहा कि यह मामला 6 जून का है और फोटो सोशल मीडिया ग्रुप पर डाला गया था. जिस पर मैंने कमेंट किया था. यह मेरा संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि मैं इस्लाम धर्म का मानने वाला हूं. इसलिए इस्लाम धर्म में कोई भी व्यक्ति को तिलक लगाने की इजाजत नहीं है.

उन्होंने कहा कि यह इस्लाम धर्म के खिलाफ है. मोहम्मद अहमद ने कहा कि यह मेरा पर्सनल कमेंट था और मुझे बुरा लगा. मोहम्मद अहमद ने कहा कि जिस समय कार्यक्रम हो रहा था. वहां हिंदू लोग भी थे. वह भी तिलक लगा सकते थे. लेकिन ताहिरा ने तिलक लगाया. यह इस्लाम के खिलाफ है. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार (Basic Education Officer Satyendra Kumar) ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी एक अध्यापक को शोभा नहीं देती है और मामले की जांच नगर खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई है, जो 3 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे.

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